नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मंगलवार देर रात स्पष्ट किया कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे घोषित करने के मामले में उस पर कोई बाहरी दवाब नहीं है।
आयोग ने राष्ट्रीय जनता दल के इस दावे के खंडन भी किया कि उसके 119 उम्मीदवारों की जीत हो गई है लेकिन रिटर्निंग आफिसर विजय का प्रमाण-पत्र नही दे रहे है। आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा और उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकार सम्मेलन में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग मतगणना की पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए मतों की गिनती का काम तेजी से कर रहा है और अंतिम नतीजे प्राप्त हो गए हैं और कुछ ही चरणों की मतगणना अब शेष रह गई है।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में जीत का अंतर अस्वीकृत पोस्टल बैलट पेपर से कम है वहां दोबारा उस पोस्टल बैलट की गिनती होगी। उन्होंने कहा कि 18 मई 2019 को आयोग ने इस संबंध में एक निर्देश जारी किया हुआ है जिसके तहत ही यह कदम उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि एक घंटा पहले एक राजनीतिक दल ने यह शिकायत की थी कि उसके विजयी उम्मीदवारों को जीत का प्रमाण-पत्र नहीं दिया जा रहा जबकि आयोग की वेबसाइट पर 146 सीटों के नतीजे आए हैं और 97 पर रुझान आए हैं। यह सार्वजनिक रूप से लोगों की नजर में हैं। उन्होंने कहा कि मतों की गिनती में पूरी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है और उस पर कोई दवाब काम नही कर रहा है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने इससे पहले आज शाम पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया कि मतगणना अधिकारियों को कहा गया है कि वे जल्दबाजी में मतों की गिनती का काम न करें।
उन्होंने यह भी बताया कि मतों की गिनती की रफ्तार में धीमी नही है बल्कि कोविड-19 के नए दिशा-निर्देशों को की वजह से मतगणना का काम पहले की तरह नहीं किया जा रहा है। मतदान केंद्रों की संख्या और ईवीएम संख्या बढ़ने के कारण मतगणना का काम अधिक हो गया है। (वार्ता)