Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर शिखर पहाड़िया ने दी प्रतिक्रिया, बोले- डर से किसी भाषा को जिंदा नहीं रख सकते

Advertiesment
हमें फॉलो करें Marathi language controversy

WD Entertainment Desk

, गुरुवार, 10 जुलाई 2025 (17:11 IST)
महाराष्ट्र में मराठी ‍भाषा विवाद ने बड़ा रूप ले लिया है। हिंदी और मराठी के बीच बढ़ते तनाव पर जाह्नवी कपूर के बॉयफ्रेंड शिखर पहाड़िया ने अपनी राय रखी है। जब मुंबई और पुणे में कुछ राजनीतिक पार्टी कार्यकर्ता मराठी न बोलने वालों के खिलाफ हिंसक कदम उठा रहे हैं, तब शिखर ने एक पोस्ट में कहा कि किसी भाषा को डर के जरिए जिंदा नहीं रखा जा सकता।
 
उन्होंने लिखा, अस्मिता यानी अपनी पहचान और स्वाभिमान, हमें जोड़नी चाहिए, तोड़नी नहीं चाहिए। इससे हमें गर्व महसूस होना चाहिए, घमंड या भेदभाव नहीं। हम भारत के किसी भी कोने से हों, कोई भी भाषा बोलते हों, हमारी अस्मिता हमें जोड़ती है। मराठी अस्मिता भी असली है, बहुत गहरी और हमारे जीवन से जुड़ी हुई है।
 
शिखर ने कहा कि हर भाषा को बचाना जरूरी है, लेकिन इसके लिए किसी की इज्जत को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए। मैं खुद सोलापुर का हूं, इसलिए ये बात अच्छे से समझता हूं। भाषा ही हमें बनाती है। इसी से हमारे राज्य, हमारी कहानियां बनीं। इसी ने हमें कवि, गीत और क्रांतियां दी हैं। 
उन्होंने कहा, मराठी भी इसका हिस्सा है। इसे संभालना, बचाना और आगे बढ़ाना जरूरी है। लेकिन ये गर्व दूसरों की बेइज्जती कर के नहीं होना चाहिए। खासकर उन लोगों की, जो ईमानदारी से मेहनत कर रहे हैं।
 
शिखर ने प्रवासियों का जिक्र करते हुए कहा, “बहुत से लोग काम की तलाश में दूसरे शहरों में जाते हैं। मराठी बोलने वाले भी दिल्ली, कोलकाता या चेन्नई में जाते हैं। सोचिए, अगर वहां उन्हें उनकी भाषा के लिए नीचा दिखाया जाए तो हमें कैसा लगेगा? जब लोग अपने परिवार से दूर मेहनत कर रहे हैं, तब उनके साथ हिंसा कर के भाषा थोपना गलत है। मुंबई में लोग हिंदी, तमिल या गुजराती बोलते हैं, इसमें कोई बुराई नहीं। असली दुख ये सोचना है कि इससे मराठी को खतरा है। हम डर से किसी भाषा को जिंदा नहीं रख सकते।
 
अंत में उन्होंने कहा, मुंबई, महाराष्ट्र और भारत उन सबका है जो इज्जत से जीते हैं, ईमानदारी से काम करते हैं और नम्रता से बात करते हैं, चाहे वे कोई भी भाषा बोलते हों। हमारी मराठी अस्मिता धमकियों से नहीं, अपनाने से और लोगों को जोड़ने से चमकेगी। मराठी को बचाना है तो उसे सेलिब्रेट करें, हथियार मत बनाइए।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

केडी- द डेविल का धांसू टीजर हुआ रिलीज, दिखी 70-80 के दशक की गैंगस्टर ड्रामा की झलक