वक्त की पाबंदी के लिए बोनस

- आंद्रेस शिपानी (बीबीसी न्यूज, बोलीविया)

Webdunia
BBC
आप दुनिया के किसी भी शहर में हों सुबह सात बजे से नौ बजे के बीच आप खुद को ट्रैफिक जाम में फँसा पाते हैं। लेकिन बोलीविया के ला पाज शहर में ऐसा नहीं है। वहाँ नौ बजे ही सारी भीड़ शुरू होती है।

लोग उसी समय काम पर जाने के लिए निकलते हैं, हालाँकि उन्हें अपने दफ्तर या फैक्ट्री में आधे या एक घंटे पहले होना चाहिए था। इस पुरानी सुस्ती या देर करने की बीमारी को 'बोलीवियाई समय' के नाम से जाना जाता है और अब सरकार इससे निपटने के लिए उन कर्मचारियों को बोनस देने जा रही है जो वक्त के पाबंद हैं।

ला पाज के एक टैक्सी चालक सैमुएल मेंडोजा खुद को अपवाद मानते हैं। वे कहते हैं कि चूँकि उन्हें विदेशियों के साथ काम करना पड़ता है, इसलिए उन्हें मजबूरन वक़्त की पाबंदी करनी पड़ती है। मेंडोजा अपने साथियों को अच्छी तरह जानते हैं और उनके अनुसार देर हो जाना उनकी ड्यूटी में शामिल है।

उन्होंने कहा, 'बोलीवियाई वास्तव में गैरजिम्मेदार हैं, यहाँ वक्त की पाबंदी का कोई चलन नहीं है, वे न तो काम पर ही समय से पहुँचते हैं और न ही किसी और जगह। ऐसा लगता है वे अपनी कलाइयों पर घड़ी नहीं पहनते हैं।'

उन्होंने कहा, 'यह बस बोलीवियाई है।'

यह सच है अगर आपको किसी किसी खास समय पर मिलने के लिए कहा गया है तो जान लीजिए कि अगर आप वाकई किस्मत वाले हैं तो वह आदमी आपको 30 मिनट बाद नजर आएगा। लेकिन अब बोलीवियाई सरकार का सोचना है कि इसमें बदलाव आना चाहिए। सरकार मेहनत-मजदूरी में सुधार पर काम कर रही है इसके अलावा यह देर से आने के इस राष्ट्रीय चलन को बदलने का इरादा रखती है।

' राष्ट्रीय बीमारी' :
और सरकार का मानना है कि इसमें बदलाव लाने का बस एक ही रास्ता है कि लोगों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाए। दक्षिण अमेरिका के बोलीविया जैसे एक गरीब देश में अतिरिक्त पैसे देने का मतलब बहुत से लोगों के लिए काफी मायने रखता है।

बोलीविया के श्रम मंत्रालय के एक वकील विक्टर ह्यूगो चावेज ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, 'बोलीवियाई परंपरागत तौर पर वक्त की पाबंदी के लिए नहीं जाने जाते हैं। इसलिए जो बोलीवियाई हर दिन समय से काम पर पहुँचते हैं उन्हें वक्त की पाबंदी का बोनस दिया जाएगा।'

और इससे अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ेगा। लेकिन राष्ट्रपति इवो मोराल्स की सरकार का माना है कि बोलीवियाई नगरिकों में समय की पाबंदी न होने और समय की बर्बादी के कारण देश को लाखों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ता है।

चावेज़ ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि इससे समय की पाबंदी बढ़ेगी जोकि हमारे जैसे ग़रीब देश के आर्थिक विकास के लिए काफी अच्छा होगा।'

कहा जाता है कि इस महीने यह कानून बिना किसी बड़े बदलाव के पारित हो जाएगा क्योंकि मोराल्स की पार्टी कांग्रेस में बहुमत में है। कहा जाता है कि इस राष्ट्रीय परंपरा का शिकार राष्ट्रपति मोराल्स खुद भी हैं क्योंकि वह अकसर रैलियों और जन सभाओं में देर से पहुँचते हैं।

एक बार ऐसा हुआ की सारे पत्रकार जिनमें मैं भी शामिल था गुस्से में उनके महल से बाहर आ गया क्योंकि उन्होंने एक पत्रकार सम्मेलन के लिए हमें तकरीबन दो घंटे इंतिजार करवाया था। इसी तरह अन्य सरकारी काम भी लेट-लतीफी का शिकार हैं। लापाज में जिस सड़क पर एक महीना पहले एक सुरंग बन जानी थी वह अब जाकर कहीं पूरी हुई है।

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