छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर जानिए उनके जीवन की रोचक बातें

WD Feature Desk
मंगलवार, 18 फ़रवरी 2025 (07:38 IST)
Biography of Chhatrapati Shivaji Maharaj 2025 : नवीन मतानुसार हर साल छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती 19 फरवरी को मनाई जाती है। वे मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे और एक महान योद्धा और रणनीतिकार के रूप में जाने जाते हैं। शिवाजी महाराज का जन्म नाम 'शिवाजी' था, लेकिन उन्हें 'छत्रपति' की उपाधि दी गई थी। शिवाजी महाराज का बचपन उनकी माता के मार्गदर्शन में बीता, जिन्होंने उन्हें रामायण और महाभारत की कहानियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और मूल्यों की शिक्षा दी। ALSO READ: छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम और गौरवशाली इतिहास का दर्शन कराते हैं महाराष्ट्र के ये किले, परिवार के साथ जाएं घूमने
 
उनके जीवन से जुड़ी कई रोचक बातें हैं, आइए जानते हैं जिनमें से कुछ खास इस प्रकार हैं...
 
1. बचपन से ही रहे नेतृत्व क्षमता के धनी : शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी किले में हुआ था। उनकी माता जीजाबाई ने उन्हें बचपन से ही रामायण, महाभारत और अन्य वीरों की कहानियां सुनाईं, जिससे उनमें वीरता और नेतृत्व के गुणों का विकास हुआ। उन्होंने अपने साथियों को इकट्ठा करके किले जीतने के खेल खेले, जिससे उनकी रणनीतिक क्षमता का पता चलता है।
 
2. गोरिल्ला युद्ध के जनक के रूप में : शिवाजी महाराज ने अपने छोटे से सैन्य बल के साथ मुगल साम्राज्य जैसी बड़ी शक्ति को चुनौती दी। उन्होंने गोरिल्ला युद्ध नीति का इस्तेमाल किया, जिसमें अचानक हमला करके दुश्मन को चौंका दिया जाता था। इस युद्ध नीति ने उन्हें कई महत्वपूर्ण लड़ाइयां जीतने में मदद की।
 
3. धार्मिक सहिष्णुता : शिवाजी महाराज सभी धर्मों का सम्मान करते थे। उनका दृष्टिकोण हमेशा धर्मनिरपेक्ष रहा, अत: उनकी सेना में मुस्लिम सैनिक भी थे और उन्होंने कभी किसी धर्म के साथ भेदभाव नहीं किया। उन्होंने मस्जिदों और मंदिरों को समान रूप से सम्मान दिया और धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई।
 
4. छत्रपति शिवाजी का प्रजा प्रेम : शिवाजी महाराज अपनी प्रजा से बहुत प्यार करते थे। उन्होंने हमेशा उनकी भलाई के लिए काम किया तथा किसानों के लिए कई योजनाएं बनाईं और उन्हें करों में छूट दी। साथ ही महिलाओं के सम्मान की रक्षा की और उन्हें समाज में उचित स्थान दिलाया।
 
5. शक्तिशाली नौसेना की स्थापना : शिवाजी महाराज ने एक शक्तिशाली नौसेना का निर्माण किया। उन्होंने जहाजों का निर्माण करवाया और तटीय क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए नौसैनिक अड्डे स्थापित किए। उनकी नौसेना ने मराठा साम्राज्य को समुद्री हमलों से सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थीं।
 
6. कला-संस्कृति के संरक्षक: शिवाजी महाराज कला और संस्कृति के भी संरक्षक थे। उन्होंने कई कलाकारों और लेखकों को संरक्षण दिया। उनके दरबार में विभिन्न कलाओं का विकास हुआ और उन्होंने साहित्य को भी बढ़ावा दिया। 
 
7. कुशल प्रशासक और प्रशासनिक क्षमता : शिवाजी महाराज एक कुशल प्रशासक भी थे। उन्होंने अपने राज्य को 18 विभागों में बांटा और हर विभाग के लिए एक मंत्री नियुक्त किया। उन्होंने राजस्व प्रणाली को सुधारा और किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू कीं। इस तरह छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन साहस, नेतृत्व, धर्मनिरपेक्षता और प्रजा प्रेम का एक अनमोल उदाहरण है।

उनकी जयंती हमें उनके गुणों को अपनाने और देश और समाज की सेवा में समर्पित होने की प्रेरणा देती है। शिवाजी महाराज का निधन 03 अप्रैल 1680 को बीमार होने के कारण रायगड फोर्ट में हुआ था, हालांकि उनकी मौत के कारण को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं।

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