फिल्म 'जुग जुग जियो' में मैं कुकू सैनी का किरदार निभा रहा हूं। निर्देशक ने मुझे कहा था कि मैं हर बार की तरह इस रोल को निभाने की बजाय कुछ कमजोर सा दुखी सा शख्स बनकर अपने रोल को परफॉर्म करूं। मैं एक कपल की कहानी बता रहा हूं जिसमें कि मैं तो अपनी पत्नी को तलाक देना चाहता हूं। मेरी पत्नी भी मुझे छोड़ देना चाहती है। इन सबके बावजूद मुझे बहुत सारा ड्रामा भी करना है मुझे अपने हिस्से का हाय वोल्टेज ड्रामा करना मिला है।
साथ ही मुझे इस बात का भी ध्यान रखना है कि मेरे सामने जो शख्स है, वह मेरे पिता है कोई दोस्त नहीं जिससे तलाक के लिए मैं कोई भी सलाह दे सकूं। कुकू जब भी हमसे बात कर रहे होते हैं उनके तलाक के बारे में मालूम पड़ता है तो बहुत सारा सम्मान भी देना पड़ता है क्योंकि अंत में जाकर भीम यानी अनिल कपूर उसके पिता है। अब कुकू कि इस बेचारगी में ही कॉमेडी है।
यह कहना है वरुण धवन जिनकी फिल्म 'जुग जुग जियो' रिलीज हो चुकी है। वरुण ने प्रमोशनल इंटरव्यू के दौरान मीडिया से बातचीत की और कहा, यह फिल्म बहुत सारी कॉमेडी को आपके सामने लेकर आई है। वैसे भी मुझे एक घरेलू फिल्में बड़ी अच्छी लगती है हम साथ साथ हैं या फिर हम आपके हैं कौन या कभी खुशी कभी गम इन सब फिल्मों को देख कर मैं बड़ा हुआ हूं। इसलिए फैमिली फिल्में हमेशा पसंद आई है।
इस फिल्म में कॉमेडी भी है। मेरे साथ मनीष पॉल है जो कहने के लिए तो मेरी पत्नी यानि कियारा के भाई हैं लेकिन उन्हें हम दोनों के बीच के तलाक की कोई बात नहीं मालूम है। आमतौर पर वह अपनी बहन की जगह मेरा साथ देते हुए ज्यादा नजर आते हैं। साथ ही में इस फिल्म में मेरे साथ प्राजकता कोली भी है। प्राजक्ता का अपना ऑडियंस है। उसके कॉमेडी की टाइमिंग बहुत अलग है। उसके भी इतने ज्यादा चाहने वाले हैं। कि वह एक नयापन लेकर आती है। वह देखने में बड़ा मजा आता है।
आपके नजरिए में क्या यह फिल्म कोई संदेश भी दे रही है दर्शकों को।
आपने संदेश की बात कर रहे हैं तो इतना बताता हूं कि हर कोई इस समय में परिवार को एक साथ देखना चाहता है। परिवार आपस में लड़ रहा है, भिड़ रहा है बहुत बातें भी हो रही है। ड्रामा हो रहा है लेकिन फिर भी साथ में रहे और यह कहता है कि कोई बात नहीं है सब अपनी होते हैं। आपको वह फैमिली और वह परिवार का प्यार और रिश्ता देखने को मिलने वाला है और शायद यही संदेश कहा जा सकता है।
जिंदगी में आपकी शादी के बारे में थोड़ी सी जानकारी दें।
मैं और मेरी पत्नी एक दूसरे को 20 साल से भी ज्यादा समय से जानते थे तो हम साथ में ही बड़े हुए तो बहुत सारी बातें ऐसी थी जो हम एक दूसरे के बारे में पहले से जानते थे। आमतौर पर मुझे ऐसा लगता है कि शादियों में लड़का और लड़की के बीच दोस्ती होनी बहुत जरूरी है। वह एक दूसरे को जानते हो। हर व्यक्ति को पूरा जानना परखना मुमकिन नहीं है। ऐसा जरूरी भी नहीं है। लेकिन यह बात तय है कि जब आप एक दूसरे को समझते हैं, परेशानियां कम नजर आती हैं। वरना हो यह जाता है, शादी होती और फिर मालूम पड़ता है कि अरे तुममे यह भी कमी है। दोस्ती होना बहुत जरूरी है। जिंदगी में शादी को बनाए रखने के लिए यह समझदारी बहुत काम आती है।
ऐसी कोई बात इस फिल्म में आपको लगी जो आप सालों तक याद रखेंगे
मेरे हिसाब से हमें आज में जीने की आदत डालनी चाहिए। हमें उन लोगों से बहुत प्यार करना चाहिए जो आप से जुड़े हुए होते हैं। मतलब हम कुछ एक बातें बिल्कुल आसानी से अपना लेते हैं और भूल भी जाते हैं कि उन बातों की अपनी कोई महत्व भी है। हम सोचते हैं कि घर जाएंगे तो मम्मी पापा तो मिल ही जाएंगे। वह तो इंतजार कर ही रहे होंगे या बीवी तो है ही वह तो खड़ी ही होगी। इंतजार करते हुए और फिर हम साथ में खाना खा ही लेंगे।
इस फिल्म ने मुझे समझाया कि हम अपने आसपास के लोगों को प्यार करते रहें। फिल्में जैसे मैं और कियारा जी रहे हैं। आपने अपनी जिंदगी जी रहे हैं। मम्मी पापा की जो भारत में रहते हैं, उनकी अपनी जिंदगी चल रही है। कोई दुखी नहीं है लेकिन कोई साथ का महत्व भी नहीं है। फिर एक समय ऐसा आता है जब हम सारे घर वाले मिलते हैं, साथ में बैठते हैं, बातचीत करते हैं। तब समझ में आता है कि हमने जिंदगी में कितनी बड़ी चीज मिस की है।