Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

शिवसेना की बदौलत ही बिहार के मुख्‍यमंत्री बन पाएंगे नीतीश!

हमें फॉलो करें शिवसेना की बदौलत ही बिहार के मुख्‍यमंत्री बन पाएंगे नीतीश!
, बुधवार, 11 नवंबर 2020 (12:39 IST)
मुंबई। शिवसेना ने बिहार विधानसभा चुनाव में राजद नेता तेजस्वी यादव के लड़ने के जज्बे की प्रशंसा करते हुए और भाजपा पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि जदयू के कम सीटों के बावजूद अगर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद पर कायम रहते हैं तो इसका श्रेय शिवसेना को दिया जाना चाहिए।
पार्टी ने कहा कि भाजपा ने नीतीश कुमार से वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी चुनाव में कम सीटें भी लाती है तो भी वही बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
 
उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा कि भाजपा ने इसी तरह का वादा वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना से किया था लेकिन वह अपने वादे को कायम नहीं रख सकी जिसकी वजह से राज्य में राजनीतिक तमाशा हुआ।
 
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में प्रकाशित संपादकीय में लिखा कि जदयू बिहार चुनाव में 50 सीटे भी नहीं जीतेगी जबकि भाजपा ने 70 सीटें अपनी झोली में डाल ली है।
सामना ने लिखा, 'भाजपा नेता अमित शाह ने घोषणा की कि नीतीश कुमार बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे, भले उनकी पार्टी को कम सीटें मिलें, लेकिन इसी तरह का भरोसा शिवसेना को वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दिया गया था जिसका सम्मान नहीं किया गया और राज्य को राजनीतिक ‘महाभारत’ का गवाह बनना पड़ा।'
 
संपादकीय में लिखा गया, 'अगर नीतीश कम सीटों के बावजूद मुख्यमंत्री बनते हैं तो इसका श्रेय शिवसेना को जाना चाहिए।'
 
उल्लेखनीय है कि भाजपा और शिवसेना ने वर्ष 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव गठबंधन में लड़ा था लेकिन नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर पैदा हुए मतभेद के बाद दोनों अलग हो गए थे।
 
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने राजद नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद उम्मीदवार तेजस्वी यादव की बिहार चुनाव में दिखाए जुझारू जज्बे की प्रशंसा की।
 
सामना ने लिखा, 'बिहार ने तेजस्वी युग के उदय को देखा। वह अकेले सत्ता में बैठे लोगों से लड़े। यह कहना तेजस्वी के साथ अन्याय होगा कि बिहार में मोदी का जादू चला है। बिहार चुनाव जो शुरुआत में एकतरफा दिख रहा था, तेजस्वी की वजह से मुकाबला करीबी रहा।'
 
पार्टी ने कहा कि कंग्रेस के खराब प्रदर्शन की वजह से तेजस्वी की सरकार बनाने की संभावना धूमिल हुई।
 
संपादकीय के मुताबिक, 'तेजस्वी हारे नहीं हैं। चुनाव में हार का मतलब हार नहीं होता। उनकी लड़ाई, बड़ा संघर्ष है- न केवल परिवार में बल्कि पटना और दिल्ली में बैठे शक्तिशाली लोगों के खिलाफ।'
 
शिवसेना ने कहा, 'नरेन्द्र मोदी (प्रधानमंत्री) ने उन्हें ‘जंगलराज का युवराज’ कहा जबकि नीतीश कुमार ने मतदाताओं से भावनात्मक अपील की कि यह उनका आखिरी चुनाव है, लेकिन तेजस्वी ने चुनाव प्रचार में अपना ध्यान विकास, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा के मुद्दों पर केंद्रित किया।'
 
सामना ने लिखा, 'बिहार चुनाव ने राष्ट्रीय राजनीति में तेजस्वी के रूप में एक नया चमकता चेहरा दिया है। उन्हें शुभकामनाएं दी जानी चाहिए।' (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आईपीएल फाइनल में रोहित शर्मा से हुई थी बड़ी गलती, जताया खेद