बहुत कम लोग जानते है कि श्रद्धा संगीतकारों के परिवार से है। श्रद्धा के दादाजी पंढरीनाथ कोल्हापुरे एक शास्त्रीय गायक हैं। बचपन में श्रद्धा अक्सर अपने दादाजी के साथ रियाज़ किया करती थी। यही कारण था कि श्रद्धा इस ऑफर को लेकर उत्साहित थी।
गाना मिलते ही कुछ दिनों के अभ्यास के बाद श्रद्धा ने फिल्म के गाने की रिकॉर्डिंग दो दिन तक की। यह एक ड्युएट सांग है जो श्रद्धा ने अंकित तिवारी के साथ गाया है।
रिकॉर्डिग के बाद श्रद्धा अपने दादाजी को गाना सुनाने के लिए उत्साहित थी। इसके लिए श्रद्धा ने अपनी टीम से रिकॉर्डिंग की सीडी के लिए अनुरोध किया।
श्रद्धा ने अपने दादाजी को यह नहीं बताया कि वह किसी गाने में अपनी आवाज़ देने जा रही है क्योंकि श्रद्धा उन्हें गाना सुनाकर उनकी सही राय लेना चाहती थी। श्रद्धा के दादाजी खुश थे और हैरान भी की वह अपनी पोती को गाते हुए सुन रहे है। उन्होंने तारीफ करते हुए कहा की श्रद्धा ने नोट्स और धुन का ध्यान रखा है और बहुत अच्छा गाया है।