कहीं आप मेरी पत्नी तो नहीं हैं?

Webdunia
शनिवार, 9 अगस्त 2008 (21:44 IST)
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नाइजीरिया के मोहम्मद बेल्लो अबूबकर की उम्र 84 वर्ष है और उनकी 86 बीवियाँ हैं, लेकिन वे अन्य पुरुषों को सलाह देते हैं कि उनकी इस करनी को उदाहरण मानकर न अपनाएँ।

अपनी 86 बीवियों और कम से कम 170 बच्चों के साथ नाइजीरिया में रहने वाले अबूबकर कहते हैं कि खुदा का ही शुक्र है कि वे इतनी बीवियों के साथ सहज रह पाते हैं।

उन्होंने बीबीसी को बताया कि एक पुरुष की अगर 10 बीवियाँ हो तो उसका जीना बेहाल हो जाएगा, लेकिन अल्लाह ने मुझे शक्ति दी है जिस कारण मैं 86 बीवियों को संभाल रहा हूँ।

पूर्व में शिक्षक और इस्लाम के प्रचारक रह चुके अबूबकर कहते हैं कि उनकी बीवियों ने बीमारियों से निजात दिलाने की उनकी शोहरत के कारण ही उन्हें चुना है। वे कहते हैं कि मैं बीवियों की खोज में नहीं जाता बल्कि वे ही मेरे पास आती हैं। लेकिन नाइजीरिया के इस्लामी अधिकारियों ने अबूबकर के इस दावे को नहीं मानते हुए उनके परिवार को एक 'पंथ' करार दिया है।

इस्लाम के ज्यादातर विद्वानों का मानना है कि यदि एक व्यक्ति अपनी बीवियों को समान रूप से आदर और सम्मान दे सकने के काबिल है तो वह चार औरतों से शादी कर सकता है। लेकिन अबूबकर कहते हैं कि चार से अधिक शादियाँ करने पर कुरान में किसी प्रकार के दंड की बात नहीं की गई है।

जैसे ही अबूबकर बीबीसी से बात करने के लिए अपने घर से बाहर आए उनकी बीवियाँ और बच्चे उनका गुणगाण करने लगे। उनकी ज्यादातर बीवियों की उम्र 25 वर्ष से भी कम है। उनकी बीवियों ने बीबीसी को बताया कि विभिन्न बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए वे अबूबकर के पास सहायता लेने के लिए गईं और उनकी बीमारियाँ ठीक हो गई। इसी दौरान अबूबकर से उनकी मुलाकात हुई।

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शरीफत बेल्लो अबूबकर ने बताया कि जैसे ही मैं उनसे मिली मेरे सिर का दर्द जाता रहा। अल्लाह ने मुझे बताया कि उनसे शादी करने का समय आ गया है। अल्लाह का शुक्र है कि मैं अब उनकी बीवी हूँ।

अल्लाह की कृपा : शादी के वक्त शरीफत बेल्लो की उम्र 25 वर्ष थी और अबूबाकर 74 वर्ष के थे। बेल्लो अबूबकर और उनकी बीवियाँ कोई काम नहीं करती हैं और इतने बड़े परिवार के गुजारे के लिए प्रत्यक्षत उनके पास कोई साधन भी नहीं दिखता।

हर भोजन के समय उनके यहाँ 12-12 किलो के तीन बैग भर कर चावल इस्तेमाल होते हैं। और हर दिन के खाने का खर्च 915 डॉलर या 457 पाउंड बैठता है।

वे यह बताने से इनकार करते हैं कि कैसे वे अपने परिवार के लिए खाने और पहनने की व्यवस्था करते हैं। वे कहते हैं कि सब अल्लाह की कृपा है। उनकी एक बीवी का कहना है कि अबूबकर कभी-कभी अपने बच्चों को भीख माँगकर लाने के लिए कहते हैं।

अबूबकर अपने परिवार के सदस्यों और अन्य श्रद्धालुओं को दवा का सेवन नहीं करने देते हैं। वे कहते हैं कि आप मेरे साथ बैठते हैं और यदि आपको कोई बीमारी है तो मुझे इसका पता चल जाता है और मैं इसे दूर कर देता हूँ।

लेकिन सभी लोगों का रोग दूर नहीं होता। उनकी एक बीवी हफसत बेल्लो मोहम्मद कहती हैं कि उनके दो बच्चों की मौत हो गई थी, लेकिन साथ ही उनका यह भी कहना है कि अल्लाह ने कहा कि उन बच्चों के जाने का वक्त आ गया था।
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