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Exclusive Interview : गुड न्यूज़ और लाल सिंह चड्ढा के बारे में करीना कपूर खान

हमें फॉलो करें Exclusive Interview : गुड न्यूज़ और लाल सिंह चड्ढा के बारे में करीना कपूर खान

रूना आशीष

, गुरुवार, 26 दिसंबर 2019 (11:52 IST)
"मैं अपनी प्रेग्नेंसी के समय में चार से पांच पराठे खा जाती थी। अब थोड़ा कम खाती हूं, लेकिन फिर भी एक पराठा रोज़ खाती हूं। अभी मैंने आटे का हलवा बनाने के लिए कहा है। मैं कपूर खानदान की हूं और इसलिए मुझे खाना बहुत पसंद है। कुछ दिन पहले फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' की शूटिंग के लिए मैं अमृतसर गई थी। वहां आमिर खान के साथ थी। मैंने वहां दिन में दो पराठे खा लिए वो भी एकदम ख़ालिस सफ़ेद मक्खन के साथ। वैसे मैं थोड़ा-सा डाइट प्लान भी फ़ॉलो करती हूं।"
 
करीना कपूर की फिल्म 'गुड न्यूज़' रिलीज होने वाली है जिसमें वह आईवीएफ के दौरान हुई स्पर्म की अदला-बदली पर कॉमेडी करती दिख रही हैं। वे फिल्म में प्रेग्नेंट भी नजर आएंगी। वेबदुनिया से प्रमोशनल इंटरव्यू के दौरान क़रीना ने बताया "जब मेरी प्रेगनेन्सी थी तब मैं इतना हाईपर हो गई थी कि डॉक्टर परेशान हो गया था। मैं वैसे भी हाईपर हूं, लेकिन उस दौरान तो बहुत ज़्यादा ही हो गई थी। मेरे पास हर दिन नया सवाल होता था। एक दिन तो उसने कह दिया कि करीना अब कोई सवाल नही बचा है पूछने को। परेशान ही होना है तो क्लीनिक आओ और अपना वज़न चेक करो। मैंने उसे कह दिया ये कोई समय है वज़न का खयाल रखने का। पहले छ: महीने तो मैंने बहुत ध्यान रखा लेकिन बाद में तो मैं बस खाती रहती थी। वैसे इस समय में आपको बहुत नहीं खाना चाहिए वर्ना ऐसिडिटी बनी रहती है। बस सही खाना खाना चाहिए, लेकिन मैं कहां सुनती थी।

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आमिर की फिल्म लाल सिंह चड्ढा के लिए आपने ऑडिशन दिया? 
मैंने अपनी ज़िंदगी में किसी भी फिल्म के लिए ऑडिशन नहीं दिया। पहले कहां ऐसे होता था? वो तो जब सैफ को मैंने बताया कि आमिर चाहता है कि ऑडिशन हो तो सैफ ने कहा क्यों नहीं। इसमें हर्ज़ ही क्या है। हॉलिवुड में तो बड़े स्टार्स को भी ऑडिशन से गुज़रना पड़ता है तब जाकर उन्हें रोल मिलता है, तो तुम क्यों नहीं। और क़रीना तुम जैसी एक्ट्रेस को तो बिल्कुल ऑडिशन देना चाहिए ताकि लोगों को ऑडिशन का महत्व समझ आए।
 
कुछ बुरा लगा था? 
मुझे तो हॉलीवुड में भी ऑडिशन के लिए कहा गया होता तो मैं नहीं करती, लेकिन आमिर की बात अलग है। वे अपने क्रॉफ्ट को ले कर इतने सटीक रहते हैं कि मुझे उन पर यकीन हो जाता है और इच्छा होती है कि जो वो जो कह रहे हैं कर के देखती हूँ। वह अपने कैरेक्टर के आसपास एक दुनिया बुनते हैं और बहुत ज़रूरी है कि आप उसमें फिट हों। तो मुझे बोला गया कि मैं दो सीन पढ़ कर बताऊं। मैंने पढ़ दिए और मैं तो उसी समय समझ गई थी कि मुझे तो ये रोल मिलना तय हैं। आमिर ने भी उसी समय अद्वैत को कह दिया कि ये रोल तो करीना की झोली में ही गया।
 
आपके घर में सैफ से तो फिल्म की बात होती ही है। शर्मिला जी से भी क्या फिल्मों पर बातचीत होती है? 
बहुत ज़्यादा नहीं। कभी कोई फिल्म देखती हैं तो बताती हैं कि क्या पसंद आया या क्या नहीं या फिल्म में क्या ठीक लगा। वैसे भी वे अपने ज़माने की बेहतरीन कलाकारों में से मानी जाती रही हैं। उनका फ़िल्मों का चयन बढ़िया रहा साथ ही वे बहुत ही मज़बूत महिला रही हैं। सैफ शायद पाँच साल के थे जब उन्होंने एक से बढ़ कर एक बेहतरीन फ़िल्में की। फिल्मों के साथ-साथ हमारे घर किताबों की बातें बहुत होती हैं। सैफ और शर्मिला जी को पढ़ने का बहुत शौक है। वैसे मैं किताबों की दुनिया से दूर ही हूँ। अब अब थोड़ा बहुत शुरू किया है।

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