थ्रेड लिफ्टिंग से त्वचा में लाएँ कसाव

क्या है थ्रेड लिफ्टिंग?

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बहुत से लोग अपने उम्र के आधे पड़ाव पर इस बात को लेकर निराश रहते हैं कि उनकी त्वचा लटक गई है। इनमें वो लोग भी शामिल है जो अपनी त्वचा की देखभाल अच्छी तरह से करते हैं। पर चालीस से लेकर पचास की उम्र में त्वचा का लटकना बहुत आम है। चेहरे की झुर्रियों और लकीरों को आप मेकअप से छिपा सकते हैं लेकिन लटकी हुई त्वचा के लिए आपके पास कोई उपाय नहीं है।

यदि उम्र के साथ लटकी त्वचा को आप सुधारना चाहते हैं तो एकमात्र विकल्प है फेस लिफ्टिंग। जो लोग शो बिजनेस से जुड़े हैं उनके लिए तो यह बेहद जरूरी हो जाता है। लेजर या केमिकल पील से बात नहीं बनती और सौभाग्य से एक विकल्प आया है वह है थ्रेड लिफ्टिंग। जो फेस लिफ्टिंग से भी अधिक अच्छे परिणाम देता है।

  थ्रेड लिफ्ट की प्रक्रिया त्वचा में धागा डालकर की जाती है इस विशेष प्रकार के धागे में अत्यंत छोटी हुक के जैसी रचनाएँ निकली होती हैं और ये त्वचा के सतह पर स्थित ऊतकों को काटते चलते हैं। इससे वह क्षेत्र उठता चला जाता है और त्वचा को मिलती है कसावट।      
थ्रेड लिफ्ट को कंटूर लिफ्ट या रशियन लिफ्ट भी कहते हैं। यह उनके लिए वरदान है जो चेहरे पर चाकू-छुरी चलवाने से डरते हैं चाहे शल्यचिकित्सक कितना ही कुशल क्यों न हो। साथ ही इसमें फायदा यह है कि तकलीफ कम से कम होती है और ठीक होने में भी कम समय लगता है।

थ्रेड लिफ्ट की प्रक्रिया त्वचा में धागा डालकर की जाती है इस विशेष प्रकार के धागे में अत्यंत छोटी हुक के जैसी रचनाएँ निकली होती हैं और ये त्वचा के सतह पर स्थित ऊतकों को काटते चलते हैं। इससे वह क्षेत्र उठता चला जाता है और त्वचा को मिलती है कसावट।

इसके लिए त्वचा में बहुत ही छोटे छेद किए जाते हैं और विशेष प्रकार के धागे को सुई की सहायता से त्वचा में डाल दिया जाता है। धागा जिग-जैग पैटर्न में डाला जाता है। इन छोटे छेदों को भरने में समय नहीं लगता और सर्जरी बिना किसी घाव के, बिना पट्टी बाँधे पूरी हो जाती है। इसमें बेहोश किया जाता है लेकिन अस्पताल में भर्ती होना जरूरी नहीं है।

बहुत से लोग पाँच दिन में अपनी दिनचर्या में लौट आते हैं लेकिन फिर भी मुँह को ज्यादा खोलना और चेहरे की माँसपेशियों को तानने जैसी बातों से कुछ दिनों तक दूर रहना पड़ता है। कुछ दिनों तक सूजन रह सकती है लेकिन उसके लिए बर्फ का फेसपैक लगाया जाता है। कुछ समय तक घमौरियों जैसा अनुभव होता है लेकिन समय के साथ यह ठीक हो जाता है।

इसके परिणाम कुछ सप्ताह बाद ही दिखाई देते हैं। त्वचा के ऊतकों में प्राकृतिक कोलेजन बनने लगता है और धागे के आस-पास इकट्ठा होकर उसे स्थायी बना देता है अतः फेसलिफ्ट की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

इस सर्जरी का उपयोग साठ वर्ष के लोगों पर भी किया गया है और यह कारगर साबित हुई है। लेकिन यदि आपकी उम्र इससे भी अधिक है तो भी इसे करवाया जा सकता है पर इसके पहले आपकी त्वचा का लचीलापन जाँचना जरूरी है।

यदि आपने अपनी त्वचा की देखभाल अच्छी तरह से की है और धूप से, पराबैंगनी किरणों से उसे बचाया है तब तो आपके लिए थ्रेड लिफ्ट बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है। जिनका दिनचर्या अतिव्यस्त है उनके लिए तो थ्रेड लिफ्ट एक वरदान है क्योंकि इससे आपका चेहरा मास्क जैसा कभी भी नहीं लगता जो कि फेस लिफ्टिंग में लगने लगता है।

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