'पाक के साथ पूरी जंग हो या फिर मसला सुलझे'

Webdunia
शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2016 (17:12 IST)
- रियाज़ मसरूर (श्रीनगर से)
 
भारत प्रशासित कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे कम से कम तीन सौ गांवों की ज़िंदगी जैसे थम सी गई है। पाकिस्तान के साथ चल रही तनातनी के बीच अक्सर सीमा पार से भारतीय सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच हो रही गोलाबारी से इन गांवों में लोग परेशानी में हैं।
अधिकारियों और एक चश्मदीद ने बताया कि शुक्रवार सुबह दोनों तरफ से गोलाबारी फिर से शुरू हो गई है। इसमें तीन आम नागरिक घायल हो गए हैं। गुरुवार को पाकिस्तान की तरफ़ से भारी मोर्टार फायरिंग में बीएसएफ़ का एक जवान मारा गया और सात आम नागरिक घायल हो गए थे।
 
बीते सोमवार को एक बीएसएफ़ कर्मचारी और एक नौ साल का बच्चा इसी तरह के एक हमले में मारे गए थे। बीएसएफ़ के अधिकारी का दावा है कि बदले में की गई गोलाबारी में उन्होंने कम से कम आठ पाकिस्तान सिपाही मार डाले हैं। हालांकि पाकिस्तान की तरफ से इस दावे को खारिज किया गया।
 
जम्मू कश्मीर सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता शाहिद इक़बाल चौधरी कहते हैं, "अतंरराष्ट्रीय सीमा रेखा के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले जम्मू, सांबा और कठुवा के 240 गांवों के एक लाख से अधिक लोग लगातार हो रही गोलाबारी से डर के साए में रह रहे हैं।"
ये तीन ज़िले पाकिस्तान के साथ 193 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं।
 
दोनों देश नियंत्रण रेखा और जम्मू फ्रंटियर पर 26 नवंबर 2003 को युद्ध विराम पर सहमत हुए, लेकिन दोनों देश एक-दूसरे पर इस समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाते रहे हैं।
 
अधिकारियों का कहना है कि भारतीय सेना के पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के अंदर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक्स के दावे के बाद से लगभग 25 बार पाकिस्तान युद्ध विराम का उल्लंघन कर चुका है।
 
बीएसएफ के डीआईजी धर्मेद्र पारेख कहते हैं कि जम्मू, कठुवा और सांबा में फैली 193 किलोमीटर सीमा के बाहर वर्तमान में पाकिस्तान 25 बीएसएफ सीमा पोस्टों को कवर करने वाली 35 किलोमीटर लंबी सीमा पर हमला कर रहा है।
 
बीएसएफ़ के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि जम्मू ज़िले के आरएस पुरा, अबदाल्लियान, अरनिया, सुचेतगढ़, कनाचक, पारगवाल और अन्य कुछ सब सेक्टरों पाकिस्तानी सेना के गोलाबारी तेज करने से सबसे अधिक प्रभावित हैं।
 
बीएसएफ के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया "उन्होंने 82 मिलीमीटर के मोर्टार और छोटे हथियारों से गोलाबारी की और हमने उनकी बराबरी के हथियारों से जवाबी हमले किए।"
 
आरएस पुरा तहसील के अन्य कई गांवों जैसे कोरोताना, विधिपुर, सुचेतगढ़, जोरा फार्म, घराना खुर्द, फलोरा से अधिकांश लोग पहले ही अपने पैतृक घरों से जा चुके हैं। अरना में तरेवा, जाबबोवाल, निककोवाल, साई जैसे अन्य गांव भी पूरी तरह से खाली हो चुके हैं।
 
बीबीसी को अबदाल्लियान गांव से एक सामुदायिक नेता बच्चन लाल ने बताया, "हमारे गांव लगभग अब लगभग खाली हो चुके हैं। अपने अपने मवेशियों को भी हटा लिया है और शून्य-रेखा से दूर खेतों में बांध दिया है।"
 
उन्होंने बताया कि अपनी जगह छोड़कर गए गांव वाले स्कूलों और अन्य सरकारी भवनों में रह रहे हैं। तीन महीनों में ये हमारा तीसरा प्रवासन है। जब गोलाबारी रुक जाती है अधिकारी हमे वापस जाने को कहते हैं, लेकिन तब पाकिस्तान दोबारा से गोलाबारी शुरू कर देता है।
 
बेकल दिखने वाले बच्चन लाल कहते हैं," सरकार को इसके लिए कुछ करना चाहिए। उन्हें या तो पाकिस्तान के साथ पूरी तरह से युद्ध के लिए जाना चाहिए या फिर इस देश के साथ इसे सुलझाना चाहिए।"
Show comments

Lok Sabha Chunav : रायबरेली में प्रियंका गांधी संभाल रहीं भाई राहुल का चुनावी कैंपेन, PM मोदी को लेकर लगाया यह आरोप

Sandeshkhali Case : बैरकपुर में प्रधानमंत्री मोदी का दावा, बोले- प्रताड़ित महिलाओं को धमका रहे TMC के गुंडे

केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में दी 10 गारंटी, कहा फेल हुआ भाजपा का प्लान

Gold ETF से निवेशकों ने अप्रैल में निकाले 396 करोड़, जानिए क्‍या है कारण...

FPI ने मई में की 17000 करोड़ से ज्‍यादा की निकासी, चुनाव काल में क्‍या है विदेशी निवेशकों का रुख

15000 में दुनिया का सबसे पतला स्मार्टफोन, 24GB तक रैम और 60 दिन चलने वाली बैटरी

53000 रुपए की कीमत का Google Pixel 8a मिलेगा 39,999 रुपए में, जानिए कैसे

Apple Event 2024 : iPad Pro, iPad Air, Magic Keyboard, Pencil Pro एपल ने लूज इवेंट में किए लॉन्च

Realme के 2 सस्ते स्मार्टफोन, मचाने आए तहलका

AI स्मार्टफोन हुआ लॉन्च, इलेक्ट्रिक कार को कर सकेंगे कंट्रोल, जानिए क्या हैं फीचर्स

अगला लेख