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जैकी श्रॉफ की जिंदगी की अनसुनी कहानी: साउथ बॉम्बे से सुपरस्टार तक

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WD Entertainment Desk

, शनिवार, 5 जुलाई 2025 (17:42 IST)
बॉलीवुड के आइकॉनिक स्टार जैकी श्रॉफ, जिन्हें फैंस प्यार से जग्गू दादा कहते हैं, ने हाल ही में Filmfare के खास शो In The Ring with Filmfare में अपनी ज़िंदगी के उन पहलुओं को साझा किया जो पहले शायद ही कभी सामने आए हों। इस बातचीत में उन्होंने बचपन की स्मृतियों, भाई की मौत, फिल्मी करियर और रिश्तों की बारीकियों को बेहद भावुक अंदाज में बयान किया।
 
बचपन के दिन: जहां सीएम, ड्राइवर और किचन वाले सब दोस्त थे
जैकी श्रॉफ ने बताया कि उनका बचपन साउथ बॉम्बे की गलियों में बीता, जहां वो हर तबके के लोगों के साथ जुड़े रहे। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी ज़िंदगी बिना किसी स्तर के जी। वहां सीएम भी क्रिकेट खेलते थे और किचन वाला भी मेरा यार था। मुझे इंसानी ज़िंदगी के हर रंग को जानने का मौका मिला।”
 
भाई की मौत: जिसने दिल को चीर दिया
भावुक होते हुए जैकी ने बताया, “जब मैं 10 साल का था, मेरे भाई का निधन हो गया। वो मेरे लिए सबकुछ था। वो मुझे स्कूल लेने आता था। उसकी मौत ने मेरी दुनिया हिला दी।” यह अनुभव उन्हें बहुत गहरे स्तर पर बदल गया।
 
फिल्मी करियर की शुरुआत: जब पीछे की फोटो ने दिलाई पहचान
अपनी पहली फिल्म Hero के वक्त को याद करते हुए जैकी हँसते हुए कहते हैं, “पोस्टर पर मेरी पीठ की फोटो थी और मेरे दोस्त बोले- 'जैकी तेरी फोटो है!' मैं सोच रहा था- 'आगे की क्यों नहीं?' फिर धीरे-धीरे क्लोज़-अप आने लगे और लोगों ने पहचानना शुरू किया।”
 
आलोचना से नहीं डिगे: अनुभव को माना सबसे बड़ा गुरु
जैकी ने बताया कि उन्होंने कभी आलोचनाओं को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। “क्रिटिक का काम होता है लिखना, मैं कुछ नहीं कह सकता। मैंने सबकुछ अनुभव से सीखा। मुझे सबकुछ सुभाष जीने दिया, हीरो, कर्मा, राम लखन, यादें। वो मेरा टर्निंग पॉइंट थे।”
 
दोस्ती और बंधन: डैनी, डिंपल और अमृता के साथ खास रिश्ता
जैकी ने बताया कि उनकी फिल्मी दुनिया में कुछ खास दोस्त बने जैसे डैनी डेंजोंगपा, डिंपल कपाड़िया और अमृता सिंह। “हम साथ में पीते, गाते, खाना बनाते, पौधे लगाते। डैनी और मैं एक जैसी सोच रखते थे। बहुत कुछ सीखा मैंने इन दोस्तों से।”
 
डायरेक्टर्स की बात: महेश भट्ट का 'फील चाहिए' वाला जुनून
उन्होंने डायरेक्टर महेश भट्ट के साथ फिल्म काश की बात करते हुए कहा, “भट्ट साहब बहुत पैशनेट थे। वो सिर्फ 'फील' की बात करते थे। हमने सिर्फ उसी शब्द पर पूरी फिल्म बना दी।”
 
प्यार और जवानी के दिन: आयशा के लिए लिखे थे लव नोट्स
जैकी ने अपनी पत्नी आयशा श्रॉफ के साथ पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, “मैं आयशा को लव नोट्स लिखता था, मम्मी का पाउडर लगाकर ब्यूटी पार्लर जाता था, पूरी रात नाचता था। अब वो सब कुछ मिस करता हूँ।”
 
रिश्तों पर ज्ञान: “SORRY कह देना ही मर्द की जीत है”
अपने चिर-परिचित अंदाज़ में जैकी कहते हैं, “मैं हमेशा कहता हूँ- मर्द का आखिरी शब्द SORRY होना चाहिए। महिलाओं से लड़ाई मत करो। वो एटम बम जैसी होती हैं।”

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