कुछ दिनों पहले तमिल के मशहूर एक्टर विजय सेतुपति ने श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन की बायोपिक ‘800’ की घोषणा की थी। इसके बाद से ही इस फिल्म का तमिल फिल्म इंडस्ट्री में विरोध होना शुरू हो गया। कई बड़ी फिल्म हस्तियों ने मुरलीधरन की बायॉपिक को बायकॉट करने की मांग शुरू कर दी। फिल्म को लेकर बढ़ते विवाद को देखते हुए विजय सेतुपति ने फिल्म को छोड़ने का फैसला ले लिया है।
विजय सेतुपति ने मुथैया मुरलीधरन के नोट को ट्वीट करते हुए लिखा, “धन्यवाद.. अलविदा..”। इस नोट में मुथैया मुरलीधरन ने विजय सेतुपति को फिल्म को वापस लेने का अनुरोध किया है। मुरलीधरन ने यह भी कहा कि वह नहीं चाहते थे कि एक्टर को नुकसान पहुंचे। मुरलीधरन का अनुरोध स्वीकार करते हुए विजय फिल्म से हट गए हैं।
बता दें, इस फिल्म को लेकर लोगों का मानना है कि मुरलीधरन के जीवन पर बन रही ‘800’ में उनका महिमामंडन किया जाएगा और किस तरह से उन्होंने तमिलभाषी विरोधी श्रीलंकाई नेताओं का साथ दिया, उसे छिपाया जाएगा। कई राजनेता मुरलीधरन पर यह आरोप लगाते हैं कि तमिलभाषी होने के बावजूद उन्होंने श्रीलंका में तमिलभाषियों के खिलाफ काम करने वाले श्रीलंकाई राजनेताओं और सरकारों का साथ दिया है।
हालांकि, इन आरोपों पर स्टेटमेंट जारी कर मुरलीधरन ने कहा, “मेरे ऊपर कई आरोप लगाए गए हैं कि मैंने नरसंहार का समर्थन किया है। पहली बात जब मैंने 2009 में एक बयान दिया था तो वह मेरी जिंदगी का बेस्ट साल था। यह गलत अंदाजा लगाया गया कि मैं तमिल नरसंहार का जश्न मना रहा हूं। जिस व्यक्ति ने अपनी जिंदगी वॉर जोन के बीच बिताई हो उसके लिए युद्ध खत्म होना एक अच्छी बात है। मुझे खुशी थी कि उन 10 सालों में दोनों ही तरफ से किसी मौत नहीं हुई। मैंने कभी भी हत्याओं का समर्थन नहीं किया है और न कभी करूंगा। सिंहली बहुसंख्यक श्रीलंका में एक अल्पसंख्यक के तौर पर रहते हुए तमिलों ने अपने सम्मान की लड़ाई लड़ी है। मेरे पैरंट्स खुद को दूसरे दर्जे का नागरिक समझते थे और मैं भी समझता था। क्रिकेट में सफलता पाने के बाद मैंने सोचा कि मेरे तमिल साथी भी मेरी तरह आगे बढ़ते हुए सम्मान पाए।”