क्या आपकी भूमिका दर्शकों में अपनी जगह बना पाएगी?
परदे पर महिला का चित्रण अब बदल गया है, लेकिन इसमें उतना बदलाव नहीं आया जितना कि मैं देखना चाहती थी। महिला के मजबूत एवं ईमानदार चित्रण में बढ़ोतरी होना आवश्यक है। लोगों को महिला को सिर्फ संबंधों के उद्देश्य (परदे पर) के लिए देखना बंद करना चाहिए। वह भी एक इंसान है और बहुत से कार्य कर सकती है।
मेगास्टार अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का अनुभव कैसा था?
प्रतिभाशाली अभिनेता और उनके जैसे इंसान के साथ काम करना हमेशा से खुशी की बात है। हमने पहले भी साथ काम किया है और यह शानदार अनुभव रहा। वे ऊर्जावान हैं और काम के प्रति पूरी निष्ठा दिखाते हैं और कुछ हटकर करते हैं। मैं उनके द्वारा अभी तक किए गए बेहतरीन काम के लिए उन (अमिताभ बच्चन) का सम्मान करती हूं। वे कितने वर्ष के हैं, यह मायने नहीं रखता बल्कि उनका यादगार काम सभी को याद रहता है।
क्या आपको लगता है कि 'युद्ध' टेलीविजन विधा में कोई बदलाव लेकर आएगा?
टेलीविजन का परिदृश्य बदल रहा है। शो का आजमाया और जांचा-परखा हुआ फॉर्मेट अस्तित्व में बना रहेगा, लेकिन अब कई अलग विधा के भी शो आ रहे हैं। मुझे लगता है कि 'युद्ध' के बाद कई नए दरवाजे भी खुलेंगे तथा लोग इस तरह के शो लाने का प्रयास करेंगे।