अंतिम यात्रा..! यह मेरी नई फिल्म का नाम है। इसी की तैयारियां चल रही हैं। इसकी स्क्रिप्ट तकरीबन लिख चुका हूं। फिल्म की शूटिंग सर्दियों में करना चाहता हूं। इसीलिए दिल्ली की इस उमस भरी गर्मी को तमाम तकलीफ़ों के बावजूद झेल रहा हूं। शूटिंग को लेकर कई तरह की तैयारियां जारी हैं। एक मुलाक़ात में यह बात मशहूर फ़िल्म और नाट्य लेखक, निर्देशक रणजीत कपूर ने कही।
शूटिंग कहां करेंगे, यह पूछने पर उन्होंने कहा, हरिद्वार और ऋषिकेश में। कहने लगे, नाम ज़रूर अंतिम यात्रा है लेकिन यह एक ब्लैक कॉमेडी फ़िल्म है। फिल्म जाने भी दो यारो से भी ज्यादा धमाकेदार। याद दिला दें, नसीर और ओमपुरी अभिनीत जाने भी दो यारो के संवाद रणजीत कपूर ने ही लिखे थे।
घर वाले मुंबई बुला रहे हैं
रणजीत कपूर 16 जुलाई से दिल्ली में ही हैं। उनके इरादों से साफ़ लगा कि वे अपनी इस नई फिल्म को बनाने की किस कदर जुस्तजू में हैं। कहने लगे- घरवाले मुंबई बुला रहे हैं लेकिन मेरे लौटने का मतलब घर के कम्फरटेबल ज़ोन में चले जाना। ऐसा करना मेरे प्रोजेक्ट के लिए ठीक नहीं होगा। इसलिए यहां भले घर जैसा आराम और सुकून ना मिले, मगर मैं फ़िल्म के लिए पूरी तल्लीनता से काम में जुटा हूं। मेरे लिए एक-एक दिन बहुत महत्वपूर्ण है। एक तरफ जहां स्क्रिप्ट पर काम और बाकी तैयारियां चल रही हैं, वहीं दूसरी तरफ़ फिल्म निर्माताओं से बातचीत जारी है। फिल्म बहुत बड़े बजट की नहीं है। इसीलिए जल्द ही सारी चीज़ें फायनल हो जाएंगी।
रणजीत कपूर अरसे से मुंबई फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने ऋषि कपूर अभिनीत चिंटू जी और जय हो डेमोक्रेसी जैसी फिल्म निर्देशित की। कई फिल्मों का लेखन किया, संवाद और गीत लिखे। परंतु अब वे मुंबई के निर्माताओं और ओटीटी जैसे प्लेटफॉर्म्स छोड़कर दिल्ली में काम कर रहे हैं। इसकी उन्होंने एक अहम वजह भी बताई।
नहीं होंगे मुंबइया स्टार
कपूर ने कहा, देखिये एक तो मेरी फ़िल्मों की लोकेशन्स दिल्ली के करीब है। दूसरा मैं यहां पर पूरे क्रिएटिव फ्रीडम के साथ अपनी फिल्म का निर्देशन करना चाहता हूं। यहां के निर्माताओं के साथ अभी तक जितनी भी बात हुई है, उससे यह आशा जागी है। कपूर ने कहा, एक लेखक, निर्देशक होने के नाते मैं चाहता हूं कि मैं अपनी कहानी और उसके फिल्मांकन के साथ पूरा न्याय कर सकूं।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा- स्क्रिप्ट मेरी फिल्म की जान है। इसमें रंगमंच के बेहतरीन कलाकार होंगे मुंबइया स्टार नहीं। इसके बावजूद मुझे मालूम है, यह फिल्म राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान हासिल कर सकेगी।