यूक्रेन पर रूस का दबाव लगातार बढ़ रहा है। यूक्रेन के दो इलाकों दोनेत्स्क और लुहान्स्क को मान्यता देकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपन रुख साफ़ कर दिया।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस मामले को लेकर किस कदर सख़्त हैं, इसकी एक झलक सोमवार को हुई एक बैठक के दौरान मिली। इस बैठक में रूस के कई बड़े अधिकारी मौजूद थे।
सुरक्षा से जुड़ी इस बैठक में दोनेत्स्क और लुहान्स्क पर जब रूस के विदेशी खुफिया विभाग के चीफ़ सलाह देने लगे तो पुतिन ने उन्हें चुप करा दिया। पुतिन का रवैया ऐसा था कि जवाब देते वक्त खुफिया एजेंसी के चीफ़ की ज़ुबान लड़खड़ाने लगी। ये पूरी घटना टीवी पर प्रसारित हो रही थी और अब इसका वीडियो पूरी दुनिया में वायरल है।
जब पुतिन बोले, साफ़ कहिये क्या कहना चाहते हैं?
टीवी पर जो तस्वीरें दिखीं, उनके मुताबिक इस बैठक के दौरान पुतिन रूस की विदेशी खुफिया एजेंसी के चीफ़ सर्गेई नेरिश्किन को बगैर 'लाग-लपेट के सीधा जवाब देने' के लिए कहते दिख रहे हैं।
इस वीडियो में सर्गेई ये कहते दिखते हैं,'' हमने आज जिस मुद्दे पर बातचीत की थी उस लागू करना करना चाहिए।"
इस पर उन्हें बीच में ही टोकते हुए पुतिन कहते हैं, "इसका मतलब क्या है? सबसे खराब स्थित में क्या? क्या आपका मतलब ये कि हम बातचीत शुरू कर दें।''
इस पर सर्गेई कहते हैं, "नहीं।" उनके ना कहने से पहले पुतिन एक बार फिर उन्हें टोकते हैं। पुतिन कहते हैं, "हम बातचीत शुरू करें या फिर उनकी संप्रभुता को मान्यता दे दें?" "साफ-साफ बोलिए, आप क्या कहना चाहते हैं?"
दोनेत्स्क और लुहान्स्क को मान्यता से जुड़े सवाल पर की खिंचाई
वीडियो फुटेज के आधार पर कई विश्लेषकों की राय है कि ख़ुफिया चीफ़ सर्गेई पुतिन को बातचीत की सलाह देना चाह रहे थे लेकिन उनके कड़े रुख को देख कर सहम से गए।
सर्गेई ने आगे कहा कि वह दोनेत्स्क और लुहान्स्क को मान्यता देने के फैसले का समर्थन करेंगे। पुतिन का रुख अब भी सख़्त था। उन्होंने पूछा, "करेंगे या करता हूं। साफ-साफ बोलिए।"
पुतिन के इस तरह सवाल पूछने से सहमे सर्गेई की जुबान लड़खड़ा गई। उन्होंने जवाब दिया, '' मैं दोनेत्स्क और लुहान्स्क को रूसी फेडरेशन को शामिल करने के फैसले के समर्थन करता हूं''
इस पर पुतिन ने कहा, "मैं उस पर बात नहीं कर रहा हूं। हम यहां उस पर विचार नहीं कर रहे हैं। हम यह बात कर रहे हैं कि उनकी आजादी को मान्यता दें या नहीं।" इस पर हिचकते हुए सर्गेई कहते हैं, '' हां, मैं उनकी आजादी को मान्यता देने के प्रस्ताव का समर्थन करता हूं। ''
बैठक में पुतिन को दोनेत्स्क और लुहान्स्क को औपचारिक मान्यता देने का अधिकार दिया गया। पुतिन की ओर से इस अधिकार के इस्तेमाल के बाद दोनेत्स्क और लुहान्स्क 'गणराज्य' में रूसी सैनिक शांतिरक्षक सेना के तौर पर दाखिल हुए।
पश्चिमी देशों ने रूस के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। इसके साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के कुछ देशों ने बड़ी रूसी कंपनियों और बैंकों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।
यूक्रेन की सीमा पर फिलहाल एक लाख रूसी सैनिक जमा हैं। विश्लेषकों की राय में दोनेत्स्क और लुहान्स्क को मान्यता देने के बाद यूक्रेन पर रूस के 'हमले का खतरा और बढ़ गया है।'
पश्चिमी देशों ने कहा है कि अगर रूस ने यूक्रेन पर पूरी तरह हमला किया तो उस पर व्यापक प्रतिबंध लगाए जाएंगे। हालांकि यूक्रेन को लेकर रूस के मौजूदा रुख में फिलहाल कोई नरमी नहीं दिख रही है।