मोहेंजो दारो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही है और अब कारण ढूंढे जा रहे हैं। खबर आ रही है कि फिल्म के निर्देशक आशुतोष गोवारीकर के निर्माताओं से मतभेद थे। रिलीज के महीने भर पूर्व बातचीत बंद हो गई थी। इसका असर फिल्म के प्रचार और बॉक्स ऑफिस परफॉर्मेंस पर हुआ। आइए चर्चा करते हैं उन सात कारणों की जिनके कारण फिल्म असफल रही।
अजीब नाम मोहेंजो दारो एक कठिन नाम था और यह दर्शकों की जुबां पर कभी नहीं चढ़ पाया।
कठिन विषय आशुतोष गोवारीकर ने एक ऐसा विषय चुना जिस पर फीचर फिल्म बनाना बहुत ही मुश्किल है। इस पर वृत्तचित्र बनाया जाता तो ज्यादा बेहतर रहता।
लचर स्क्रिप्ट फिल्म की कहानी और स्क्रिप्ट में कुछ भी नया नहीं था। कहानी घिसी-पिटी थी। न तो यह मनोरंजन करती है और न ही 'मोहेंजो दारो' के बारे में दर्शकों के ज्ञान का इजाफा होता है।
लागत बनी मुसीबत मोहेंजो दारो पर 145 करोड़ रुपये की फिल्म बनाना सही निर्णय नहीं कहा जा सकता। एक ऐसी फिल्म जिसकी यूनिवर्सल अपील न हो इतनी बड़ी लागत वसूलना अत्यंत ही मुश्किल काम है।
कमजोर निर्देशन आशुतोष गोवारीकर का निर्देशक बेजान रहा। निर्देशक के रूप में उनका विषय और कहानी चुनना कई सवालिया निशान लगाता है। प्रस्तुतिकरण के मामले में भी वे पीछे रहे।
फीकी स्टारकास्ट इतनी महंगी फिल्म में सिर्फ रितिक रोशन ही ऐसे सितारे हैं जिनके बारे में दर्शक जानते हैं। हीरोइन और सपोर्टिंग कास्ट यदि दमदार होती तो फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छी ओपनिंग कर सकती थी।
बेदम प्रचार किसी भी फिल्म का ट्रेलर अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। 'मोहेंजो दारो' के पहले ट्रेलर ने निराश किया। इसे देख ही कई लोगों ने फिल्म को नहीं देखने का फैसला ले लिया। फिल्म का प्रचार इस तरह किया गया कि दर्शक समझ ही नहीं पाए कि यह किस तरह की फिल्म है और उनमें फिल्म के प्रति उत्सुकता पैदा नहीं हो पाई।