Hanuman Chalisa

एस जयशंकरः स्टीफेंस और जेएनयू से मोदी कैबिनेट में सरप्राइज़ इंट्री तक

Webdunia
शुक्रवार, 31 मई 2019 (11:38 IST)
30 मई की शाम जब नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे तो उनकी कैबिनेट में शामिल नए चेहरों में एक नाम एस जयशंकर का भी था।वैसे तो सुब्रमण्यम जयशंकर की शोहरत बतौर कामयाब डिप्लोमैट की रही है। लेकिन कैबिनेट मंत्री के ओहदे पर उनकी नियुक्ति से ये बात तो साफ़ हो गई कि सरकार के भरोसे और ज़रूरत, दोनों ही कसौटियों पर वे खरे रहे हैं।
 
 
एस जयशंकर को कूटनीतिक महारत पिता के सुब्रमण्यम से विरासत में मिली है। उनकी गिनती भारत के प्रमुख रणनीतिक विश्लेषकों में की जाती है। पिछली मोदी सरकार में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य कारणों से इन चुनावों में हिस्सा नहीं लिया था।
 
 
ऐसे में ये माना जा रहा है कि एस जयशंकर को प्रधानमंत्री मोदी की नई कैबिनेट में विदेश मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है।जयशंकर ने लोकसभा चुनावों में हिस्सा नहीं लिया था तो ज़ाहिर है कि मंत्री बने रहने के लिए उन्हें राज्यसभा के आने वाले द्विवार्षिक चुनावों में भाग लेना पड़ेगा।
 
 
विदेश सचिव के पद पर नियुक्ति
सरकार में आने के आठ महीने के भीतर ही मोदी सरकार ने साल 2015 में तत्कालीन विदेश सचिव सुजाता सिंह को पद से हटाकर एस जयशंकर की नियुक्ति की थी।सुजाता सिंह की नियुक्ति यूपीए सरकार के ज़माने में हुई थी और कार्यकाल ख़त्म होने से पहले उन्हें हटाए जाने के तरीक़े पर उस वक्त विवाद भी हुआ था।
 
 
हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जाता है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह साल 2013 में जयशंकर को ही विदेश सचिव नियुक्त करना चाहते थे लेकिन अंतिम समय में उन्होंने सुजाता सिंह को यह पद सौंपा।

 
डिप्लोमैट जयशंकर
दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से पढ़े जयशंकर ने राजनीति विज्ञान में एमफिल किया है और जेएनयू से पीएचडी। उन्हें परमाणु कूटनीति में विशेषज्ञता हासिल है। अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक के गलियारों में जयशंकर एक करियर डिप्लोमैट रहे हैं। विदेश सेवा के 1977 बैच के अधिकारी रहे जयशंकर की पहली पोस्टिंग रूस के भारतीय दूतावास में रही।
 
वे तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के प्रेस सचिव भी रह चुके हैं। इसके बाद वे विदेश मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी रहे। अमरीका में भारत के प्रथम सचिव भी रहे। उन्होंने श्रीलंका में भारतीय सेना के राजनैतिक सलाहकार के तौर पर भी काम किया है। इसके बाद उन्होंने टोक्यो और चेक रिपब्लिक में भी भारत के राजदूत का पद संभाला। वह चीन में भी भारत के राजदूत रह चुके हैं।
 
 
चीन के साथ बातचीत के जरिए डोकलाम गतिरोध को हल करने में जयशंकर की बड़ी भूमिका मानी जाती है। जयशंकर ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसी वर्ष पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रहे जयशंकर ने विदेश सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं।
 
 
मोदी से नज़दीकी
मंत्रिमंडल में जयशंकर एकमात्र गैर-राजनीतिक चेहरा हैं। पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को भले ही बाहरी लोग सरप्राइज़ एंट्री के तौर पर देख रहे हों लेकिन उन्हें मोदी का क़रीबी प्रशासनिक अधिकारी माना जाता है।

 
इसका अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि बतौर विदेश सचिव उनका कार्यकाल 2017 में ही समाप्त हो रहा था लेकिन उनके पद को आगे के लिए बढ़ा दिया गया। वो साल 2015 से लेकर साल 2018 तक विदेश सचिव रहे।
 
 
मोदी की साल 2018 तक की लगभग हर विदेश यात्रा के दौरान जयशंकर उनके साथ रहे। साल 2018 में रिटायर होने के बाद उन्होंने टाटा ग्रुप में बतौर वैश्विक कॉर्पोरेट मामलों के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया।

 
क्यों ख़ास है जयशंकर का कैबिनेट में शामिल होना?
वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी एस जयशंकर को कैबिनेट में शामिल किये जाने को इस मंत्रिमंडल की सबसे ख़ास बात बताती हैं। उन्होंने बीबीसी से कहा कि यह एक संदेश है कि संभव है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे चलकर ऐसे और लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल करें।
 
 
हालांकि अभी तक यह तो स्पष्ठ नहीं है कि जयशंकर को कौन सा विभाग दिया जाएगा लेकिन बहुत हद तक संभव है कि उनके जिम्मे विदेश मंत्रालय रहे।
 
 
नीरजा कहती हैं कि अमेरिका और चीन के साथ काम करना आज के समय की ज़रूरत है, वो संबंध जयशंकर की नियुक्ति से और बेहतर होंगे। जयशंकर का चुना जाना विदेशी नीतियों के लिहाज़ से एक महत्वपूर्ण क़दम माना जा सकता है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

मुंबई किडनैपिंग कांड का सच, 17 बच्चों को बंधक बनाने और रोहित आर्य के एनकाउंटर की सनसनीखेज कहानी

CBSE Borad Exam Datesheet 2026 : सीबीएसई ने जारी की 10वीं-12 वीं के बोर्ड परीक्षा डेटशीट, जानिए क्या है तारीख

Jio यूजर्स को बड़ा तोहफा, 35100 की कीमत का Google AI Pro का एक्सेस मिलेगा फ्री

भारत के आगे फिर झुके Donald Trump, चाबहार पोर्ट पर दी 6 महीने की छूट

राहुल गांधी पर बरसे तेजप्रताप, कहा उन्हें छठ के बारे कुछ नहीं पता

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

iPhone 16 Pro Max की तरह लुक वाला सस्ता स्मार्टफोन, 50MP कैमरा और 5000mAh बैटरी

Vivo ने त्योहारी सीजन में सस्ते स्मार्टफोन लॉन्च कर बढ़ाई Samsung टेंशन, iPhone 17 को देंगे कड़ी टक्कर

सस्ता Samsung Galaxy M17 5G क्या दिखा पाएगा कमाल, जानिए क्या हैं फीचर्स

JioBharat : देश का पहला 'सेफ्टी फर्स्ट' मोबाइल फोन

OnePlus 15 मचा देगा बवाल, 7,300mAh की दमदार बैटरी और धांसू फीचर्स, जानिए कब होगा लॉन्च और क्या होगी कीमत

अगला लेख