मुझे हॉरर फिल्मों का बहुत ज्यादा शौक नहीं है। ऐसी फिल्में करने से मैं बचती रही हूं, लेकिन पता नहीं क्यों भूल भुलैया 2 मुझे बड़ी रोचक लगी। जब भूल भुलैया आई थी तो मैं शायद 14 या 15 साल की रही होंगी और यह मेरी जिंदगी की पहली हॉरर फिल्म थी। मैंने सोच रखा था कि कभी भूतिया फिल्म नहीं करूंगी। जब भूलभुलैया 2 का ऑफर आया तो मुझे लगा कि ये वैसी डरावनी फिल्म नहीं है इसलिए इस फिल्म को करने का सोचा ताकि फिल्म भी कर सकूं और आराम से घर जाकर सो भी सकूं। भूल भुलैया 1 फिल्म करते समय मुझे बहुत मजा आया। हमने पूरी कोशिश की है कि जब दर्शक फिल्म देखेंगे तो उन्हें पुरानी वाली भूल भुलैया की याद जरूर आए। फिर चाहे वो टाइटल ट्रेक हो, चाहे वह भूतिया नाम क्यों ना हो या फिर कुछ कैरेक्टर पुरानी फिल्म से लिए हैं ताकि लोगों को पुरानी फिल्म से जुड़ाव महसूस हो। साथ ही साथ मैं यह भी बताना चाहूंगी कि यह पुरानी भूल भुलैया से कुछ अलग है। यह बहुत ताजातरीन फिल्म कही जा सकती। बिल्कुल ही अलग किस्म की फिल्म।- यह कहना है कियारा आडवाणी का जो भूल भुलैया 2 में रीत के किरदार में नजर आने वाली हैं। रीत आज के जमाने की आम सी लड़की है जो बहुत ही मस्ती में जीती है। वेबदुनिया से कियारा ने बातचीत की।
हर किरदार निभाने में सक्षम
मैंने लोगों की नजरों में अपनी इमेज को बदलते हुए देखा है। लोगों ने जो मुझे 'कबीर सिंह' में प्रीति के रूप में देखा तो उन्होंने मुझे अपना लिया। 2 या 3 महीने बाद मैं 'गुड न्यूज़' में नजर आई और लोगों ने मुझे उसमें भी अपना लिया और मुझे यह लगा कि लोग अलग-अलग तरीके के किरदार में मुझे देखते हैं, मुझे पसंद करते हैं और अपनाना भी चाहते हैं और यही तो एक अभिनेत्री को चाहिए होता है। यहां तक कि निर्देशकों ने भी महसूस किया कि कियारा को अलग अलग तरीके के किरदार दिए जा सकत हैं। वह किसी नए किरदार में अपने आप को ढालने में सक्षम है। यह देख अच्छा लगता है, तसल्ली होती है और सुकून भी मिलता है। यह बात मुझे आगे बढ़ने के लिए बहुत बड़ा आधार है।
क्यों की भूल भुलैया 2
भूल भुलैया 2 मेरी लक्ष्मी बॉम्ब के बाद दूसरी फिल्म है जिसमें की हॉरर दिखाई देने वाला है। बात कुछ यूं हुई कि इस साल की शुरुआत में मैं एक दिन सोच रही थी कि मुझे अगले एक साल में किस तरीके की फिल्म करनी चाहिए। तो मुझे लगा मैं ऐसा काम करना चाहती हूं जिसे देखने के लिए लोग उठकर सिनेमा हॉल में आए। होता यह है कि हमारे देश में विविध तरीके और विचारधारा के लोग एक साथ रहते हैं। बड़ा ही मुश्किल होता है कि कभी ऐसी फिल्म बनाई जाए जो 5 साल के बच्चे से लेकर 50 साल तक के व्यक्ति को पसंद आए। मुझे लगता है कि कॉन्टेंट और कमर्शियल जब इन दोनों में संतुलन बनाया जाता है तो फिल्में बड़ी अच्छी चलती है और मुझे भूल भुलैया 2 के स्क्रिप्ट में वही चीज नजर आई। ऐसी फिल्में करने की मेरी इच्छा थी और भूल भुलैया 2 वैसी ही एक फिल्म है।
चादर हटाई, निकला आदमी
अब आप इसे डरावना कहें या फनी, यह आप पर छोड़ती हूं, लेकिन हुआ कुछ इस तरीके से था कि मुझे और कार्तिक को एक बहुत बड़े कमरे में छुपने की जगह ढूंढने थी। यह कमरा हवेली का था। हवेली के बारे में आमतौर पर कहा जाता है कि इसकी एक कहानी है। इसके पीछे कोई डरावना सा भूतकाल भी रहा है। बहरहाल, हमें उस कमरे में शूट करना था। वाइड शॉट था तो मेरे और कार्तिक के अलावा कोई भी नहीं था उस शॉट में। हम दोनों अपनी जान बचाने के लिए छुपना चाहते हैं, लेकिन हम साथ में नहीं थे। वह अलग दिशा में भाग रहे थे और मैं अलग दिशा में भाग रही थी। बस हम छुप जाना चाहते थे । मेज के नीचे या अलमारी में छुपने की जगह ढूंढ रहे थे। ऐसे में मुझे सामने चारपाई दिखाई दी और फिर जो हुआ वह फिल्म के बीटीएस में आपको दिखाई देगा। बात कुछ ऐसी थी कि चारपाई पर एक सफेद चादर बिछी थी और चादर को जब मैंने उठाया तो उसमें सच में कोई इंसान निकल कर आ गया और मैं तो डर गई। जाहिर सी बात है वह जो आदमी था हमारे फिल्म क्रु मेंबर्स में से ही एक था, लेकिन उस समय मेरी हालत खराब हो गई थी। अब आप इसे डरावना भी मान सकते हैं और अब आप तो फनी भी मान सकते हैं।
मुगल-ए-आज़म करना चाहूंगी
अभी तक जितनी भी फिल्में की है, सब अलग-अलग रोल वाली ही की है लेकिन फिर भी मेरी बड़ी दिली तमन्ना है कि मैं एक्शन और पीरियड फिल्म करूं। जब भी मौका पड़ेगा, मैं कर लूंगी। ऐसा सोचकर नहीं रखा है कि मुझे इसी तरीके की फिल्म करनी है, लेकिन जिसकी स्क्रिप्ट अच्छी लगी, जिसकी कहानी अच्छी लगी या मेरा किरदार अच्छा लगे मैं निश्चित तौर पर ही करना चाहूंगी। और अगर कभी मौका मिले तो मैं मुग़ल-ए-आज़म भी करना चाहूंगी। मैं इस फिल्म का एक मुख्य किरदार बनना चाहती हूं। पता नहीं होगा या नहीं, लेकिन इच्छा बड़ी है।