Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

तेंदुलकर-धोनी को नहीं लेकिन मुझे अनपढ़ कहा जाता है: तेजस्वी यादव

हमें फॉलो करें तेंदुलकर-धोनी को नहीं लेकिन मुझे अनपढ़ कहा जाता है: तेजस्वी यादव
, गुरुवार, 1 मार्च 2018 (11:36 IST)
- रजनीश कुमार 
 
बिहार की राजनीति में हाल के महीनों में कई उतार-चढ़ाव देखे गए।
 
आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस का महागठबंधन हुआ और लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव उप-मुख्यमंत्री बनाए गए। उनको इस पद के लिए अनुभवहीन बताया गया। फिर उसके बाद यह महागठबंधन टूट गया और तेजस्वी विपक्ष के नेता की ज़िम्मेदारी संभालने लगे।
 
तेजस्वी सोशल मीडिया और अपने बयानों के ज़रिए बिहार और देश में चर्चा में रहते हैं। उन्होंने बीबीसी से विशेष बातचीत की।
 
तेज़ी से देश के इतने बड़े राज्य का उप-मुख्यमंत्री बनना और फ़िर उतनी ही तेज़ी से ही उसे छोड़ देना। यह आपके लिए कड़वा अनुभव नहीं रहा?
2012 के बाद से मैं पूरी तरह पार्टी के लिए काम करने लगा। बचपन से मैं सामाजिक और राजनीतिक रूप से अवगत रहा हूं और तभी से मैं पिताजी के साथ चुनाव प्रचार में रहा हूं। जब मौका मिला तब पहली बार चुनाव लड़ा और जीता।
 
महागठबंधन जब आपने किया तब एहसास नहीं था कि विचारों का टकराव होगा?
महागठबंधन जब हुआ था तब यह चुनौती थी कि संविधान की रक्षा करनी है और देश को एकजुट रखना है। नीतीश कुमार ने ख़ुद फ़ोन कर मदद मांगी थी और उन्होंने कहा था कि एक महागठबंधन बनना चाहिए। इस पर लोग शक़ तो करते थे, लेकिन देश के लिए ऐसा करना ही पड़ता है। सांप्रदायिक शक्ति को रोकने के लिए यह फ़ैसला था। कमंडल वाले लोगों को रोकने के लिए महागठबंधन बना था। नीतीश कुमार जी ने न जाने किस डर या लालच से आरएसएस-बीजेपी के आगे घुटने टेक दिए।
 
यही नीतीश कुमार पहले कहते थे कि हम मिट्टी में मिल जाएंगे बीजेपी में नहीं जाएंगे। हमारे पास क्या विकल्प था? हम उस समय यह तो नहीं कह सकते थे कि वह झूठ बोल रहे हैं। विधानसभा चुनाव में आरजेडी की सबसे अधिक सीटें आने के बावजूद भी हमने उन्हें मुख्यमंत्री पद दिया।
 
आपको कभी एहसास हुआ कि ऐसी स्थिति आगे आ जाएगी?
इतनी जल्दी ऐसा हो जाएगा यह नहीं पता था। पांच साल के लिए हमें बहुमत मिला था, लेकिन 18 महीने में यह हो गया। नीतीश कुमार जैसे लोगों से घिरे रहे हैं तो उनका प्रभाव उन पर पड़ना लाज़िमी था तो यह डर था।
 
तेजस्वी के कम अनुभवी नेता होने की बात कही जाती है, लेकिन आपका एजेंडा कितना नया है?
एजेंडा, विज़न, ब्लू प्रिंट सब नया है। मुझे उप-मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी दी गई थी तो उसका काम आप देख सकते हैं।
 
बिहार में शिक्षा का स्तर आज भी ऊपर नहीं उठ पाया है। आरजेडी का शासन भी बिहार में रहा, लेकिन यहां के बच्चे आज भी राज्य के बाहर पढ़ने जाते हैं?
लालू जी मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने सात-सात विश्वविद्यालय दिए। जब हमारी सरकार थी तो अध्यापकों की नियुक्तियां स्थाई की गईं। मैट्रिक की परीक्षा चल रही है, लेकिन 20 दिन पहले ही छात्रों को किताबें दी गई हैं। जूनियर इंजीनियर की बहाली में भी सिर्फ़ डिग्री लाने की बात कही जा रही है। ग़रीबों के बच्चे आरजेडी सरकार के समय ही स्कूल जाने लगे और यूएन ने चरवाहा विद्यालय की तारीफ़ भी की थी। लालू जी को चारा घोटाले के ज़रिए परेशान किया गया।
 
लेकिन चारा घोटाले में कोर्ट ने फ़ैसला दिया है?
निचली अदालत का फ़ैसला अंतिम नहीं है क्योंकि आगे सुप्रीम कोर्ट है। सुप्रीम कोर्ट ने डीए केस में सीबीआई से कहा था कि लालूजी के परिवार के पास एक भी पैसा नहीं है। इस बात का प्रचार क्यों नहीं किया गया? 1977 से चारा घोटाला चल रहा है और लालूजी 1990 में मुख्यमंत्री बने और उन पर साज़िश के आरोप हैं।
 
