प्रिय पाठको, वेबदुनिया के बॉलीवुड के सेक्शन में नित नई, मनोरंजक, आकर्षक, दिलचस्प और चटपटी सचित्र जानकारियाँ देने की हमारी कोशिश रहती है। इन्हें पढ़कर आपको कैसा लगता है, हम जानना चाहते हैं।
आपकी बॉलीवुड संबंधी प्रतिक्रिया और सुझाव हम ‘सिने-मेल’ में प्रकाशित करेंगे। हमें इंतजार है आपके ई-मेल का ।
‘लागा चुनरी में दाग’ फिल्म की कहानी में कोई नयापन नहीं है। इस तरह की कहानी पर कई बार फिल्म बन चुकी है। इस तरह की कहानियाँ टीवी धारावाहिकों के लिए ठीक है। - भारती ( aapkiriya@rediffmail.com)
‘गो’ फिल्म की समीक्षा बहुत ही अच्छे तरीके से लिखी गई है। इससे पूरी फिल्म के बारे में अंदाजा लग जाता है। आपने मेरे पैसे बचा लिए। - रिंकी सिंह ( rinki_27@rediffmail.com)
‘रामगोपाल वर्मा के दामन में दाग’ पढ़ा। मुझे यह समझ में नहीं आता कि रामू हमेशा अंडरवर्ल्ड के पीछे ही क्यों पड़े रहते हैं, और भी अच्छे विषय मौजूद हैं। ‘रामगोपाल वर्मा की आग’ बेहद बुरी फिल्म थी। मैंने जिंदगी में इतनी बुरी फिल्म कभी नहीं देखी। अब यह रामू का फर्ज बनता है कि वे कुछ अच्छी फिल्में बनाएँ। - रेखा भाटिया ( rekhabhatai@hotmail.com)
‘नन्हे जैसलमेर’ फिल्म की समीक्षा दे। - विपुल मेहता ( vipul.mehta@suviinfo.com)
चक दे इंडिय ा एक बेहतरीन फिल्म हैं। इसे हर भारतीय को देखना चाहिए। शाहरुख का अभिनय प्रभावशाली है। जय हिंद। - कपिल गोलानी ( kapil.john@gmail.com)
मैं बहुत ह ी चुनिंदा फिल्म देखना पसंद करती हूँ। ‘चक दे इंडिया’ फिल्म में कहीं बनावटीपन नजर नहीं आया। सभी कलाकारों ने उम्दा अभिनय किया। यह फिल्म नारी की शक्ति को अच्छी तरह से दर्शाती है। - मंगेशा बघेल ( mangesha2506@yahoo.com)
‘शाहरुख खान : नंबर वन की पोजीशन बरकरार’ आलेख से मैं सहमत नहीं हूँ। मेरा मानना है कि बिग बी अभी भी नंबर वन हैं। शाहरुख को उनकी बराबरी करने में अभी समय लगेगा। - फिल्म पंडित ( filmpundit@gmail.com)
हेमा मालिनी के जन्मदिन पर प्रकाशित आलेख ‘आज भी हैं हेमा मालिनी ड्रीम-गर्ल’ पढ़ा। मेरा मानना है कि हेमा श्रेष्ठ अभिनेत्री हैं। उनकी जगह कोई भी नायिका नहीं ले पाई। वे आज भी बेहद खूबसूरत लगती हैं। - वसीम अकरम ( imran_ali5770@yahoo.com)
‘लागा चुनरी में दाग’ मुझे अच्छी लगी। मैं वेबदुनिया में प्रकाशित सामग्री रोजाना पढ़ता हूँ। यह साइट मुझे बेहद पसंद है। - सुमित गुगलानी ( sumit_guglani12@yahoo.co.in)
‘दीपिक ा : स्टार बनने की राह पर’ में दीपिका की खूब तारीफ की गई है। उसे सुपरस्टार का दर्जा देने की बात भी हजम नहीं होती। - शंकर मराठे ( shanm23@hotmail.com)
‘ढोल’ जैसी फिल्म केवल एक बार देखी जा सकती है। इन दिनों सभी हास्य फिल्में बना रहे हैं, लेकिन सभी हिट हों यह जरूरी नहीं है। - राजेश सैनी ( rajeshkrsaini@gmail.com)
‘लता : आवाज ही पहचान है’ में लता के बारे में बहुत ही अच्छी जानकारियाँ दी गई हैं। मैं इसके लिए वेबदुनिया को धन्यवाद देता हूँ। - हरिकृष्ण पांडे ‘प्रेमी’ ( premibluestar@yahoo.co.in)
स्वर कोकिला लता मंगेशकर को मेरी ओर से जन्मदिन की शुभकामनाएँ। - अनिल कुमार गेरा ( anilgera@nifm.ac.in)
‘सादा जीवन और उच्च विचार ’ को सार्थक करने वाले बहुत कम लोगों में से एक है लता मंगेशकर। ‘कर्म ही पूजा है’ ये साबित करने वाले बहुत कम लोगों में से एक है लता मंगेशकर। ‘आँख में हो स्वप्न, लेकिन पाँव पृथ्वी पर टिके हो’ इसको चरितार्थ किया है लता मंगेशकर ने। बहुत कुछ सीखना चाहिए हमें उनसे। - नेहा कवठेकर ( sknehap@webdunia.com)
लताजी द्वारा गाए हर गीत में एक ठहराव और सुकुन होता है। जिंदगी प्यार का गीत है इसे हर दिल को गाना पड़ेगा, आजा रे परदेशी, लो आ गई उनकी याद वो नहीं आए, दूरी ना रहे कोई जैसे गीत सदाबहार हैं। - इमरान खान ( Vora_imran84@yahoo.co.in)
‘धमाल’ फिल्म बहुत अच्छी और अश्लीलता से दूर है। अगर ऐसी फिल्म बनती रहे तो परिवार के साथ सिनेमाघर जाया जा सकता है। - प्रकाश ( rexton755@hotmail.com)
‘ढोल ’ फिल्म की समीक्षा कुछ खास पसंद नहीं आई। - अनिल ( anil2jhusi@yahoo.co.in) - रीना ( reene241088@evarta.com)
‘रानी को राजा की तलाश ’ पढ़ा, लेकिन आलेख पढ़कर यह समझ में नहीं आया कि रानी आदित्य चोपड़ा से शादी करने वाली है या नहीं। इसी तरह रानी की प्रदर्शित होने वाली फिल्मों में रानी द्वारा निभाए गए चरित्र के बारे में भी पूरी जानकारी नहीं है। - शंकर मराठे ( shanm23@hotmail.com)
‘शाहिद, करीना और वो?’ पढ़ा। करीना को शाहिद के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। शाहिद करीना को बेहद चाहता है। करीना कुछ तो समझदारी दिखाओ। - निधि ( nidhishakya@rediff.com)
‘एकलव्य’ जैसी फिल्मों के बजाय ‘चक दे इंडिया’ को ऑस्कर अवॉर्ड के लिए भेजा जाना था। - अशरफ ( ashmumtaj@gmail.com)
तनुश्री दत्ता सेक्सी भूमिकाएँ कर ही सफलता प्राप्त कर सकती हैं। - प्रसाद ( prashant_077@rediffmail.com)