सत्तर और अस्सी के दशक में बड़े सितारों की फिल्मों के पोस्टर पर निर्माता के रूप में मुशीर-रियाज का नाम नजर आता था। कुछ लोगों को यह एक व्यक्ति का नाम ही लगता था, लेकिन ये दो व्यक्तियों के नाम थे- मोहम्मद रियाज़ और मुशीरभाई आलम। जिस तरह से संगीतकारों में जोड़ी हुआ करती थी, कल्याणजी आनंदजी, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, शंकर जयकिशन, वैसे ही इन दोनों ने निर्माता के रूप में जोड़ी बनाई और फिल्में प्रोड्यूस की।
22 मई 2022 को मोहम्मद रियाज़ का मुंबई में निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे। कुछ वर्ष पूर्व मुशीरभाई आलम का निधन हुआ था। इनकी मृत्यु पर ज्यादा कुछ लिखा नहीं गया या फिल्म सितारों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि नहीं दी, जबकि इन दोनों ने कई बड़े बजट की फिल्मों का निर्माण किया था। शायद ये ग्लैमर वर्ल्ड से दूर थे इस कारण ज्यादा चर्चा में नहीं रहे।
मुशीर रियाज़ ने 28 वर्षों में 11 फिल्मों का निर्माण किया, जिनमें से ज्यादातर असफल रहीं। जबकि इन फिल्मों में बड़े सितारे थे, बड़े निर्देशकों ने इन्हें बनाया था, लेकिन सफलता मुशीर रियाज से दूर रही। तब बॉलीवुड में इन्हें 'अनलकी प्रोड्यूसर' कहा जाता था।
इनकी पहली फिल्म थी सफर (1970), जिसमें राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर थे। फिल्म के गानों ने खूब धूम मचाई और फिल्म भी हिट रही थी। राजेश खन्ना की जब तूती बोलती थी।
सफर की कामयाबी के बाद मुशीर-रियाज ने अगली फिल्म 'मेहबूबा' (1976) फिर राजेश खन्ना को लेकर बनाई। इसमें हेमा मालिनी भी थीं और आरडी बर्मन ने मधुर धुनें बनाईं। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औसत रही।
राजेश खन्ना जैसे सुपर सितारे के साथ काम करने के बाद मुशीर-रियाज ने दिलीप कुमार को लेकर बैराग (1976) बनाई। असित सेन द्वारा निर्देशित इस मूवी में दिलीप कुमार के ट्रिपल रोल थे। फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही और दिलीप कुमार ने चार-पांच बरस तक कोई फिल्म नहीं की।
1980 में मुशीर रियाज ने 'अपने पराए' बनाई जिसमें अमोल पालेकर मुख्य भूमिका में थे। ये मुशीर रियाज की पिछली फिल्मों से हटकर थी। कम बजट में बनाई गई एकमात्र फिल्म थी। फिल्म की चर्चा तो खूब हुई, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर नाकामयाबी मिली।
1982 में मुशीर रियाज के लिए विजय आनंद ने मल्टीस्टारर मूवी राजपूत बनाई, जिसमें धर्मेन्द्र, राजेश खन्ना, विनोद खन्ना, हेमा मालिनी, रंजीता, टीना मुनीम, रंजीत जैसे कलाकार थे। फिल्म को सफलता मिली, हालांकि जितनी बड़ी स्टारकास्ट थी उतनी सफलता फिल्म को नहीं मिली।
शक्ति (1982) में अमिताभ बच्चन और दिलीप कुमार को साथ लाकर मुशीर रियाज ने धमाका ही कर दिया। इसे शोले वाले रमेश सिप्पी ने निर्देशित किया था। इस फिल्म को लेकर लोगों में भारी उत्सुकता थी, लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर खास हलचल नहीं मचा पाई।
सनी देओल के साथ मुशीर रियाज ने ज़बरदस्त (1985) और समुंदर (1986) बनाई, लेकिन दोनों ही फिल्में बुरी तरह असफल रहीं। ज़बरदस्त को नासिर हुसैन और समुंदर को राहुल रवैल जैसे काबिल निर्देशकों ने बनाया था, लेकिन फिल्म को डूबने से वे नहीं बचा पाए।
1988 में मुशीर-रियाज ने मिथुन चक्रवर्ती और बी सुभाष की कामयाब जोड़ी को लेकर फिल्म कमांडो बनाई जो सफल रही। शक्ति के बाद मुशीर-रियाज के लिए रमेश सिप्पी ने अमिताभ बच्चन को लेकर 'अकेला' (1991) बनाई, लेकिन यह फिल्म असफल रही।
1997 में मुशीर रियाज़ के लिए प्रियदर्शन ने अनिल कपूर को लेकर 'विरासत' बनाई जो सराही भी गई और कामयाब भी रही। इसके बाद मुशीर-रियाज ने फिल्में नहीं बनाईं।
मुशीर रियाज की पहली फिल्म सफर और आखिरी फिल्म विरासत बॉक्स ऑफिस पर कामयाब रही। इसके बीच में उन्हें छुटपुट सफलताएं मिली। बड़े निर्देशक, बड़े सितारे और हिट गानों के बावजूद मुशीर-रियाज से सफलता दूर रही।
उन्होंने राजेश खन्ना, दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन जैसे सुपरस्टार्स के साथ काम किया। इन तीनों सुपरस्टार्स के साथ काम करने वाले बहुत कम फिल्म निर्माता हैं।
धर्मेन्द्र, विनोद खन्ना, सनी देओल, अनिल कपूर, मिथुन चक्रवर्ती भी मुशीर-रियाज की फिल्मों का हिस्सा रहे। असित सेन, शक्ति सामंत, रमेश सिप्पी, विजय आनंद, बी सुभाष, नासिर हुसैन, बी सुभाष, प्रियदर्शन जैसे दिग्गज निर्देशकों ने मुशीर रियाज के लिए फिल्में बनाईं।
भले ही मुशीर रियाज की फिल्मों को बहुत ज्यादा कामयाबी नहीं मिली हो, लेकिन वे ऐसे प्रोड्यूसर रहे जिन्होंने बड़े बजट और सितारों के साथ मूवी बनाई। अमिताभ और दिलीप कुमार की एक साथ की गई फिल्म एकमात्र फिल्म के वे प्रोड्यूसर थे।