बॉलीवुड 2014 : कौन आगे? कौन पीछे?

समय ताम्रकर
बॉलीवुड के लिए 2014 मिला-जुला रहा। नौ फिल्में सौ करोड़ क्लब में शामिल हुईं जिसमें से तीन फिल्में दो सौ करोड़ क्लब का हिस्सा बनी। जरूरी नहीं है कि इन क्लब में शामिल सभी फिल्मों ने रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल की हो क्योंकि अब तो फिल्मों के बजट सौ करोड़ रुपये से ज्यादा रहने लगे हैं। हैप्पी न्यू ईयर और बैंग बैंग जैसी फिल्मों का बजट डेढ़ सौ करोड़ रुपये के आसपास है, लिहाजा इन फिल्मों के लिए इस क्लब में शामिल होना ही काफी नहीं है। सैटेलाइट्स राइट्स के सहारे कई फिल्मों का बेड़ा पार हुआ है, लेकिन वर्ष के दूसरे हिस्से में ये बुलबुला फट गया है। लिहाजा अब निर्माताओं को थिएटर बिजनेस पर ज्यादा निर्भर रहना होगा। परीक्षाएं, क्रिकेट, चुनाव, त्योहार, मौसम, पायरेसी जैसे दुश्मनों के बीच फिल्म इंडस्ट्री किसी तरह टिकी हुई है। इस बार कई बार ऐसे मौके आए जब सिनेमाघरों में दर्शकों का अकाल पड़ गया। बढ़ते टिकट रेट भी इसका अहम कारण है जिसके बारे में फिल्म इंडस्ट्री के विशेषज्ञों को गंभीरता से विचार करना चाहिए। अब आम दर्शक बहुत ज्यादा सिलेक्टिव हो गया है और वह चाहकर भी अपनी पसंद की हर फिल्म को सिनेमाघर में नहीं देख पाता है।  

 
ब्लॉकबस्टर 
इस साल बॉलीवुड के हाथ दो ब्लॉकबस्टर फिल्में लगीं। पीके और किक। पीके 90 करोड़ रुपये में तैयार हुई और इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल की। पीके में स्टार पॉवर होने के साथ-साथ दमदार कंटेंट भी है। फिल्म संदेश प्रधान है और लोगों को सोचने पर मजबूर करती है। ये फॉर्मूलाबद्ध फिल्म बनाने वाले फिल्मकारों के लिए सबक है कि यदि मनोरंजन के साथ संदेश प्रधान फिल्म बनाई जाए तो भी कामयाबी हासिल की जा सकती है। साजिद नाडियाडवाला की किक स्टार पॉवर के दबदबे को दिखाती है। सलमान खान जैसा मजबूत सितारा केवल अपने दम पर एक सामान्य फिल्म को ब्लॉकबस्टर बना देता है। इस फिल्म ने भी शानदार बिजनेस किया।
 
सुपरहिट 
रोहित शेट्टी लगातार हिट पर हिट दिए जा रहे हैं और इस वर्ष भी उन्होंने 'सिंघम रिटर्न्स' नामक ‍सुपरहिट फिल्म दी जो उनके करियर की सबसे बड़ी हिट है। युवा कलाकारों ने भी अपनी दस्तक दे दी है। अर्जुन कपूर, आलिया भट्ट, सिद्धार्थ मल्होत्रा और श्रद्धा कपूर जैसे अभी-अभी आए टिनी स्टार्स ने भी सुपरहिट फिल्म दे दी है। युवा वर्ग इन्हें पसंद कर रहा है। चेतन भगत के उपन्यास पर आधारित '2 स्टेट्स' को दर्शकों ने पसंद कर सुपरहिट बनाया तो 'एक विलेन' भी दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रही। कम बजट में बनाई गई इन फिल्मों ने सौ करोड़ रुपये से ज्यादा कलेक्शन कर ट्रेड विशेषज्ञों को चौंका दिया। 
 
हिट 
इस श्रेणी में जहां महंगी और बड़े स्टार्स को लेकर बनाई गई 'हैप्पी न्यू ईयर' और 'बैंग बैंग' शामिल हैं तो दूसरी ओर वे फिल्में भी हैं जो कम बजट में तैयार की गई है। हैप्पी न्यू ईयर और बैंग बैंग से कहीं ज्यादा उम्मीद थी और इन फिल्मों ने किसी तरह अपनी नाक बचाई। क्वीन अपने दमदार कंटेंट के कारण सफल रही। कंगना का उत्कृष्ट अभिनय और शानदार कहानी के कारण बड़े शहरों के दर्शकों ने फिल्म को पसंद किया। रानी मुखर्जी अभिनीत 'मर्दानी' को भी सराहना और सफलता मिली। कम बजट में तैयार नायिका प्रधान इन फिल्मों की कामयाबी सुखद अहसास है। सनी लियोन को लेकर सेक्स तड़के के साथ बनाई गई 'रागिनी एमएमएस 2' को भी अच्छी सफलता मिली। गुंडे और नए कलाकारों को लेकर बनाई गई 'हीरोपंती' तथा 'यारियां' भी हिट रहीं।  
 
