Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

ब्रह्मास्त्र ने की बोलती बंद, बायकॉट गैंग की लंका जल कर खाक

हमें फॉलो करें ब्रह्मास्त्र ने की बोलती बंद, बायकॉट गैंग की लंका जल कर खाक
, मंगलवार, 13 सितम्बर 2022 (16:52 IST)
लाल सिंह चड्ढा और शमशेरा जैसी फिल्में क्या फ्लॉप हुईं, बॉलीवुड फिल्मों का बायकॉट करने की मुहिम चलाने वालों को गुमां हो गया कि उनकी मेहनत रंग लाई और करोड़ों की लागत से बनी फिल्में उनके शोर के कारण ही फ्लॉप हुईं। इससे उत्साहित होकर वे 'ब्रह्मास्त्र' फिल्म की लुटिया डूबोने में जुट गए। चूंकि ब्रह्मास्त्र से रणबीर कपूर, आलिया भट्ट और करण जौहर जुड़े हुए हैं जो पहले से ही 'बायकॉट गैंग' के निशाने पर हैं इसलिए इस फिल्म को फ्लॉप कराने की मुहिम तेज कर दी गई। 
 
रिलीज के पहले रणबीर कपूर को उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने से रोक दिया गया। बीफ के संबंध में उन्होंने वर्षों पूर्व बयान दिया था उसको आधार बनाया गया। इससे 'बायकॉट गैंग' को अपने द्वारा भड़काई गई आग में घी डालने का मौका मिल गया। रिलीज के पहले लोगों को भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर मैसेज डाले गए। कलाकारों और फिल्म को लेकर इनको लेकर कई नकारात्मक बातें लिखी गईं और सभी को लगा कि फिल्म पहले शो से ही फ्लॉप रहेगी। 
 
पर ये क्या, ब्रह्मास्त्र की ओपनिंग तो ऐसी हुई कि पिछले दो-तीन बरसों में किसी बॉलीवुड या हिंदी मूवी की नहीं हुई (आरआरआर और केजीएफ 2 दक्षिण भारतीय फिल्में हैं)। बायकॉट गैंग के होश उड़ गए कि लोगों पर इस बार उनकी अपील का कैसे असर नहीं हुआ? 
 
चलिए, एक बार मान लेते हैं कि इनकी अपील का असर होता है, लेकिन हर दस दिन में इस तरह की अपील का तीर चलाते रहेंगे तो तीर की नोंक कुंद होना निश्चित है। हकीकत तो ये है कि बायकॉट गैंग की अपील बहुत ज्यादा असर नहीं करती है। पहला कारण तो ये कि इस तरह अपील और उसका अनुसरण वो लोग करते हैं जिन्होंने बरसों से टिकट लेकर सिनेमा नहीं देखा है। जब ये फिल्म देखने जाते ही नहीं है तो फिर इनसे क्या डरना? 

webdunia
 
दूसरा कारण, 25 बरस से कम उम्र वालों पर इनकी अपील कोई मायने नहीं रखती। ब्रह्मास्त्र ऐसी मूवी है जिसको देखने की उत्सुकता सबसे ज्यादा बच्चों और टीनएजर्स में हैं। जिसने पहले दिन का पहला शो देखा हो वो जानता है कि थिएटर में 95 प्रतिशत पब्लिक इसी उम्र वालों की थी। 
 
सोशल मीडिया के 'शेरों' ने पहले दिन ब्रह्मास्त्र की हवा बिगाड़ने की कोशिश यह कह कर की, कि ब्रह्मास्त्र की ओेपनिंग खराब हुई है। सिनेमाघर में दर्शक नहीं जा रहे हैं। मल्टीप्लेक्स चेन चलाने वालों को नुकसान हो रहा है। लेकिन ये मुहिम काम नहीं आई क्योंकि कई लोग ऐसे भी सामने आए जिन्हें सिनेमाघर का टिकट नहीं मिला। थिएटर हाउसफुल नजर आए। 
 
इधर करण जौहर ने हॉलीवुड और साउथ इंडिया फिल्ममेकर्स की तर्ज पर चलते हुए ग्रॉस और वर्ल्ड वाइड कलेक्शन देना शुरू कर दिया। यह आंकड़ा बहुत बड़ा और समझने में मुश्किल होता है। पहले दिन का 75 करोड़ और दूसरे दिन का 85 करोड़ का ग्रॉस कलेक्शन का आंकड़ा पेश कर दिया गया जिससे 'बायकॉट गैंग' की बोलती बंद कर दी। 
 
लेकिन बॉयकॉट गैंग की हार मानने को तैयार नहीं थी। उन्होंने फिल्म के कलेक्शन पर ही सवाल उठा दिए। सवाल ये उठता है कि अब तक उन्होंने कलेक्शन पर सवाल क्यों नहीं उठाए? जब 'लाल सिंह चड्ढा' जैसी फिल्मों के कलेक्शन कम आए तो जश्न मनाया गया, लेकिन 'ब्रह्मास्त्र' का कलेक्शन ज्यादा आया तो घपला नजर आने लगा। कहा जा रहा है कि ये कलेक्शन क्या मंगल या गुरु ग्रह के हैं? थिएटर में दर्शक नहीं है तो कलेक्शन कैसे आ रहे हैं? 
 
ये सारी बातें अंगूर खट्टे वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। हकीकत तो ये है कि 'बायकॉट गैंग' इस समय बुरी तरह आहत है। मुंह की खाई है उसने। ब्रह्मास्त्र के कलेक्शन इस गैंग को मुंह चिढ़ा रहे हैं। युवाओं ने ब्रह्मास्त्र के टिकट खरीद कर बहिष्कार मुहिम की हवा निकाल दी है। फिल्म सुपरहिट होगी या ब्लॉकबस्टर ये तो आने वाले दिनों में पता चलेगा और यह फिल्म की गुणवत्ता पर निर्भर करता है, लेकिन फिल्म की शानदार ओपनिंग ने बता दिया है कि नकारात्मक बातें बेअसर होने लगी है।
 
पहले लोगों को यह बताया जाता रहा कि क्या खाएं। फिर बताया जाने लगा कि क्या पहनें। अब यह बताया जा रहा है कि क्या देखें। आगे चलकर क्या-क्या बताया जाएगा अनुमान नहीं लगाया जा सकता। बेहतर होगा कि कच्चे दिमाग वाले इन बातों का असर न होने दें और जो इस तरह के 'आव्हान' कर रहे हैं वो सही और मुद्दापरक बातों के लिए दिमाग खर्च करें। दरअसल सोशल मीडिया पर बायकॉट बॉलीवुड का ट्रेंड दौड़ाने वाले अपनी 'वर्चुअल लंका' पर गर्व कर रहे थे, जिसे ब्रह्मास्त्र की सफलता ने आग लगा कर खाक कर दिया। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नैनीताल जा रहे हैं तो ये 5 जगह देखना न भूलें