वायनाड में राघुल गांधी से है राहुल गांधी का मुकाबला

Webdunia
बुधवार, 10 अप्रैल 2019 (08:19 IST)
इमरान कुरैशी, बेंगलुरु से, बीबीसी हिंदी के लिए
हम अक्सर ये सुनते हैं कि नाम से आखिर क्या होता है। चुनावों के मौसम में इसकी चर्चा और अधिक होने लगती है जब एक जैसे नामों वाले उम्मीदवार मैदान में एक-दूसरे के सामने उतरते नजर आते हैं।
 
ऐसा ही कुछ हो रहा है केरल की वायनाड सीट पर जहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती देने के लिए उनके ही नाम से मिलते-जुलते दो-दो उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं।
 
इनमें से एक उम्मीदवार का नाम है राघुल गांधी जो दावा करते हैं कि वो केवल नाम मिलने भर से इस दौड़ में नहीं हैं। वो कहते हैं, 'हम दोनों राजनेता हैं। राहुल गांधी एक राष्ट्रीय नेता हैं, और मैं एक राज्य स्तर का नेता। मैं एक गंभीर उम्मीदवार हूं।'
 
33 साल के राघुल का कांग्रेस से भी नाता रहा है। उनके पिता कांग्रेस सदस्य थे और दादा स्वतंत्रता सेनानी। यही वजह है कि उनके पिता ने उनका नाम राघुल रखा और उनकी बड़ी बहन का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी।
 
जमानत वापस पाना ही जीत होगी
राघुल गांधी कहते हैं, 'चुनाव अधिकारियों ने मेरी मदद केवल इसलिए नहीं की क्योंकि मेरा नाम राघुल गांधी है। नामांकन के लिए आवेदन में मैंने एक कॉलम नहीं भरा था और इसलिए मेरा आवेदन रद्द कर दिया गया।'
 
राघुल ने इसके बाद ठीक उसी दिन नामांकन दाखिल किया जिस दिन राहुल गांधी ने भी अपना पर्चा भरा। दसवीं तक की पढ़ाई करने वाले राघुल ने कहा, 'मेरे पास बहुत आयडिया हैं मगर उन्हें लागू करने के लिए मुझे ताकत चाहिए।'
 
कोयम्बटूर में घरेलू कर्ज़ जैसी आर्थिक सेवाएं दिलाने का काम करने वाले राघुल ने कहा कि अभी के वक्त में लोग बेरोज़गारी को लेकर काफी चिंतित हैं। लेकिन इस चुनाव से राघुल गांधी क्या हासिल करने की उम्मीद रखते हैं?
 
इसके जवाब में वो कहते हैं, 'जो पैसे मैंने प्रचार में लगाए हैं, उसे वापस पाने की उम्मीद करता हूं। इसके लिए हमें जीतने वाले उम्मीदवार का एक तिहाई वोट हासिल करना होगा. यही मेरे लिए जीत होगी।'
 
राहुल गांधी जैसे दूसरे नाम वाले उम्मीदवार से काफ़ी कोशिशों के बावजूद संपर्क नहीं हो पाया है। लेकिन एक बड़ी पार्टी के उम्मीदवार के नाम से ही चुनाव लड़ने वाले लोगों का मामला केवल वायनाड तक ही सीमित नहीं है।
 
कर्नाटक के मंड्या लोकसभा क्षेत्र में सुमालथा के नाम से दो प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। असल में यहां से एक अन्य निर्दलीय प्रत्याशी सुमालथा अम्बरीश चुनाव में खड़ी हैं जिनका कांग्रेस और बीजेपी से बागी हुए लोग समर्थन कर रहे हैं।
 
मांड्या सीट पर तीन-तीन सुमालथा
दूर-दराज के गांवों में प्रचार के लिए निकले इन लोगों से भी बात नहीं हो पाई। लेकिन इनमें एक उम्मीदवार के भाई श्रीधर ने कहा कि उनकी बहन ग्राम पंचायत और तालुका बोर्ड की चैयरमैन हैं।
 
श्रीधर कहते हैं, 'वो जनता दल सेक्युलर की सदस्य हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका समर्थन किया और उनसे चुनाव लड़ने को कहा क्योंकि उन्हें पहले भी प्रत्याशी बनाने को लेकर नजरअंदाज किया गया था।' सुमालथा नाम के तीनों उम्मीदवारों का मुकाबला निखिल गौड़ा से है। निखिल गौड़ा मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे और अभिनेता हैं।
 
असल में सुमालथा अम्बरीश कांग्रेस से बगावत करके खड़ी हुई हैं क्योंकि जेडीएस और कांग्रेस के बीच समझौते में ये सीट जेडीएस के हिस्से आई थी। इसकी वजह ये है कि पिछले विधानसभा चुनावों में यहां की अधिकांश सीटों पर जेडीएस की जीत हुई थी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

कौन थे रजाकार, कैसे सरदार पटेल ने भैरनपल्ली नरसंहार के बाद Operation polo से किया हैदराबाद को भारत में शामिल?

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ में बंजारुमाले गांव में हुआ 100 प्रतिशत मतदान

धीरेंद्र शास्‍त्री के भाई ने फिर किया हंगामा, टोल कर्मचारियों को पीटा

प्रवेश द्वार पर बम है, जयपुर हवाई अड्‍डे को उड़ाने की धमकी

दिल्ली में देशी Spider Man और उसकी Girlfriend का पुलिस ने काटा चालान, बाइक पर झाड़ रहा था होशियारी

AI स्मार्टफोन हुआ लॉन्च, इलेक्ट्रिक कार को कर सकेंगे कंट्रोल, जानिए क्या हैं फीचर्स

Infinix Note 40 Pro 5G : मैग्नेटिक चार्जिंग सपोर्ट वाला इंफीनिक्स का पहला Android फोन, जानिए कितनी है कीमत

27999 की कीमत में कितना फायदेमंद Motorola Edge 20 Pro 5G

Realme 12X 5G : अब तक का सबसे सस्ता 5G स्मार्टफोन भारत में हुआ लॉन्च

क्या iPhone SE4 होगा अब तक सबसे सस्ता आईफोन, फीचर्स को लेकर बड़े खुलासे

अगला लेख