April Fool Day: अप्रैल फूल दिवस हर वर्ष एक अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन कोशिश रहती है कि किसी को मूर्ख बनाया जाए और इसके लिए लोग खूब प्लानिंग करते हैं। कई बार प्लान फेल हो जाते हैं और बनाने वाला खिसयाता रह जाता है।
वैसे बनने और बनाने का यह खेल साल भर चलता रहता है। ज्यादातर नेताओं के लिए रोजाना अप्रैल फूल डे होता है। वे यह जानते हुए भी घोषणा करते रहते हैं कि उनके किए गए ये वादे वे कभी पूरा नहीं कर पाएंगे। और पब्लिक भी यह सब जानते हुए बनती रहती है।
मिलावटखोर, धोखेबाज और बेईमान लोग के लिए रोजाना मूर्ख दिवस होता है क्योंकि 'सेटिंग' के आड़ में वे अपना धंधा गलत तरीके से करते हैं।
बहरहाल, अप्रैल फूल दिवस के दिन किसी को बनाने में किसी तरह की मिलावट नहीं होती है। यह शुद्ध मजाक रहता है।
अप्रैल फूल के प्रसंग कुछ फिल्मों में मिलते हैं, लेकिन इस नाम की एक फिल्म भी बन चुकी है। इस फिल्म के लेखक, निर्माता और निर्देशक थे सुबोध मुकर्जी।
फिल्म में बिस्वजीत और सायरा बानू लीड रोल में थे। साथ में जयंत, सज्जन, नाजि़मा जैसे कलाकार भी थे।
नायक अशोक एक अमीर परिवार से रहता है। उसे मजाक करना पसंद है और एप्रिल फूल डे के दिन तो वो खूब लोगों को बनाता है।
ऐसे ही एक अप्रैल फूल दिवस पर उसका मजाक मधु को उसके करीब ला देता है। दोनों में इश्क हो जाता है। एक बार मधु और अशोक ऐसा मजाक करते हैं कि उनकी जान पर बन आती है।
इंटरनेशनल गैंग उनकी तथा उनके परिवार वालों के पीछे लग जाती है और किस तरह से वे बचते हैं यह फिल्म में दिखाया गया है। यह रोमांटिक कॉमेडी फिल्म 1964 में रिलीज हुई थी।
फिल्म में शंकर जयकिशन का संगीत और हसरत जयपुरी के गीत थे। मोहम्मद रफी द्वारा गाया 'एप्रिल फूल बनाया, तो उनका गुस्सा आया' बेहद लोकप्रिय था और एक अप्रैल को सुनने को अक्सर मिल जाता है। उनकी पहली नज़र क्या असर, तुझे प्यार करते हैं, आ गले लग जा भी काफी लोकप्रिय हुए थे।
पुरानी या हल्की-फुल्की फिल्म देखने के शौकीन है तो इस फिल्म को देख सकते हैं।