क्या आप अपने स्पर्म को खुद ही मार रहे हैं?

Webdunia
शुक्रवार, 5 मई 2017 (13:47 IST)
क्या आप खुद से अपने स्पर्म को मार रहे हैं? मशहूर जर्नल बीएमजे ओपन के मुताबिक हर चार में से एक युवा के स्पर्म की गुणवत्ता कमजोर है। पूरी दुनिया में स्पर्म की क्वालिटी में गिरावट की समस्या देखी जा रही है।
 
विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी वजह नौकरी, जीवन शैली और कुछ ख़ास केमिकल है। स्पर्म की गुणवत्ता में गिरावट का मतलब है प्रजनन शक्ति में कमी आना। कहीं आपकी जीवन शैली भी तो ऐसी नहीं है जिससे स्पर्म को नुकसान हो रहा हो? 'मैंने अपना स्पर्म डोनर ढूंढा और शादी की' अब दो मर्द मिलकर बच्चे पैदा कर सकेंगे!
 
एक वैश्विक समस्या : बीएमजे ओपन के मुताबिक़ स्पर्म की गुणवत्ता में लगातार गिरावट के कारण 20 फ़ीसदी जोड़े बच्चे पैदा नहीं कर पा रहे हैं। माना जा रहा है कि यह किसी एक देश की बात नहीं है बल्कि दुनिया भर में ऐसा हो रहा है।
 
मौत के बाद पति के शुक्राणु मांगे : 1989 से 2005 के बीच फ्रांसीसी पुरुषों के स्पर्म काउंट में एक तिहाई की गिरावट आई है। पिछले 15 सालों में चीनी पुरुषों के स्पर्म काउंट में भी भारी गिरावट आई है।
 
आखिर आपके स्पर्म में ऐसी गिरावट क्यों आ रही है? : ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के मुताबिक यदि आप हफ्ते में 20 घंटे या उससे ज्यादा टीवी देखते हैं तो सतर्क हो जाइए। स्पर्म की गुणवत्ता में गिरावट का ज़्यादा टीवी देखने से सीधा संबंध है।
 
आर्काइव ऑफ इंटरनल मेडिसिन के अनुसार मोटापा भी आपके स्पर्म का दुश्मन है। सामान्य वजन वाले पुरुषों के मुकाबले मोटे पुरुषों के स्पर्म बेकार क्वालिटी के होते हैं। 42 फीसदी मोटे लोगों का स्पर्म खराब होता है। इसलिए आप अपने खान-पान पर ध्यान दें और साथ ही व्यायाम को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं।
 
नौकरी की वजह से आपकी दिनचर्या पर जो फर्क पड़ता है उसकी कीमत भी चुकानी पड़ती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फर्टिलिटी एंड स्टर्लिटी के मुताबिक माल ढुलाई करने वाले कामगारों और शेफ इस मामले में सबसे ज्यादा असुरक्षित होते हैं। इनमें स्पर्म की गुणवत्ता से जुड़ा सबसे ज़्यादा जोखिम होता है।
 
साइंटिफिक रिपोर्ट 2015 के अनुसार स्पर्म की गुणवत्ता कम करने में बिसफिनो ए (बीपीए) केमिकल का भी हाथ होता है। बीपीए आपके घर के कई सामानों में पाया जाता है। यह प्लास्टिक और कॉस्मेटिक चीजों में होता है।
 
एनएचएस 2010 के मुताबिक बीपीए की ज़्यादा मात्रा का स्पर्म डीएनए के नुक़सान से सीधा संबंध है। इससे स्पर्म की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
 
हमारी आधुनिक जीवनशैली, आहार और वातावरण के कारण भी स्थिति बिगड़ रही है। अब वक्त आ गया है कि इस मामले में टालमटोल को छोड़ दें। यदि आपको लगता है कि यह जरूरी है तो इसे लोगों से साझा करें।
Show comments

कौन थे रजाकार, कैसे सरदार पटेल ने भैरनपल्ली नरसंहार के बाद Operation polo से किया हैदराबाद को भारत में शामिल?

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ में बंजारुमाले गांव में हुआ 100 प्रतिशत मतदान

धीरेंद्र शास्‍त्री के भाई ने फिर किया हंगामा, टोल कर्मचारियों को पीटा

प्रवेश द्वार पर बम है, जयपुर हवाई अड्‍डे को उड़ाने की धमकी

दिल्ली में देशी Spider Man और उसकी Girlfriend का पुलिस ने काटा चालान, बाइक पर झाड़ रहा था होशियारी

AI स्मार्टफोन हुआ लॉन्च, इलेक्ट्रिक कार को कर सकेंगे कंट्रोल, जानिए क्या हैं फीचर्स

Infinix Note 40 Pro 5G : मैग्नेटिक चार्जिंग सपोर्ट वाला इंफीनिक्स का पहला Android फोन, जानिए कितनी है कीमत

27999 की कीमत में कितना फायदेमंद Motorola Edge 20 Pro 5G

Realme 12X 5G : अब तक का सबसे सस्ता 5G स्मार्टफोन भारत में हुआ लॉन्च

क्या iPhone SE4 होगा अब तक सबसे सस्ता आईफोन, फीचर्स को लेकर बड़े खुलासे

अगला लेख