नीरज पांडे थ्रिलर फिल्म और वेबसीरिज बनाने के लिए जाने जाते हैं। वे 'द फ्रीलांसर' नामक सीरिज लेकर आ रहे हैं जो पुस्तक 'ए टिकट टू सीरिया: ए स्टोरी' पर आधारित है। इस सीरिज में नवनीत मलिक भी नजर आएंगे। नीरज की इस सीरिज का हिस्सा बनकर वे बेहद खुश हैं। पेश है उनसे बातचीत के मुख्य अंश:
नीरज पांडे की यह सीरिज आपको कैसे मिली?
मुझे मेरे दोस्त का कॉल आया कि नीरज पांडे अपनी नई सीरिज के लिए ऑडिशन ले रहे हैं। मैंने ऑडिशन दिया। फिर ऑडिशन को कई राउंड हुए। आखिरकार एक दिन फोन आ गया कि मैं सिलेक्ट हो गया हूं। ऑडिशन देने की जर्नी ने ही मुझे इस सीरिज के बारे में उत्सुकता पैदा कर दी थी।
क्या आप अपनी भूमिका के बारे में बताता चाहेंगे?
मोहसिन नामक किरदार मैंने निभाया है जो आलिया का पति है। यह किरदार ग्रे शैड लिए है। यह आपको पॉजिटिव भी लगेगा तो निगेटिव भी। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है इसके अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं। यह ऐसी परिस्थितियां पैदा करता है जिससे किरदारों के बीच टकराव पैदा होता है। बहुत ही मजेदार और रोमांचक किरदार मुझे निभाने को मिला है।
ग्रै शेड वाले किरदार निभाना एक एक्टर के लिए चुनौती भरा काम होता है। आप इस बारे में क्या कहेंगे?
निश्चित रूप से। इस तरह के कैरेक्टर को प्ले करते समय कलाकार को यह ध्यान रखना पड़ता है कि कितना दिखाना है और कितना छिपाना है। नीरज पांडे रियलास्टिक फिल्मकार हैं। मैं थोड़ा नर्वस था इस किरदार को निभाने के पहले। थोड़ा रिसर्च भी किया था, लेकिन नीरज पांडे के जरिये सब कुछ आसान हो गया।
नीरज पांडे एक उम्दा फिल्म मेकर माने जाते हैं। उनकी वेबसीरिज भी सराही गई। आपने उनसे क्या सीखा?
नीरज जी एक अलग ही तरह के मेकर हैं। एक्टर की नस पकड़ना उन्हें आता है। जो उन्हें चाहिए होता है वे निकाल लेते हैं। पहले दिन और पहले सीन से वे एक्टर को फ्रीडम देते हैं। सीन को अपने हिसाब से करने के लिए कहते हैं। फिर जरूरी सुझाव देते हैं और अपने हिसाब से जो चाहते हैं वो भी एक्टर को बताते हैं। इससे सीन करने में और किरदार को समझने में आसानी होती है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स से एक्टर्स को क्या फायदा हुआ है?
एक्टर्स का काम ज्यादा लोगों तक पहुंचता है। आप थिएटर करते हैं तो दर्शकों की संख्या सीमित होती है। फिल्म करते हैं तो निश्चित शो और स्क्रीन पर दिखाई जाती है। ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिये आपका काम कई देशों और बड़ी संख्या के दर्शकों के बीच जाता है।
क्या आप मानते हैं कि टीवी, फिल्म और ओटीटी के दर्शक बंटे हुए हैं।
दर्शक बंटे हुए हैं पहुंच के कारण। हालांकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने सबको साथ ला खड़ा किया है। अभी भले ही ओटीटी प्लेटफॉर्म देश के बड़े शहरों में ज्यादा देखा जा रहा है, लेकिन छोटे शहरों में भी इसका पैनापन तेजी से बढ़ रहा है।
किसी भी फिल्म या सीरिज को हां कहने का फैसला कैसे लेते हैं?
मैं ऑडिशन देना पसंद करता हूं। सिलेक्ट होने के बाद अपने रोल के बारे में विस्तार से जानकारी लेता हूं। मैं लीड रोल करना पसंद करता हूं। एक एक्टर के रूप में मुझे फिल्म, टीवी या वेबसीरिज करने में कोई ऐतराज नहीं है।