अक्षय कुमार की फिल्म का पहले नाम 'लक्ष्मी बम' था जिसे विवादों के चलते 'लक्ष्मी' कर दिया गया। 2020 की ईद पर इसे रिलीज करने की बात हुई थी। सलमान खान भी 'राधे' को ईद पर लाने वाले थे। दोनों फिल्मों की जोरदार टक्कर के मजे को कोरोनावायरस ने खराब कर दिया। सलमान तो अब 2021 की ईद पर 'राधे' को लाने की सोच रहे हैं, लेकिन तेजी से काम करने वाले अक्षय ने तुरत-फुरत फैसला लिया और ज्यादा इंतजार करने के बजाय ओटीटी प्लेटफॉर्म को फिल्म दिखाने के लिए दे दी। साथ ही यह रिकॉर्ड भी बना दिया कि पहली बार इतने बड़े सितारे की कोई फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सिनेमाघर के पहले दिखा दी गई।
अक्षय की 'लक्ष्मी' को खास पसंद नहीं किया गया। फिल्म समीक्षकों को तो यह बहुत ही खराब लगी, लेकिन इनकी प्रतिक्रियाओं का अक्षय की फिल्म देखने वालों पर खास फर्क नहीं पड़ता। लेकिन अक्षय के फैंस को भी 'लक्ष्मी' पसंद नहीं आई। कहते हैं कि ओटीटी प्लेटफॉर्म वालों ने भी जो उम्मीद पाल रखी थी उस पर 'लक्ष्मी' खरी नहीं उतर पाई। ओरिजनल फिल्म का मजा रीमेक में नहीं आया और फिल्म बेहद लाउड लगी।
अब सवाल यह है कि यदि अक्षय की फिल्म सिनेमाघर में रिलीज होती तो कितना बिज़नेस करती? अब इसका सटीक जवाब दे पाना कठिन है, लेकिन अनुमान लगाया जा सकता है। अनुमान लगाने के लिए कुछ पैमाने इस्तेमाल किए जा सकते हैं। जैसे, दर्शकों की प्रतिक्रियाएं, इस तरह की फिल्में भारत के किस क्षेत्र में अच्छा या खराब प्रदर्शन करती, दिवाली पर रिलीज होती तो क्या होता, दिवाली पर रिलीज नहीं होती तो क्या होता?
यदि यह फिल्म दिवाली वाले वीक या नॉन हॉलिडे पर रिलीज होती तो संभवत: इसका व्यवसाय 110-115 करोड़ रुपये के आसपास रहता। यदि दिवाली वाले सप्ताह में रिलीज होती तो त्योहार का फायदा इस फिल्म को मिलता और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भारत में 135-140 करोड़ रुपये (नेट) के आसपास रहता।
फिल्म को कुछ बड़े शहर जैसे मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली में अच्छे दर्शक मिल सकते थे क्योंकि इन शहरों में इस तरह की फिल्में पसंद की जाती हैं, लेकिन मध्यप्रदेश, बिहार, बंगाल में फिल्म के कलेक्शन संभवत: कम रहते। कुल मिलाकर 'लक्ष्मी' के कलेक्शन अक्षय कुमार की पिछली रिलीज फिल्मों (गुड न्यूज, हाउसफुल 4, मिशन मंगल) से कम ही रहते।