मुझे रणबीर कपूर बहुत पसंद हैं : सनी देओल से वेबदुनिया की विशेष बातचीत

मैं बहुत भावुक हो गया हूं

रूना आशीष
‘यमला पगला दीवाना फिर से’में इस बार मैं और बॉबी भाई बने हैं, जबकि पापा (धर्मेन्द्र) हमारे पापा नहीं बल्कि एक रिश्तेदार हैं। लेकिन हैं हम साथ में। हमने पंजाबी से गुजराती का किरदार अलग फ्लेवर लाने के लिए दिया है। पिछली बार हम लोग देश के बाहर चले गए थे। इस बार सोचा कुछ देसी हो जाते हैं।‘ यह कहना है सनी देओल का जिनकी फिल्म रिलीज होने वाली है। पेश है उनसे बातचीत : 
 
आप इन दिनों भावुक हो गए हैं। पहले इतना खुल कर बातें नहीं करते थे। 
हां, शायद अब मैं बहुत भावुक हो गया हूं। शायद ज़िम्मेदारियां भी आ गई हैं। वैसे भी मैं जब पापा या बॉबी के साथ शूट करता हूं तो इमोशनल हो ही जाता हूं। फिर अभी बेटा भी है, उसके लिए मैं भले ही बहुत प्रेशर नहीं महसूस करता, लेकिन पिता हूं तो इतना सोचूंगा ही। 
 
जब भी डांस की बात करते हैं तो आपके नाम पर कई हल्की-फुल्की बातें होती हैं। कैसे लेते हैं इन बातों को? मज़ाक में या सीरियसली? 
नहीं, कभी इन बातों का बुरा नहीं लगा है। मुझे कभी भी नहीं लगा कि डांस मेरे अभिनय का कोई हिस्सा है। मैं इसीलिए शुरुआत में पर्दे पर डांस करने से हिचकिचाता था। मैं सोचता था मैं तो एक्टिंग करने आया हूं। नाचने थोड़े ही आया हूं। 
 
इंटरनेट पर कई मीम भी आते हैं, उन पर कोई प्रतिक्रिया। 
मैं कभी-कभी देख लेता हूं इन सब चीज़ों को, लेकिन क्या प्रतिक्रिया दूं। किसी को आप रोक तो सकते नहीं, तो चलो, उन्हें हंस लेने देते हैं। 
 
इन दिनों आप एक्शन फिल्मों में कम दिख रहे हैं। इसकी खास वजह? 
ऐसा नहीं है कि मैं एक्शन फिल्में नहीं करना चाहता। मैंने गदर जैसी फिल्म भी की है जिसने बहुत कमाई की थी। उसके बाद लगा था कि मेरे पास ऐसी कई और फिल्में आएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शायद निर्माताओं और निर्देशकों को समझ में ही नहीं आया कि अब कैसी फिल्में सनी को दी जाएं? मुझे हर तरह की फिल्म करना पसंद है। रोल चुनौती भरा हो तो और भी मज़ा आता है। वैसे भी किसी एक्टर के लिए कुछ भी मुश्किल नहीं होता। 
 
आप बॉबी और धरमजी सेट पर आपस में कैसे रहते हैं? 
हम सभी जॉइंट फैमिली में रहते हैं और आपस में एक दूसरे से बहुत डरते हैं। सेट ही एक ऐसी जगह होती है जब हम साथ में मिल कर बैठते हैं। बचपन में हम कई बार अपने पापा के साथ शूटिंग पर चले जाया करते थे। छुट्टियों में कहीं गए हैं या साथ में कहीं घूमने गए हैं ऐसा नहीं हुआ है। 
 
आपने हर तरीके के रोल निभाए हैं। कभी विलन बनने का सोचा है? 
मुझे मौका मिले तो मैं बलवंत राय जैसा यानी अमरीश पुरी जी जैसा बनना चाहूंगा। वे तो मेरी फिल्म में मेरे पापा भी बने हैं और कभी मेरे सामने विलन भी रहे हैं। मौका मिला तो विलन भी बन जाऊंगा, लेकिन मैं ये भी जानता हूं कि मेरे दर्शक शायद मुझे ऐसे रोल में देखना पसंद ना भी करें। लोग यही सोचेंगे कि सनी ऐसे रोल कर ही नहीं सकता। मेरी ये इमेज कैसे और कब बन गई ये तो शायद समय ही बताएगा। लोगों के लिए मुझे ऐसे रोल में पसंद करना मुश्किल है।
 
आपके घर वालों के अलावा आपको अपनी छवि किसी एक्टर में दिखती है? 
मैं आमतौर पर बहुत फिल्में नहीं देखता हूं तो इस बारे में कुछ कह नहीं सकता। लेकिन, मुझे चिंटू (ऋषि कपूर) का बेटा (रणबीर कपूर) बहुत अच्छा लगता है। वह बहुत अच्छा एक्ट करता है। वह जिस तरह से किरदार को निभाता है और आपने आप को पेश करता है, वो बेहतरीन है। फिर भी उसमें अपनी छवि नहीं देख सकता क्योंकि हर कोई अलग है। वैसे वह भी हमारी ही तरह फिल्मी परिवार से है, इसी माहौल से है तो एक जैसे कहीं किसी जगह रिएक्ट कर देते होंगे। जैसे कभी-कभी मैं पापा की तरह कोई बात कर जाता हूं। सोच कर नहीं, लेकिन बस हो जाती हैं मुझसे। 

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