सामाजिक बराबरी के लिए बिहार में भूमि सुधार क्यों नहीं हो पाया?
सामाजिक न्याय तो आज तक अच्छे से लागू नहीं हो पाया है। मंडल कमीशन 10 फ़ीसदी भी लागू नहीं हो पाया है और जब हम आबादी के अनुसार आरक्षण बढ़ाने की मांग करते हैं तो कई लोगों के तन-बदन में आग लगने लगती है। यह ग़लत बात फैलाई जाती है कि हम जातिवादी हैं। जाति को बनाने वाले कौन लोग थे। वो कौन लोग थे जो कोरेगांव भीमा में दलितों के पीछे झाड़ू लटका देते थे। अगर लालू जी ने सबको एक बराबर बिठाया तो क्या ग़लत किया। जो लोग अंग्रेज़ों के ग़ुलाम थे और जिनकी देश की आज़ादी में भूमिका नहीं थी वो आज सत्ता में हैं। उन महात्मा गांधी के हत्यारों का देश में क्या योगदान है।
 
18 महीने के अपने कार्यकाल में फिर आपने भूमि सुधार के लिए क्या किया?
भूमि सुधार को लेकर सबसे अधिक दिक्कत किसको है? गिरिराज सिंह जाकर दलित की ज़मीन हड़प रहे हैं और उसके ख़िलाफ़ हम आवाज़ उठा रहे हैं तो यह क्या भूमि सुधार नहीं है। सत्ता में आने पर हम सामाजिक और आर्थिक न्याय करेंगे। मोहन भागवत और चिराग पासवान कहते हैं कि संपन्न दलितों को आरक्षण नहीं लेना चाहिए। फिर चिराग, उनके पिता और चाचा आरक्षित सीट से चुनाव क्यों लड़ते हैं। वो तो संपन्न हैं फिर उनको सामान्य सीट से लड़ना चाहिए।
 
90 के दशक में लालूजी अंधविश्वास को हटाने की बात करते थे, लेकिन मिर्ज़ापुर में किसी ओझा से मिलते हैं। इस पर आपका क्या कहना है?
वहां सब जाते हैं तो इसका मतलब है कि कोई किसी को पूज रहा है। राजनीतिक लोग सबसे मिलते हैं। हनुमान चालीसा में क्या है, वो अंधविश्वास थोड़े ही है।
 
आरजेडी को एक परिवार की पार्टी कहा जाता है। इसका बचाव आप कैसे करेंगे?
कीर्ति झा आज़ाद, नीतीश मिश्रा पहले इस्तीफ़ा दें उसके बाद मैं भी इस्तीफ़ा दे दूंगा। अश्विनी चौबे और सीपी ठाकुर के बेटे क्यों चुनाव लड़ रहे हैं। अनुराग ठाकुर कौन हैं? राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे सिंधिया इन सबके बेटे कौन हैं? मैं तैयार हूं इस्तीफ़ा देने के लिए, लेकिन इनसे पहले इस्तीफ़ा लीजिए। कन्याकुमारी तक परिवारवाद है। मैं जनता का निर्वाचित प्रतिनिधि हूं।
 
आरजेडी आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से बच नहीं पाई?
हत्या का मुकदमा ख़ुद ही बिहार के मुख्यमंत्री पर चल रहा है और 20 हज़ार का जुर्माना लगा है। 75 फ़ीसदी मंत्री दागी हैं। हमसे जुड़े लोगों के कोर्ट में बहुत से मामले चल रहे हैं इसलिए उन पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। राजनीतिक लोग धरने देते हैं तो इसको लेकर भी उन पर केस चल जाता है।
 
आपके पिता की राजनीति में वो कौन-सी चीज़ नहीं हो पाई जिसे आप करना चाहेंगे?
लालूजी को आज सब लोग याद कर रहे हैं। उन जैसा मास लीडर आज तक नहीं हुआ है। अभी हमारी शुरुआत है तो इसका आकलन अभी से नहीं किया जा सकता। मुझे अनपढ़ कहा जाता है जबकि इसका ज़िक्र नहीं किया जाता कि मैंने राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेला है। महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर सब मैट्रिक फ़ेल थे, लेकिन उनको कोई अनपढ़ नहीं कहेगा। मैं एक पिछड़े समाज का बेटा हूं इसलिए अनपढ़ कहा जाता है। इसी अनपढ़ का जवाब सत्ता में बैठे लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
 
तेजस्वी को मोस्ट एलीजिबल बैचलर कहा जाता है तो आप शादी कब करेंगे?
मुझे नहीं मालूम कि क्या कहा जाता है, लेकिन हमारे बिहार की संस्कृति में माता-पिता ही शादी तय करते हैं।
 
क्या आप अंतरजातीय विवाह कर सकते हैं?
अंतरजातीय या अंतरधार्मिक विवाह महत्व नहीं रखता। आजकल ऐसी बहुत-सी शादियां हो रही हैं और अंत में मेरा सभी फ़ैसला माता-पिता को ही लेना है।
 
 

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

जब मकान मालिकों ने किराये के तौर पर सेक्स मांगा...