डॉ. अब्दुल कलाम की जयंती, जानें क्यों मनाया जाता है आज विद्यार्थी दिवस

एपीजे अब्दुल कलाम पर 10 पंक्तियां

WD Feature Desk
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024 (10:01 IST)
Abdul kalam : आज डॉक्टर अब्दुल कलाम साहब की जयंती है। उन्हें हम सभी एक वैज्ञानिक, मिसाइलमैन तथा भारत के पूर्व राष्ट्रपति के रूप में जानते हैं। आइए यहां जान‍ते हैं उनके जीवन के बारे में 10 विशेष बातें...
 
1. तमिलनाडु के रामेश्वरम् के एक गांव में 15 अक्टूबर 1931 को एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था। उनका पूरा नाम 'अबुल पक्कीर जैनुलआबेदीन अब्दुल कलाम' था। उनके जन्मदिन को हर साल विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है। 
 
2. आपको बता दें कि भारत में 15 अक्टूबर को 'विश्व छात्र दिवस' मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन भारत के ग्यारहवे राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम का जन्मदिन होता है, लेकिन भारत के बाहर इस दिन को कोई मान्यता नहीं है।
 
3. अब्दुल कलाम के पिता कम पढ़े-लिखे, लेकिन ऊंची सोच वाले व्यक्ति थे, जो कि मछुआरों को बोट किराए पर देकर अपना घर चलाते थे, उनके परिवार में 5 भाई और 5 बहनें थीं। अत: कलाम साहब का बचपन आर्थिक तंगी में बीता। बचपन में ही आत्मनिर्भर बनने की तरफ उनका यह पहला कदम था। अत: वे रामेश्वरम रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर जाकर समाचार पत्र एकत्र करके रामेश्वरम की सड़कों पर दौड़-दौड़कर उसका वितरण करते थे। 
 
4. उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा रामेश्वरम् में पूरी की तथा सेंट जोसेफ कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री करके मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। वे ऐसे प्रथम राष्ट्रपति हैं जो वैज्ञानिक थे और अविवाहित भी। 
 
5. डॉ. कलाम को विद्यार्थियों के प्रति विशेष प्रेम था। जिसे देखकर संयुक्त राष्ट्र ने उनके जन्मदिन को 'विद्यार्थी दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया। अब्दुल कलाम वह व्यक्ति थे जो पायलट बनना चाहते थे लेकिन किन्हीं कारणों से नहीं बन पाए। फिर भी हार न मानते हुए जीवन ने उनके सामने जो रखा उन्होंने उसे ही स्वीकार कर साकार कर दिखाया। 
 
6. उनका मानना था कि जीवन में कुछ भी यदि आप पाना चाहते हैं तो आपका बुलंद हौसला ही आपके काम आएगा। एपीजे अब्दुल कलाम को बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास के कार्यों की खोज के लिए ही भारत में 'मिसाइल मैन' के रूप में जाना जाता है।
 
7. उन्होंने सन् 2002 में देश के सर्वोच्च पद 11वें राष्ट्रपति पद के रूप में शपथ ली तथा देश के हर वैज्ञानिक का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया। वे भारत के राष्ट्रपति, जाने-माने वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में विख्यात थे। उन्हें मिसाइल मैन, भारतीय मिसाइल प्रोग्राम के जनक, पीपुल्स प्रेसिडेंट भी कहा जाता है। 
 
8. डॉक्टर अब्दुल कलाम साहब की पुस्तकें- विंग्स ऑफ फायर, इग्नाइटेड माइंड, इंडिया 2020, माय जर्नी आदि काफी प्रेरक हैं। उन्हें वर्ष 1981 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण तथा 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 
 
9. अब्दुल कलाम का निधन आईआईटी गुवाहटी में संबोधन के दौरान कार्डियक अरेस्ट से 27 जुलाई 2015 को हो हुआ था। उन्हें जनता के राष्ट्रपति नाम से भी जाना जाता हैं।
 
10. एपीजे अब्दुल कलाम वो महान शख्सियत हैं, जिन्होंने एक साधारण पृष्ठभूमि से उठकर इसरो और डीआरडीओ (ISRO and DRDO) में एक मशहूर एयरोस्पेस इंजीनियर के पद पर कार्य किया तथा 'मिसाइलमैन' उपनाम से जाने गए। इतना ही नहीं उन्होंने भारतीय गणतंत्र के 11वें निर्वाचित राष्ट्रपति के रूप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए खाएं ये सब्जियां, स्वास्थ्य रहेगा दुरुस्त

सफलता की सीढ़ियां चढ़ने वालों के लिए मार्गदर्शन हैं पद्म विभूषण रतन टाटा के 10 प्रेरणादायक कोट्स

फिटकरी के स्किन से लेकर सेहत तक के लिए हैं ये गजब के फायदे, जानकर आप भी करेंगे इस्तेमाल

कहीं आपके घर तो नहीं आ रहा मिलावटी गुड़, इन 5 ट्रिक्स से घर पर ही करें गुड़ की शुद्धता की पहचान

नॉर्मल डिलीवरी के लिए करें शरीर को तैयार, मां और शिशु दोनों के लिए है फायदेमंद

सभी देखें

नवीनतम

शरद पूर्णिमा का देवी लक्ष्मी से क्या है संबंध, जानिए शरद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

अमेरिका के लिए चीन बना इतिहास की सबसे बड़ी चुनौती

जानिए क्या है शरद पूर्णिमा और श्रीकृष्ण का रहस्यमयी संबंध

शरद पूर्णिमा का चांद क्यों माना जाता है इतना महत्वपूर्ण

शरद पूर्णिमा पर जानिए चांद की सोलह कलाएं और उनका महत्व

अगला लेख