क्या दुनिया फिर एक नए युद्ध की तरफ़ बढ़ रही है?

Webdunia
शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020 (07:22 IST)
जोनाथन मार्कस, बीबीसी संवाददाता
साल 2019 में दुनिया भर में रक्षा पर होने वाला खर्च 2018 के बनिस्बत चार फ़ीसदी बढ़ गया। बीते दशक के किसी एक साल में होने वाली ये सबसे बड़ी वृद्धि थी।
 
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फ़ॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज़ ने कुछ रोज़ पहले ही म्यूनिख़ सिक्योरिटी कॉन्फ़्रेंस में अपनी सालाना रिपोर्ट 'मिलिट्री बैलेंस' जारी किया है जिसमें ये आंकड़े शामिल किए गए हैं।
 
यूरोप में भी रक्षा ख़र्चों में बढ़ोतरी हुई है जबकि वित्तीय संकट से पहले वहां ये चलन नहीं देखा गया था। साल 2018 में यूरोपीय देशों ने रक्षा बजट दो फ़ीसदी की दर से बढ़ाया था जबकि पिछले साल ये वृद्धि चार फ़ीसदी थी। ये बताता है कि दुनिया बदल रही है और देशों के बीच प्रतिस्पर्धा फिर से लौट रही है।
 
एशिया का उदाहरण
चीन और अमरीका ने साल 2019 में रक्षा पर होने वाला अपना ख़र्च 6.6 फ़ीसदी की दर से बढ़ा दिया है। हालांकि अमेरिका का रक्षा बजट लगातार बढ़ रहा है जबकि चीन के मामले में इसकी रफ़्तार सुस्त है।
 
एशिया का उदाहरण देखें तो वहां क्षेत्रीय ताक़त के तौर पर चीन के उभरने के साथ ही इस महादेश का रक्षा पर होने वाला ख़र्च बढ़ता रहा है और ये सिलसिला लगातार जारी है।
 
एशिया में बीते एक दशक में सामान्य रक्षा ख़र्चों पर 50 फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इसकी एक वजह तो एशिया की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का बढ़ना भी है।
 
'मिलिट्री बैलेंस' की रिपोर्ट ये बताती है कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा माहौल में होने वाली दिक्कतों का असर रक्षा बजट से जुड़ी बहसों पर पड़ता है।
 
शीत युद्ध की छाया
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बने अंतरराष्ट्रीय राजनीति के तौर तरीकों को अब चुनौती दी जा रही है। इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है कि दुनिया में आज की तारीख में निशस्त्रीकरण के जितने भी समझौते हैं, उन पर शीत युद्ध की छाया महसूस की जा सकती है।
 
'मिलिट्री बैलेंस' की रिपोर्ट में इंटरमीडिएट रैंक न्यूक्लियर फ़ोर्सेज़ ट्रीटी यानी आईएनएफ़ समझौते के ग़ायब हो जाने का भी जिक्र है। ये समझौता अंतरमहाद्वीपीय और कम दूरी की मिसाइलों पर रोकथाम के लिए अमरीका और सोवियत संघ के बीच हुआ था। पिछले साल ट्रंप प्रशासन ने औपचारिक तौर पर इसे ख़त्म कर दिया
 
'न्यू स्टार्ट ट्रीटी'
परमाणु हथियारों को कम करने के लिए रूस और अमरीका के बीच हुए 'न्यू स्टार्ट ट्रीटी' के भविष्य को लेकर भी जानकार सशंकित हैं। 'न्यू स्टार्ट ट्रीटी' की मियाद ख़त्म होने में एक साल से भी कम समय बचा है। दो परमाणु ताक़तों के हथियारों के जखीरे की हद तय करने वाला ये एकमात्र समझौता है जो इस समय वजूद में है।
 
रूस के बर्ताव के लेकर नैटो देशों की चिंताएं लगातार बनी हुई है और इसका असर नैटो देशों के बढ़ते रक्षा बजट पर देखा जा सकता है।
 
यूरोप का ख़र्च भी बढ़ रहा है। रक्षा ख़र्च के मामले में यूरोप साल 2019 में उस स्तर पर वापस आ गया जहां वो वित्तीय संकट के शुरू होने के समय 2008 में था।
 
नैटो का इरादा
रिपोर्ट ये संकेत देती है कि रक्षा खरीद, रिसर्च और विकास में पहले से ज़्यादा रकम ख़र्च की जा रही है।
 
आईआईएसएस की रिपोर्ट बताती है कि यूरोपीय देशों के रक्षा ख़र्चे में हुई कुल वृद्धि का एक तिहाई अकेले जर्मनी के हिस्से से रहा है। आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2018 से 2019 के बीच जर्मनी ने अपना रक्षा बजट 9.7 फ़ीसदी बढ़ाया है।
 
हालांकि नैटो का इरादा है कि उसके सदस्य देश अपने सकल घरेलू उत्पाद का दो फ़ीसदी रक्षा पर ख़र्च करें लेकिन जर्मनी ने ये वादा पूरा नहीं किया है। नैटो के केवल सात देशों ने ये लक्ष्य पूरा किया है। वो हैं, बुल्गारिया, ग्रीस, इस्टोनिया, रोमानिया, लातविया, पोलैंड और ब्रिटेन।
 
रूस और चीन
रणनीति के स्तर पर रूस और चीन दोनों ही देश हाइपरसोनिक टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल पर ज़ोर दे रहे हैं। इसके तहत हाइपरसोनिक ग्लाइडिंग व्हीकल्स, हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलें और ऐसे सुपरफास्ट सिस्टम तैनात किए जा रहे हैं जो मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली को चुनौती दे सकते हैं।
 
रिपोर्ट क्रीमिया में रूस की शुरुआती कार्रवाई से लेकर पूर्वी यूक्रेन में दखलंदाज़ी को लेकर रूस के इनकार तक का जिक्र है। ये रिपोर्ट न केवल किसी देश की सैन्य ताक़त और खुफिया काबिलियत को दर्शाती है बल्कि ये भी बतलाती है कि कोई देश खुद नए तौर तरीकों को अपनाने के लिए कितना तैयार है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

Realme के 2 सस्ते स्मार्टफोन, मचाने आए तहलका

AI स्मार्टफोन हुआ लॉन्च, इलेक्ट्रिक कार को कर सकेंगे कंट्रोल, जानिए क्या हैं फीचर्स

Infinix Note 40 Pro 5G : मैग्नेटिक चार्जिंग सपोर्ट वाला इंफीनिक्स का पहला Android फोन, जानिए कितनी है कीमत

27999 की कीमत में कितना फायदेमंद Motorola Edge 20 Pro 5G

Realme 12X 5G : अब तक का सबसे सस्ता 5G स्मार्टफोन भारत में हुआ लॉन्च

अगला लेख