फिल्म 'साहब, बीवी और गैंगस्टर', साहब बीवी और गैंगस्टर रिर्टन बॉक्स ऑफिस पर सफल रही साथ ही क्रिटिक्स ने भी फिल्म को सराहा। इस बार तिग्मांशु धूलिया अपनी फिल्म 'बुलेट राजा' को लेकर चर्चा में हैं। इसमें सैफ अली खान और सोनाक्षी सिन्हा मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे। पेश है तिग्मांशु धुलिया से फिल्म 'बुलैट राजा' को लेकर हुई बातचीत के अंश-
' बुलैट राजा' की कहानी क्या है
यह एक माफिया राजा मिश्रा ऊर्फ बुलेट राजा की कहानी है। मैं पूर्वी उत्तरप्रदेश में गैंगस्टरों की कहानियां सुनता आया हूं। इन्ही सबको मिलाकर यह कहानी तैयार की है। दो दोस्तों के गैंगस्टर बनने की कहानी है। बुलेट राजा यारीबाज है, लेकिन उसके कुछ मूल्य हैं। उसे बंदिश पसंद नहीं है।
फिल्म के लिए रिसर्च भी किया?
रिसर्च की जरूरत नहीं पड़ी। उत्तर भारत के हालत और राजनीति स्थिति के बारे में जानता हूं।
फिल्म में राजनीति है?
नहीं, यह मेरे करियर की पहली फिल्म है, जिसमें कहीं कोई विवाद नहीं है। पॉलिटिकल फिल्म नहीं है। यह एक मनोरंजक फिल्म है।
इरफान की बजाय सैफ को फिल्म में लेने का खास कारण?
पहले फिल्म में इरफान खान थे, लेकिन उन्हें हॉलीवुड की फिल्म के लिए जाना था। पटकथा में बदलाव कर विद्युत जामवाल को लिया गया। पटकथा लिखते समय ही सैफ का नाम हमारे दिमाग में था। सैफ को फिल्म में जोड़ने का कारण सौ करोड़ क्लब का हिस्सा बनना नहीं है। फिल्म की यूएसपी सैफ अली खान हैं। लोग 'बुलेट राजा' सैफ अली खान को देखने के लिए आएंगे। ट्रेलर से ही फिल्म को अच्छा रिस्पांस मिला है।
फिल्म में सोनाक्षी का किरदार?
सोनाक्षी फिल्म में कोलकाता में संघर्ष कर रही एक एक्ट्रेस के रूप में दिखाई देंगी। वे फिल्म में गलत समय पर गलत जगह पहुंच जाती हैं और उनकी मुलाकात लखनऊ में सैफ से होती है। फिर उनका एक रिश्ता बन जाता है।
फिल्म की शूटिंग कहां-कहां की है?
फिल्म की शूटिंग लखनऊ, कोलकाता, नासिक और मुंबई में की गई है।
फिल्म में बेहतरीन सीन ?
- यह बता पाना मुश्किल है। फिल्म देखकर दर्शक ही बताएंगे कि कौन-सा सीन बेहतरीन है।
फिल्म की खास बात?
फिल्म का किरदार गैंगस्टर होते हुए भी अच्छे जीवन मूल्यों वाला है। परिवार और प्यार में यकीन करता है। भगत सिंह को आदर्श मानता है। इस किरदार से लोगों को प्यार हो जाएगा।
सुना है सोनाक्षी और सैफ को आपने हिन्दी उच्चारण सिखाया?
एक निर्देशक के तौर पर यह मेरा काम है। फिल्म की पृष्ठभूमि नवाबी शहर लखनऊ पर आधारित है। वहां का एक लहजा है। हमने दोनों कलाकारों को हिन्दी का उच्चारण नहीं बल्कि लहजा सिखाया है।
फिल्म में सैफ के काम से खुश हैं?
मैं तो उनके काम से जरूरत से ज्यादा खुश हूं। सैफ को देखकर कोई नहीं कहेगा कि यह यूपी का आदमी नहीं है।
ओमकारा और बुलेट राजा में कितना अंतर है?
कोई समानता नहीं है। चरित्र में भी अलगाव है।
जिमी शेरगिल के बारे में क्या कहेंग े
अनुशासित कलाकार हैं। एक्शन में माहिर हैं। तमीजदार हैं। उनके अंदर काम करने की ललक है।
फिल्म में किस तरह का एक्शन है?
इस फिल्म में बड़ा एक्शन है, साउथ की फिल्मों की तरह नहीं है।
फिल्मों के डॉयलॉग्स में अंग्रेजी के प्रयोग पर क्या कहेंगे?
फिल्मों में मुंबई, दिल्ली जैसे शहरों की कहानियां होती हैं, जहां लोग अंग्रेजी बोलते हैं।
एक्शन, बदूंकों और बुलेट से कुछ ज्यादा ही प्यार हो गया?
मुझे एक्शन फिल्में देखने और बनाने में मजा आता है। यही मेरी पसंद है।
' बुलेट राजा' का समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
हम किरदार तो समाज से ही उठाते हैं। जब दर्शक थिएटर के अंधेरे में फिल्म देखता है तो कलाकारों के डॉयलॉग का असर उस पर पड़ता है। मैं नहीं मानता कि देश और समाज पर फिल्मों से कुछ बदलाव आता है। लोगों को झकझोरने वाली फिल्में अब नहीं बन रही हैं।