औसत
कुछ फिल्में ऐसी भी रहीं जो बहुत ज्यादा मुनाफे का सौदा तो नहीं साबित हुईं, लेकिन अपनी लागत से ज्यादा वसूलने में कामयाब रही। इनमें हाईवे, मेरीकॉम, हॉलिडे, खूबसूरत, मैं तेरा हीरो और हेट स्टोरी 2 शामिल हैं। गौर करने वाली बात है कि इनमें से चार नायिका प्रधान है। इस साल ने साबित किया कि नायिका प्रधान फिल्में भी सफल रहती हैं। 
 
सराहना मिली
कुछ फिल्में ऐसी भी होती हैं जो बॉक्स ऑफिस को ध्यान में रख कर नहीं बनाई जाती हैं। गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जाता है। इन फिल्मों को भले ही कामयाबी ‍नहीं मिली हो, लेकिन फिल्म समीक्षकों की सराहना बटोरने में ये कामयाब रही हैं। इनमें फिल्मिस्तान, आंखों देखी, फाइंडिंग फैनी, लक्ष्मी, ज़ेड प्लस, हवा हवाई, मंजूनाथ, रंग रसिया, ये है बकरापुर, क्या दिल्ली क्या लाहौर और अग्ली प्रमुख हैं। 
 
नाम बड़े और दर्शन छोटे
नामी सितारों को लेकर कुछ ऐसी फिल्म बनी जिनसे जबरदस्त बिजनेस की उम्मीद थी, लेकिन दर्शकों ने इन्हें नकार दिया। अभय देओल की वन बाय टू, सैफ अली खान की हमशकल्स और हैप्पी एंडिंग, विद्या बालन की 'बॉबी जासूस' और 'शादी के साइड इफेक्ट्स', रेखा की 'सुपर नानी', माधुरी दीक्षित की 'गुलाब गैंग' और 'डेढ़ इश्किया', रणवीर सिंह की 'किल दिल', अजय देवगन की 'एक्शन जैक्सन', अक्षय कुमार की 'एंटरटेनमेंट', इमरान हाशमी की 'उंगली' और 'राजा नटवरलाल' प्रमुख हैं।  
 
स्टार्स का दम
आमिर खान ने अपनी प्रतिष्ठानुरूप प्रदर्शन किया और 2013 की तरह 2014 की सबसे बड़ी हिट उनके ही नाम रही। सलमान खान को 'जय हो' ने झटका दिया, लेकिन 'किक' ने स्थिति संभाल ली। शाहरुख खान की 'हैप्पी न्यू ईयर' को उनके स्टारडम के अनुरूप सफलता नहीं मिली। वर्ष की टॉप तीन फिल्मों पर खान तिकड़ी का कब्जा रहा। अजय देवगन की एक हिट और एक फ्लॉप रही। रितिक रोशन की 'बैंग बैंग' की सफलता की चमक फीकी रही। अक्षय कुमार का जादू घटता हुआ प्रतीत हुआ। वरुण धवन, सिद्धार्थ मल्होत्रा, रणवीर सिंह और अर्जुन कपूर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हीरोइनों में प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, कैटरीना कैफ के लिए वर्ष मिला-जुला रहा। आलिया भट्ट की रफ्तार ने इनकी नींद जरूर उड़ा दी है। सैफ अली खान, इमरान हाशमी, विद्या बालन, अभय देओल जैसे कलाकार साइड लाइन हो गए हैं, लेकिन वापसी का मौका इनके पास है। गोविंदा, माधुरी दीक्षित और रेखा की वापसी निराशाजनक रही। 
 
नए कलाकार
टाइगर श्रॉफ और कृति सेनन जैसे दो ऐसे कलाकार बॉलीवुड को मिले जिनमें स्टार बनने की संभावना है। पत्रलेखा (सिटी लाइट्स) के रूप में एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री मिली है। ज्यादातर नए कलाकारों ने निराश ही किया।

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