सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के 'कौन बनेगा करोड़पति 14' में इस शुक्रवार को हॉटसीट पर वाराणसी, उत्तर प्रदेश के कंटेस्टेंट शानवेंद्र मिश्रा नजर आएंगे। शानवेंद्र एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में असिस्टेंट जनरल मैनेजर (कम्युनिकेशंस, नेविगेशन एवं सर्विलेंस सिस्टम्स) के पद पर कार्यरत हैं।
शानवेंद्र सबसे पहले केबीसी के मंच और हॉटसीट के प्रति श्रद्धा व्यक्त करेंगे और फिर अमिताभ बच्चन के कहने पर 'ज्ञाननाथ जी' यानी कंप्यूटर के चरण स्पर्श भी करेंगे। शानवेंद्र हॉटसीट पर आकर बेहद भावुक नजर आएंगे और बताएंगे कि किस तरह यह प्रतिष्ठित मंच आम लोगों को मशहूर बना देता है।
इस शो में आने के लिए शानवेंद्र ने 22 साल का सफर तय किया और अंततः हॉट सीट पर पहुंचे। वो केबीसी के बड़े दीवाने हैं और इस मौके पर बताएंगे कि कैसे वो इस शो की शुरुआत से ही इसे देख रहे हैं। उस समय टेलीविजन पर इस शो को देखते हुए वे सवालों के सही जवाब देते थे। तब उनके परिवार ने उन्हें इस शो में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया।
साल 2018 में 'प्ले अलॉन्ग' खेलते हुए उन्हें एक टीवी भी मिला था, जो उन्होंने अपने पिता को गिफ्ट किया था, जिस पर आज तक उनका परिवार केबीसी देखता है। केबीसी के फैन होने के नाते शानवेंद्र ने इस शो के लिए एक प्यारी-सी कविता भी लिखी है, जिसमें उन्होंने बेहतरीन होस्ट अमिताभ बच्चन को ट्रिब्यूट दिया है।
इस दिल छू लेने वाली कविता में अमिताभ बच्चन की 40 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के नाम शामिल किए गए हैं, जिसे बड़ी खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया। इस कविता में केबीसी की प्रतिष्ठित हॉटसीट तक पहुंचने का इस कंटेस्टेंट का सफर भी बयां किया गया है।
इस कविता का जिक्र करते हुए शानवेंद्र ने कहा, केबीसी में आने के लिए मैंने 22 साल का लंबा सफर तय किया है। जब से केबीसी शुरू हुआ था, तब से ही मैं हॉटसीट पर आना चाहता था और ऐसे में जब प्ले अलॉन्ग शुरू हुआ, तो मुझे लगा यह मेरे लिए एक सुनहरा अवसर है। शुरुआत में जब मैं एक स्टूडेंट था और उस समय जब मैं एसटीडी कॉल किया करता था, तो यह सफल नहीं हो पाता था और इसलिए मुझे कभी मौका नहीं मिला।
उन्होंने कहा, इसके बाद जब प्ले अलॉन्ग का कॉल सफल हुआ, तो मैं जानता था कि यह पड़ाव मुझे मेरी मंज़िल की तरफ ले जाएगा और उस साल से ही मैंने आपकी (अमिताभ बच्चन) फिल्मों और केबीसी को ध्यान में रखते हुए एक कविता लिखना शुरू किया। मैंने चंद पंक्तियों से इसकी शुरुआत की, जहां मैं हर बार प्ले अलॉन्ग खेलने की कोशिश करता था, लेकिन मुझे मौका नहीं मिलता था। मैं हर बार कोशिश करता था और इसी के साथ पिछले साल तक मैंने 28 पंक्तियां पूरी कर ली थी।
उन्होंने अपनी बेटी के साथ कंपैनियन बनकर केबीसी में आने का भी सोचा, जो पिछले सीज़न में केबीसी जूनियर्स का हिस्सा बनी थी, लेकिन ऐसा हो ना सका। उन्होंने बताया कि आखिर किस्मत ने उनका साथ दिया और फिर वो अमिताभ बच्चन और केबीसी को ट्रिब्यूट देते हुए यह कविता सुनाएंगे।
Edited By : Ankit Piplodiya