‘हाल ही में मुझे यूगांडा सरकार की ओर से आमंत्रित किया गया था। हमने 25 मिलियन यूएस डॉलर की राशि जुटाकर वहाँ के प्रधानमंत्री को दी।‘ अपनी यूगांडा यात्रा के बारे में सयाली कहती हैं ‘यूगांडा के लोग दोस्ताना व्यवहार करते हैं। मैंने उनसे कहा कि मुझे उनसे जलन होती है क्योंकि वे प्रकृति के नजदीक रहते हैं। वहाँ प्रदूषण नहीं है। भारतीय होने के नाते मुझे उनकी यह बात अच्छी लगी कि वे महात्मा गाँधी की बहुत इज्जत करते हैं। यूगांडा एक डेवलपिंग कंट्री है, लेकिन प्रकृति के नजदीक कैसे रहा जाता है ये बात उनसे सीखी जा सकती है।