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साईं के दूसरे वचन 'जैसा रूप हुआ जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मन का' को लेकर 'मेरे साईं' की वैष्णवी प्रजापति ने कही यह बात

हमें फॉलो करें साईं के दूसरे वचन 'जैसा रूप हुआ जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मन का' को लेकर 'मेरे साईं' की वैष्णवी प्रजापति ने कही यह बात
, गुरुवार, 10 मार्च 2022 (16:49 IST)
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का शो 'मेरे साईं : श्रद्धा और सबुरी' जिंदगी के अनमोल सबक सिखाता है। ये शो बड़ी खूबसूरती से जिंदगी की वो अच्छाइयां दिखाता है, जिन्हें हर किसी को अपने कर्मों को सार्थक बनाने के लिए अपने जीवन में उतारना चाहिए।

 
ऐसी ही एक अच्छाई है जो हमेशा साथ रहती है, वो यह की हमें नाकामियों से हारे बिना अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करना चाहिए। दूसरा साईं वचन है - 'जैसा रूप हुआ जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मन का।' इस वचन के आधार पर उर्वशी (वैष्णवी प्रजापति) की कहानी दिखाई जा रही है, जो एक नन्हीं लगनशील डांसर है, लेकिन कुछ दुर्भाग्यपूर्ण कारणों की वजह से उसके इस चुनाव को उसके चाचा नीची नजरों से देखते हैं।
 
इस शो में उर्वशी पूरी शिद्दत और लगन से अपने सपनों को पूरा करने में यकीन रखती है। इस किरदार को निभा रहीं वैष्णवी प्रजापति भी अपनी जिंदगी में यही नियम अपनाती हैं। वैष्णवी बताती हैं, डांस हमेशा से मेरी मेरा पैशन रहा है और पूर्व में डांस रियलिटी शोज़ का हिस्सा बनकर मुझे अपने सपनों को हकीकत बनाने की प्रेरणा मिली। 
 
उन्होंने कहा, बेशक कुछ ऐसे भी पल थे, जब मुझे लगा कि मैं सबकुछ छोड़ दूं, लेकिन मैंने हमेशा यह विश्वास रखा कि हर अंधेरे के बाद रोशनी की एक किरण जरूर होती है। इसी तरह वर्तमान में चल रहे ट्रैक में मेरा किरदार उर्वशी एक पैशनेट डांसर है, जो कभी हार नहीं मानती और साईं बाबा उसके सपनों को पूरा करने में उसकी मदद करते हैं।
 


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