बीच चुनाव में रिश्वत बांट रहा है NDA, चुनाव आयोग चुप बैठा है
						
		
						
				
तेजस्वी यादव ने कहा- बिहार की जनता इनको सबक सिखाने का काम करेगी
			
		          
	  
	
		
										
								
																	RJD leader Tejashwi Yadav News: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने सत्तारूढ़ एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसी इमरजेंसी आ गई कि चुनाव के बीच में रिश्वत के तौर पर ये 10 हजार रुपए दिए जा रहे हैं? तेजस्वी ने इस मामले में चुनाव आयोग की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। 
 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	
	 
	खुलेआम रिश्वत : तेजस्वी यादव ने गुरुवार को पटना में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि आज भी सरकार द्वारा 10-10 हजार रुपए 10 लाख महिलाओं के खाते में पैसे डाले जा रहे हैं। इससे पहले 24 तारीख को भी रुपए डाले गए थे। उन्होंने कहा कि पैसे डाले जा रहे हैं और चुनाव आयोग चुपचाप बैठा है। खुलेआम रिश्वत दी जा रही है। कहां गई चुनाव आयोग की नैतिकता? चुनाव आयोग 10-10 हजार की रिश्वत के लिए चुनाव आयोग कैसे अनुमति दे सकता है।
	 
	सबक सिखाएगी जनता : एक सवाल के जवाब में राजद नेता तेजस्वी ने कहा कि अमित शाह ने कहा है कि बिहार में कारखाने और उद्योग नहीं लगाए जा सकते हैं क्योंकि बिहार में जमीन की कमी है। दरअसल, इनको केवल गुजरात में फैक्ट्री लगाना है, बिहार से तो केवल वोट लेना है। उन्होंने कहा कि चुनाव में बिहार की जनता इन्हें सबक सिखाएगी। ये लोग (भाजपा-जदयू) बिहार पर कब्जा करना चाहते हैं, लेकिन बिहार को तो बिहार का लाल ही चलाएगा। कोई बाहरी व्यक्ति बिहार को नहीं हथिया सकता है।
	
	
	
		भ्रष्टाचार में बिहार अव्वल : एक चुनाव रैली में तेजस्वी यादव ने कहा कि पूरे विश्व में रिश्वत खोरी, कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार में बिहार सबसे अव्वल है। उन्होंने लोगों से सवाल किया कि क्या बिहार में बिना घूस दिए किसी भी थाना और ब्लॉक में कोई काम होता है? क्या कमीशनखोरी के चलते 5 किलो राशन की बजाय प्रति व्यक्ति 3 किलो राशन यानि 2 किलो कम मिलता है कि नहीं? शराबबंदी फेल है कि नहीं? शराब हर जगह मिलती है कि नहीं? हर घर नल का जल योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी है कि नहीं? कितने घरों में इस योजना से पानी पहुंचा? उन्होंने कहा कि रिटायर्ड अधिकारियों और मंत्रियों के संगठित और संस्थागत भ्रष्टाचार को तो CAG भी प्रमाणित कर चुकी है।
 
								
								
								
										
			        							
								
																	
		Edited by: Vrijendra Singh Jhala