रितिक रोशन को बचपन में थी यह समस्या, स्कूल नहीं जाते थे : रितिक रोशन को बॉलीवुड के मोस्ट हैंडसम हीरो में से एक माना जाता है। वे कम फिल्में करते हैं और उनके पास इस बात के लिए तर्क है कि वे क्वाटिंटी के बजाय क्वालिटी को महत्व देते हैं। दिलीप कुमार भी ऐसा ही करते थे और लंबे करियर में उन्होंने बहुत कम फिल्में की। कहते हैं कि वे उन्होंने जितनी फिल्में की हैं उससे ज्यादा ठुकराई हैं।
रितिक रोशन को बचपन में हकलाने की समस्या थी। सभी जानते हैं कि यदि कोई बच्चा या व्यक्ति इस तरह हकलाता है तो सभी उसका मजाक उड़ाते हैं। रितिक को भी इस तरह की बातों से जूझना पड़ा होगा।
बालक रितिक के उस दिन हाथ-पैर फूल जाते थे जब उनकी मौखिक परीक्षा (ओरल टेस्ट) होती थी। मैडम सवाल पूछती थी और रितिक हकलाने की समस्या के कारण ठीक से जवाब नहीं दे पाने के कारण नर्वस हो जाते थे। जिस दिन मौखिक परीक्षा होती थी, रितिक बहाने बना कर स्कूल नहीं जाते थे।
स्पीच थैरेपी के जरिये रितिक रोशन ने इस समस्या से निजात पाई। रितिक के मन में हकलाने को लेकर इतना भय है कि वे आज भी स्पीच थैरेपी को अपनाते हैं क्योंकि उन्हें इस बात का डर सताता है कि वे फिर से हकलाने न लग जाए।
अक्सर रितिक अपने संवादों को जोर-जोर से पढ़ कर प्रैक्टिस करते रहते हैं। अगले दिन होने वाली शूटिंग के सीन के डायलॉग वे जोर-जोर से दोहराते रहते हैं। रितिक मेहनती इंसान हैं और वे लगातार प्रैक्टिस करने से घबराते नहीं हैं।