दिव्येंदु शर्मा : मिल गया डेविड को ओमी!

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घुँघराले बालों और छोटी-सी दाढ़ी वाले ये सज्जन वैसे तो अपनी डेब्यू फिल्म 'प्यार का पंचनामा' के जरिए प्रशंसा पा चुके हैं। चूँकि फिल्म में और दो हीरो भी थे अतः उस फिल्म में इनके किरदार के हिस्से बहुत कम सीन आ पाए थे।

इसके बावजूद दिव्येंदु न केवल आलोचकों की भी तारीफ बटोरने में सफल रहे बल्कि डेविड धवन की फिल्म चश्मेबद्दूर में भी रोल पाने का मौका भी उन्हें मिल गया। हालाँकि इस फिल्म में भी वे अकेले हीरो नहीं होंगे, लेकिन सफलता के रास्ते पर नन्हे डग तो वे भरना शुरू कर ही चुके हैं।

डिग्री देखी जाए तो दिल्ली का यह युवा पॉलिटिकल साइंस में मास्टर है, लेकिन मन दिव्येंदु का रमा थियेटर में और यहीं से राह मिली फिल्मों की। दिव्येंदु ने पुणे के 'भारतीय फिल्म एंड टेलिविजन संस्थान' में भी दो साल डिप्लोमा कोर्स को दिए।

इसके पूर्व दिल्ली में कॉलेज के जमाने से ही वे थियेटर का हिस्सा बन चुके थे। उनका यही अनुभव बाद में उनके काफी काम आया। एफटीआईआई से निकलने के बाद दिव्येंदु ने ग्लैमर जगत का रुख किया। कुछ कमर्शियल्स काम उनके हाथ लगा और आखिरकार चार साल बाद 'प्यार का पंचनामा' उनके हिस्से आई। इस दौरान उन्होंने बतौर एक्स्ट्रा 'आजा नच ले' में भी काम किया।

फिलहाल चश्मेबद्दूर मिलने के बाद दिव्येंदु शर्मा की गाड़ी पटरी पर भी है और चल भी पड़ी है। प्यार का पंचनामा में लिक्विड का किरदार निभाने के बाद अब चश्मेबद्दूर में दिव्येंदु 'ओमी' नाम के कविनुमा किरदार में दिखेंगे। असल फिल्म में यह रोल राकेश बेदी ने किया था।

उन्हें यह रोल कैसे मिला इसके पीछे भी एक कहानी बताई जाती है। असल में अली जफर को फारुख शेख के और सिद्धार्थ को रवि वासवानी के रोल के लिए चुनने के बाद डेविड धवन राकेश बेदी वाले रोल के लिए एकदम सही व्यक्ति की तलाश में थे।

एक दिन एक विज्ञापन में उन्हें दिव्येंदु दिख गए और डेविड को लगा कि यही तो उनका 'ओमी' है। इस तरह दिव्येंदु को चश्मेबद्दूर के साथ ही एक बड़ा ब्रेक भी मिल गया। इस फिल्म को पाने के बाद दिव्येंदु बेहद उत्साहित हैं और बकायदा राकेश बेदी के साथ समय बिता रहे हैं ताकि वे किरदार को गहराई से समझ सकें। यही नहीं दिव्येंदु खुद को सई परांजपे का फैन मानते हैं और उनकी बनाई चश्मेबद्दूर कई बार देख चुके हैं। अतः एक तरह से यह उनके लिए छप्पर फट जाने जैसा मौका है।

दिव्येंदु का मानना है कि वे हर तरह के रोल करना चाहते हैं लेकिन टिपिकल हीरो की छवि में बँधना नहीं चाहते...। वैसे दिव्येंदु आपके चेहरे-मोहरे को देखते हुए शायद ही कोई आपको टिपिकल हीरो का रोल दे भी लेकिन फिलहाल इतना चूज़ी बनना ठीक नहीं।

खैर... टीवी के लिए कमर्शियल कर चुके दिव्येंदु छोटे पर्दे में भी खास रुचि नहीं रखते। वे कहते हैं कि-'मैं अपना पूरा ध्यान फिल्मों पर ही रखना चाहता हूँ। इसके अलावा थियेटर मुझे हमेशा से पसंद है। इसलिए टीवी मुझे खास आकर्षित नहीं करता। वैसे भी मैं न तो कोई रियलिटी शो कर सकता हूँ, न ही किसी सास-बहू सीरियल का हिस्सा बन सकता हूँ।

अभी तो टीवी का कोई भी ऐसा शो नहीं है जो मुझे आकर्षित करता हो। कॉलेज के समय से ही मैंने सोच लिया था कि मुझे थियेटर या फिल्मों में जाना है... इसलिए मैंने बीच में मॉडलिंग या फैशन शोज आदि के प्रोजेक्ट्‌स के लिए भी मन नहीं भटाकाया..क्योंकि मैं एक ही लक्ष्य रखना चाहता था।'

- रवि कोहली


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