76 साल के हुए महेश भट्ट, डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'संकट' से की थी करियर की शुरुआत

WD Entertainment Desk
शुक्रवार, 20 सितम्बर 2024 (10:38 IST)
mahesh bhatt birthday: बॉलीवुड के जाने-माने फिल्मकार महेश भट्ट 76 वर्ष के हो गए हैं। महेश भट्ट का जन्म 20 सितंबर 1948 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता नानाभाई भट्ट फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने फिल्मकार थे। घर में फिल्मी माहौल के कारण उनका रुझान भी फिल्मों की ओर हो गया और वह निर्देशक बनने का सपना देखने लगे। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह निर्माता-निर्देशक राज खोसला के सहायक के तौर पर काम करने लगे।
 
महेश भट्ट ने अपने सिने करियर की शुरुआत साल 1970 में एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'संकट' से की। इसके बाद उन्होंने बतौर निर्देशक मंजिले और भी हैं, विश्वासघात, लहू के दो रंग, नया दौर और अभिमन्यु जैसी कई फिल्में निर्देशित की लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंचा।
 
साल 1982 में महेश भट्ट को फिल्म 'अर्थ' निर्देशित करने का अवसर मिला। फिल्म में स्मिता पाटिल, शबाना आजमी और कुलभूषण खरबंदा ने मुख्य भूमिका निभाई थी। माना जाता है कि इस फिल्म के जरिए महेश भट्ट ने अभिनेत्री परवीन बॉबी के साथ अपने रिश्ते को दर्शाया था। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई। साल 1984 में रिलीज फिल्म 'सारांश' महेश भट्ट के निर्देशन में बनी सुपरहिट फिल्म साबित हुई। फिल्म में अपनी बेहतरीन पटकथा के लिए महेश भट्ट मॉस्को फिल्म फेस्टिवल में पुरस्कार से सम्मानित भी किए गए।
 
साल 1986 में रिलीज फिल्म 'नाम' महेश भट्ट निर्देशित अहम फिल्मों में शुमार की जाती है। राजेन्द्र कुमार निर्मित इस फिल्म में संजय दत्त और कुमार गौरव ने अहम भूमिका निभाई थी। यूं तो इस फिल्म के लगभग सभी गीत सुपरहिट साबित हुए लेकिन पंकज उधास की मखमली आवाज में 'चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है' गीत आज भी श्रोताओं की आंखों को नम कर देता है।
 
साल 1986 से 1989 महेश भट्ट के सिने करियर का बुरा वक्त साबित हुआ। इस दौरान उनकी आज, काश, ठिकाना, कब्जा जैसी फिल्में रिलीज हुईं लेकिन ये सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से नकार दी गई। साल 1989 में महेश भट्ट ने अपने भाई मुकेश भट्ट के साथ मिलकर फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और विशेष फिल्म्स के बैनर तले 'डैडी' का निर्माण किया।
 
साल 1991 में ही महेश भट्ट निर्देशित एक और सुपरहिट फिल्म 'दिल है कि मानता नहीं' रिलीज हुई। आमिर खान और पूजा भट्ट की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म की कहानी हॉलीवुड फिल्म 'इट हैपेंड वन नाईट' पर आधारित थी। फिल्म में पूजा भट्ट और आमिर खान ने अपने चुलबुले अंदाज से दर्शकों का दिल जीतकर फिल्म को सुपरहिट बना दिया। 1993 में महेश भट्ट को एक बार फिर से आमिर खान के साथ फिल्म 'हम है राही प्यार के' में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में आमिर खान और जूही चावला की जोड़ी को दर्शकों ने बेहद पसदं किया था।
 
1995 में महेश भट्ट ने छोटे पर्दे की ओर भी रुख कर लिया और शोभा डे की कहानी 'स्वाभिमान' को निर्देशित किया। यह धारावाहिक दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था। 1998 में रिलीज फिल्म 'तमन्ना' महेश भट्ट के निर्देशन में बनी महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। 1998 में महेश भट्ट की एक और सुपरहिट फिल्म जख्म रिलीज हुई। इस फिल्म के जरिए महेश भट्ट ने अयोध्या में हुए बावरी मस्जिद विध्वंस के बाद मुंबई में हुए दंगे में एक परिवार को त्रास्दी को रूपहले पर्दे पर पेश किया था।
 
साल 1999 में रिलीज फिल्म 'कारतूस' की बॉक्स ऑफिस की असफलता के बाद महेश भट्ट ने फिल्म निर्देशन के क्षेत्र से किनारा कर लिया। हालांकि उन्होंने फिल्मों की कहानी और स्क्रीनप्ले लिखना जारी रखा। महेश भट्ट अपने सिने करियर में तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए गए। उन्होंने अपने चार दशक लंबे सिने करियर में लगभग 50 फिल्मों का निर्देशन किया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

बॉलीवुड हलचल

नेटफ्लिक्स-प्राइम वीडियो को टक्कर देने आया Waves, प्रसार भारती ने लॉन्च किया अपना ओटीटी प्लेटफॉर्म

नाना पाटेकर ने की अनिल शर्मा की शिकायत, वनवास के निर्देशक को बताया बकवास आदमी

प्राइम वीडियो ने रिलीज किया अग्नि का इंटेंस ट्रेलर, दिखेगी फायरफाइटर्स के साहस और बलिदान की कहानी

भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में इस दिन होगा जब खुली किताब का वर्ल्ड प्रीमियर

Bigg Boss 18 : सच में भी बिग बॉस के लाड़ले हैं विवियन डीसेना, वायरल वीडियो से खुली पोल!

सभी देखें

जरूर पढ़ें

भूल भुलैया 3 मूवी रिव्यू: हॉरर और कॉमेडी का तड़का, मनोरंजन से दूर भटका

सिंघम अगेन फिल्म समीक्षा: क्या अजय देवगन और रोहित शेट्टी की यह मूवी देखने लायक है?

विक्की विद्या का वो वाला वीडियो फिल्म समीक्षा: टाइटल जितनी नॉटी और फनी नहीं

जिगरा फिल्म समीक्षा: हजारों में एक वाली बहना

Devara part 1 review: जूनियर एनटीआर की फिल्म पर बाहुबली का प्रभाव

अगला लेख