बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचंड़ बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाले NDA गठबंधन की सरकार में अब विभागों का बंटवारा हो गया है। विभागों के बंटवारे में दो दशक बाद पहली बार गृह विभाग भाजपा के पास आकर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को प्रदेश में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सूबे में यह पहला मौका है जब नीतीश कुमार ने अपने पास गृह विभाग नहीं रखा है। वहीं सम्राट चौधरी को गृह विभाग देकर उनका कद एक झटके में बड़ा दिया गया है।
गृह विभाग मिलने पर क्या बोले सम्राट चौधरी- गृह विभाग संभालने को लेकर सम्राट चौधरी ने कहा मैं नीतीश कुमार द्वारा जमीन पर किए गए कामों को आगे बढ़ाने की कोशिश करूंगा। यह मेरे लिए बड़ी जिम्मेदारी है और मैं सुशासन को और मजबूत करने के लिए काम करूंगा।
सरकार में 'बड़े आदमी' बने सम्राट चौधरी- बिहार विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जब सम्राट चौधऱी के लिए तारापुर वोट मांगने पहुंचे थे तब उन्होंने लोगों से अपील की थी आप सम्राट चौधरी को जिताई, इन्हें बड़ा आदमी बनााना है। गृहमंत्री अमित शाह ने सम्राट चौधऱी की विधानसभा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि 'आप लोग बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को वोट देकर चुनाव जिताइये। अगर सम्राट चौधरी जीत गए तो मोदी जी इनको बहुत बड़ा आदमी बनाएंगे।' वहीं अब सम्राट चौधरी को नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम बनाने के बाद गृह विभाग की जिम्मेदारी देना उनके बढ़ते कद की तरफ साफ इशारा है।
बिहार में भाजपा का गेमप्लान- बिहार विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अवैध घुसपैठ को बड़ा मुद्दा बनाया था, खासकर मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में। वहीं सम्राट चौधरी अब गृहमंत्री के तौर पर राज्य से घुसपैठियों को बाहर करने में अहम भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा, पुलिस सुधार, खुफिया तंत्र को मजबूत करना और अपराध दर घटाना जैसे मुद्दों पर भाजपा का केंद्रीय एजेंडा अब राज्य स्तर पर लागू होगा। यह विभागीय नियंत्रण भाजपा को नीतीश पर निर्भरता कम करने और अपनी छवि को कानून का राज स्थापित करने वाला बनाने में मदद करेगा।
दरअसल गृहविभाग का बिहार के संदर्भ में और भी गहरा है। बिहार विधानसभा चुनाव में आज भी जंगलराज का मुद्दा हावी रहता है और नीतीश की सबसे बड़ी उपलब्धि यही रही कि उन्होंने कानून-व्यवस्था को मजबूत किया। लेकिन उनके पिछले कार्यकाल के अंत में अपराधों में वृद्धि को लेकर सहयोगी चिराग पासवान तक ने आलोचना की।अब भाजपा के पास यह विभाग होने से पार्टी अपनी चुनावी प्रतिबद्धताओं को लागू करने का मौका पाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव केवल विभागीय आवंटन से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है यह बिहार की कानून-व्यवस्था, राजनीतिक स्थिरता और भविष्य की सत्ता की दौड़ को प्रभावित करने वाला है।
नीतीश सरकार में गृह विभाग का भाजपा को गठबंधन सरकार में भाजपा के बढ़ते कद और बढ़ती शक्ति का स्पष्ट संकेत है। दरअसल किसी भी राज्य का गृह विभाग राज्य की कानून-व्यवस्था में सीधी भूमिका निभाता है और अब गृहविभाग का भाजपा के पास जाना सरकार में उसकी सीधी भूमिका को बढ़ाता है। नीतीश के पास प्रमुख प्रशासनिक विभाग रहते हुए भी अब गृह मंत्रालय भाजपा के पास रहने से सत्ता संतुलन में बदलाव दिख रहा है।