मधुबाला का किरदार निभाना चाहती हूं: कृति सेनन

रूना आशीष
कृति सेनन उन गिनी-चुनी अभिनेत्रियों में से एक हैं जिनका किसी फिल्मी परिवार से ताल्लुक न होने के बाद भी बड़ी फिल्में मिलीं। एक ओर जहां टाइगर श्रॉफ के साथ फिल्मी सफर की शुरुआत की, तो दूसरी ओर शाहरुख-काजोल के साथ काम करने को मिला। अब उनकी फिल्म 'राब्ता' इस हफ्ते रिलीज हो रही है। उनसे बातें कर रही हैं 'वेबदुनिया' संवाददाता रूना आशीष।
 
राब्ता में आपने आज और सालों पुरानी एक कहानी की राजकुमारी का रोल किया। ज्यादा करीब कौन-सा रोल लगा?
मैं आज वाली लड़की से ज्यादा रिलेट कर सकूंगी। ऐसी वाली लड़की मैं आसपास देख सकती हूं। शायद वह मेरे जैसी हो। शायद लोग ऐसे ही बातें करते हैं। ये लड़की थोड़ी विचित्र है। वह किसी भी चीज का निर्णय नहीं ले सकती है और इतनी अनिश्चित रहती है कि बोलती कुछ तथा करती कुछ और है। उसे बहुत बुरे सपने आते हैं। ये सपने उसे क्यों आते हैं, ये उसे नहीं पता है। वह कहीं न कहीं उसके साथ जी रही है लेकिन साथ में ही बहुत लविंग है। बुडापेस्ट में रहती है और चॉकलेट शॉप चलाती है। मैंने चॉकलेट बनाना भी सीखा है। उसका नाम सायरा है। फ्लैशबैक वाला रोल तो मेरा 20 से 30 मिनट का ही है।
 
फ्लैशबैक वाली राजकुमारी किस तरह की लड़की है?
मैंने जो पुरानी वाली कृति का रोल किया, उसके लिए सिर्फ 20-30 मिनट का शूट किया, जो महज 15 दिन की शूट में हो गया। लेकिन मेरी चाल-ढाल में अंतर लाना पड़ा, क्योंकि इसमें मैं एक ऐसी राजकुमारी बनी हूं, जो लड़ सकती है, युद्ध कर सकती है, तो मुझे चलते समय सधी हुई चाल और लड़ते हुए वैसे ही सधे हुए तरीके को जीना पड़ा। मैंने मार्शल आर्ट्स सीखा, घुड़सवारी सीखी, आमने-सामने की लड़ाई सीखी। इससे मेरी बॉडी लैंग्वेज में फर्क आया था। एक सीन में मैं सुशांत के साथ भाग रही हूं तो मुझे भागते समय वो आसानी दिखानी थी कि मेरे लिए ऐसी भाग-दौड़ आम बात है या बचपन से लड़ाई करना आता है। इन सबके बीच मुझे घुड़सवारी बड़ी पसंद आई। मैं चाहती हूं कि मैं इसमें थोड़ी और बेहतर हो सकूं। कभी न कभी जब मुझे समय मिलेगा, तो मैं तो घुड़सवारी जरूर करूंगी।
 
आपको कोई पुनर्जन्म वाली फिल्म पसंद है?
'कर्ज' बहुत पसंद है, फिर 'करण-अर्जुन' भी पसंद हैं, हालांकि वो कभी भी लव स्टोरी नहीं कहलाती फिर भी।
 
आप लकी हैं, क्योंकि शुरुआती दौर में ही आपने शाहरुख और काजोल के साथ काम कर लिया। कैसा रहा अनुभव?
ये मेरी दूसरी ही फिल्म थी। इस फिल्म में मुझे तो बिलकुल नहीं लगा कि हम काम कर रहे हैं। बहुत मजा आया। बहुत कुछ सीखा। शाहरुख सर से सीखा कि अपने सीन से कैसे दोस्ती करते हैं। मेरी ये सोच होती है कि कैसे हर फिल्म से कुछ सीखूं और बेहतर बनाऊं अपने आपको। उन्होंने मुझे एक चीज समझाई थी कि किसी भी सीन को करने का कोई सही और नियत तरीका नहीं होता है।
 
आजकल बायोपिक बहुत पसंद किए जाते हैं। आप किसी बायोपिक में काम करना चाहेंगी?
मुझसे कई बार ये सवाल पूछा जाता है और मेरे पास कोई जवाब होना चाहिए तो मैं कहूंगी कि मुझे मधुबालाजी का किरदार करने में मजा आएगा। मैं उनकी जिंदगी के बारे में जानना चाहूंगी और लोगों को भी बताना चाहूंगी। वे बहुत ही खूबसूरत आर्टिस्ट हमारे इंडस्ट्री में रही हैं।
 
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