क्वीन ऑफ अल्टरनेटिव सिनेमा हैं तापसी पन्नू, एक्ट्रेस की एक से बढ़कर एक फिल्मों पर डालें नजर

WD Entertainment Desk
सोमवार, 2 दिसंबर 2024 (14:34 IST)
बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू ने अपने बोल्ड और हटके फिल्मी चॉइसेस से एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने ऐसा मुकाम हासिल किया है कि लोग उन्हें अल्टरनेटिव सिनेमा की क्वीन कहते हैं। 
 
तापसी की फिल्में उन कहानियों को सामने लाती हैं जो मेनस्ट्रीम फॉर्मूलों से हटकर होती हैं और कुछ सोचने पर मजबूर करती हैं। उनका पूरा काम ये दिखाता है कि वो ऐसी कहानियां बताने में यकीन रखती हैं जो समाज के पुराने नियमों को चुनौती देती हैं और सिनेमा को एक नया अंदाज देती हैं।
 
आइए तापसी की फिल्मी जर्नी पर नज़र डालते हैं, जो उन लोगों के लिए एक मिसाल बन गई है जो अल्टरनेटिव सिनेमा में करियर बनाना चाहते हैं।
 
पिंक (2016)
तापसी की अल्टरनेटिव सिनेमा की जर्नी पिंक से शुरू हुई, जहां उन्होंने बेबाकी से एक ऐसी लड़की का किरदार निभाया, जो मर्दों द्वारा शासन किए जाने वाले समाज में न्याय के लिए लड़ती है। इस फिल्म ने सहमति और जेंडर समानता पर बातचीत शुरू की और साबित किया कि सिनेमा बदलाव का एक ताकतवर जरिया हो सकता है।
 
नाम शबाना (2017)
अपनी अगली फिल्म नाम शबाना में तापसी ने अपना एक बिल्कुल अलग अंदाज़ दिखाया। उन्होंने एक दमदार इंटेलिजेंस एजेंट का एक्शन से भरपूर रोल निभाया, जिससे उन्होंने न सिर्फ अपनी काबिलियत साबित की बल्कि भारतीय सिनेमा में महिलाओं को लेकर बने स्टीरियोटाइप भी तोड़े।
 
मुल्क (2018) और मनमर्जियां (2018)
डायरेक्टर अनुभव सिन्हा की फिल्म मुल्क में तापसी ने सांप्रदायिक भेदभाव के मुद्दों को उठाया। उसी साल मनमर्जियां में उन्होंने खुद का एक बेहद संवेदनशील और इमोशन से भरा पक्ष भी दर्शकों के सामने लाया।
 
सांड की आंख (2019)
सुप्रसिद्ध फिल्म सांड की आंख में तापसी ने एक बुजुर्ग शार्पशूटर का किरदार निभाया, जिससे उन्होंने खेल और सिनेमा में उम्रदराज महिलाओं को लेकर बने स्टीरियोटाइप्स को तोड़ा। यह फिल्म असल जिंदगी के शूटरों पर आधारित थी और इसने तापसी के एक्टिंग स्किल का एक बिलकुल नया रूप दिखाया।
 
थप्पड़ (2020)
बहुत ही महत्वपूर्ण फिल्म थप्पड़ में तापसी ने घरेलू हिंसा और महिलाओं के सम्मान के अधिकार पर सवाल उठाए। ये फिल्में उनकी उस खासियत को दिखाती हैं, जहां वह ऐसे स्क्रिप्ट्स चुनती हैं जो समाजिक मुद्दों पर मजबूती से रोशनी डालती हैं।
 
हसीन दिलरुबा (2021)
कल्ट हिट फिल्म हसीन दिलरुबा में तापसी ने मुश्किल, गलतियों से भरे और असल जिंदगी जैसे किरदार निभाए, जो इंसान के रिश्तों के काले और सफेद पहलू दिखाते हैं। जो लोग खुद को किसी एक ढांचे में नहीं बांधना चाहते, उनके लिए ये फिल्म एक बहादुरी भरा फैसला था।
 
तापसी ने 'फिर आई हसीन दिलरुबा' (2024) के साथ अपनी सफलता की झड़ी जारी रखी, जिसमें उन्होंने फिर से अनोखे और बोल्ड थीम्स को चुना। उनकी फिल्मी चॉइसेस ये दिखाती हैं कि वो हमेशा सीमाओं को तोड़ने के लिए तैयार रहती हैं, और परंपरागत सिनेमा की जगह गहरी और असरदार कहानियों को चुनती हैं। 
 
अपने बेबाक रोल्स और अलग-अलग तरह की कहानियों के जरिए तापसी पन्नू ने स्टारडम की नई परिभाषा दी है। उन्हें अल्टरनेटिव सिनेमा की क्वीन का दर्जा मिला है, और वह उन लोगों के लिए प्रेरणा बन गई हैं जो परंपराओं को चुनौती देने और नए रास्ते पर चलने की हिम्मत रखते हैं, और जो स्पेस अब उनका खुद का सिग्नेचर बन चुका है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

बॉलीवुड हलचल

दुआ लिपा ने कॉन्सर्ट में बजा शाहरुख का वो लड़की जो सबसे अलग है गाना, अभिजीत भट्टाचार्जी हो गए नाराज!

Bigg Boss 18 : सलमान खान ने किया वाइल्ड कार्ड कंटेस्टेंट यामिनी मल्होत्रा का सपोर्ट

अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए चंकी पांडे को मिले थे पैसे, एक्टर ने बताया रोचक वाक्या

बंदिश बैंडिट्स सीजन 2 का ट्रेलर हुआ रिलीज, दिखी विरासत, महत्वाकांक्षा और प्रेम की तकरार

नाना पाटेकर-उत्कर्ष शर्मा की फिल्म वनवास का ट्रेलर रिलीज, दिखी इज्जत और आत्म-स्वीकृति की भावनात्मक कहानी

सभी देखें

जरूर पढ़ें

भूल भुलैया 3 मूवी रिव्यू: हॉरर और कॉमेडी का तड़का, मनोरंजन से दूर भटका

सिंघम अगेन फिल्म समीक्षा: क्या अजय देवगन और रोहित शेट्टी की यह मूवी देखने लायक है?

विक्की विद्या का वो वाला वीडियो फिल्म समीक्षा: टाइटल जितनी नॉटी और फनी नहीं

जिगरा फिल्म समीक्षा: हजारों में एक वाली बहना

Devara part 1 review: जूनियर एनटीआर की फिल्म पर बाहुबली का प्रभाव

अगला लेख