बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन नानावटी अस्पताल में कोरोना का इलाज करवा रहे हैं। वह 11 जुलाई को एडमिट हुए थे। बिग बी तब से आइसोलेशन में हैं। डॉक्टर्स ने उनके स्वास्थ्य को स्थिर बताया है। दो हफ्ते तक आइसोलेशन में रहने के बाद सुपरस्टार ने कोविड-19 के इलाज का मानसिक स्थिति पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया है।
हमेशा अपने फैंस से घिरे रहने वाले अमिताभ बच्चन अभी अकेले कमरे में रह रहे हैं और कोई भी उनसे नहीं मिल रहा है और उन्हें किसी से भी मिले काफी लंबा वक्त हो गया है। अमिताभ बच्चन ने एक ब्लॉग लिखते हुए अपने आइसोलेशन वक्त के अनुभव लोगों के साथ शेयर किए हैं।
अमिताभ का का कहना है कि कोविड मरीज की मेंटल हेल्थ पर काफी असर पड़ता है, उन्हें अस्पताल में आइसोलेशन में रख दिया जाता है और वो कई हफ्तों तक किसी भी इंसान को नहीं देख पाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि उनका ध्यान रखने वाले डॉक्टर भी उनके पास नहीं आते और वीडियो चैट से बात करते हैं।
अगर कोई पास भी आता है तो पीपीई किट पहनकर आता है, ऐसे में कई दिनों तक इंसान नहीं दिखता है। हालांकि अमिताभ बच्चन ने यह भी माना कि इस वक्त में यह सब करना बहुत आवश्यक है।
अमिताभ बच्चन ने खुद का अनुभव शेयर करते हुए बताया कि उन्हें रिमोट ट्रीटमेंट दिया जा रहा है, जिसमें डॉक्टर वीडियो से बात करते हैं और बहुत कम परिस्थितियों में पास में आते हैं। एक्टर ने कहा कि इसका असर मानसिक स्थिति पर पड़ता है और सायकोलॉजिस्ट भी इस बात को मानते हैं।
अमिताभ का कहना है कि यहां इलाज करवाने के बाद जब वो बाहर जाता है तो उसकी मानसिक स्थिति अलग होती है और वो लोगों के बीच जाने से डरते हैं और उन्हें लगता है कि लोग अलग तरह से व्यवहार करेंगे।
बता दें कि अमिताभ बच्चन के साथ अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय और आराध्या भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सभी का इलाज नानावटी अस्पताल में चल रहा है।