हर उम्र में आँखों की खास देखभाल

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- वंदना कश्य प

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आँखें हैं तो जहान है। अगर आप कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो आँखें न केवल जीवन भर आपका साथ देंगी, बल्कि उनका स्वास्थ्य व खूबसूरती भी बनी रहेगी।

आँखें शरीर का सबसे कीमती एवं महत्वपूर्ण अंग हैं, इसलिए इनके स्वास्थ्य की देखभाल विशेष तौर पर की जाना चाहिए। शिशु अवस्था से लेकर वृद्धावस्था तक आँखों की देखभाल कैसे की जाए, इस संबंध में कुछ उपयोगी उपाय।

शिशु अवस्था में :-
माँ को बच्चों की आँखों में से निकलने वाले लगातार डिस्चार्ज की ओर ध्यान देना चाहिए। यह आँखों की खराबी का प्रतीक हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर को मिलना जरूरी है। घटिया किस्म का काजल या सुरमा इस ख्याल से न लगाएँ कि यह बच्चे को नजर लगने से बचाएगा।

बचपन और टीनएज में :-
इस उम्र में आँखों के साथ ज्यादती की जाती है। बहुत ज्यादा टीवी देखने और कई घंटे पढ़ाई करने से आँखों पर जोर पड़ता है। आँखों में अगर कोई कमजोरी हो, जैसे दूर की नजर कमजोर हो या रंग विभेद दोष (कलर ब्लाइंडनेस) हो तो इस उम्र में उसका पता चल सकता है। हालाँकि ये कमियाँ आनुवांशिक हैं, फिर भी गलत आदतें इन्हें बढ़ा सकती हैं। इसके लिए कुछ टिप्स ध्यान में रखें।

* स्वस्थ भोजन लें, जिसमें विटामिन्स और पोषक तत्व हों। भोजन में आवश्यक तत्वों में किसी प्रकार की कमी हो तो आँखें कुछ बुझी-सी लगती हैं और कई समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।

* कई घंटे पढ़ने के बाद जब आँखें थक जाएँ तो आराम के लिए उन पर साफ ठंडे पानी के छींटें डालें।

* आँखों और किताब के बीच लगभग १२ इंच की दूरी रखें।

* आँखें या चेहरा पोंछने के लिए कभी किसी और का रुमाल या तौलिया प्रयोग में न लाएँ।

* आँखों की कसरत भी जरूरी है। खासकर अगर आपको कई घंटे बैठकर पढ़ना पड़ता है।

* टीवी देखते समय कोई लाइट जरूर जलाकर रखें।

युवावस्था में :-
कुछ प्रोफेशन ऐसे हैं, जैसे कम्प्यूटर्स से जुड़े, जिनसे आँखों पर बहुत जोर पड़ता है। अगर आप कम्प्यूटर पर अधिक समय काम करते हैं तो हर एक घंटे बाद पाँच मिनट का ब्रेक लें और आँखों की कोई कसरत करें।

* आँखों पर हथेलियाँ रखें जब तक सारे रंग दिखने बंद हो जाएँ और सिर्फ काला रंग नजर आए।

* आँखें तेजी से झपकाएँ। ऐसा २० बार करें।

* आँखों को इस तरह चौड़ा करें कि आँखें गोले के आकार से बड़ी हो जाएँ। पहले बाँई ओर देखें, फिर दाँईं ओर और फिर नीचे। इस तरह दोनों दिशाओं में चार-चार, छः-छः बार आँखें घुमाएँ।

सभी आयु वर्ग के लिए :-
* आँखों को धूल, मिट्टी और धुँए से बचाएँ।

* पढ़ते-लिखते या काम करते वक्त उचित रोशनी होना चाहिए।

* आँखों का फूलना या सूज जाना (पफी आइज) एक आम समस्या है। इसके लिए क्रीम, जैल या मॉइस्चराइजर लगाते समय हल्के हाथों से आँखों पर थपकियाँ दें। यह अतिरिक्त द्रव को बाहर करने में सहायक होता है।

* आँखों की क्रीम फ्रिज में रखें। ठंडी रहने से ये सूजन हटाने में सहायक होगी।

* बंद आँखों के ऊपर आलू या खीरे की स्लाइस या कद्दूकस किया हुआ आलू रखें, इससे सूजन कम होगी। बर्फीले पानी और दूध में रुई के फाहे भिगोकर आँखों पर रखें। जब फाहे गरम हो जाएँ तो फिर से ठंडे फाहे लगाएँ। ऐसा १५ मिनट तक करें। ऐसा करते समय यदि आप अपने पाँव तकिए पर या दीवार पर ऊँचे रख सकें तो और भी ज्यादा फायदा होगा।

बड़ी उम्र में :-
आपको आँखों से संबंधित तकलीफों का खास ध्यान रखना पड़ेगा। जैसे ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, डायबिटीज से संबंधित रेटीनोपैथी आदि। आँखों में थोड़ी भी तकलीफ हो तो डॉक्टर से सलाह लें।

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