मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में 15 दिसंबर को निधन हो गया था। जाकिर फेफड़े की बीमारी के चलते सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती थे। तबला वादक होने के साथ-साथ जाकिर हुसैन एक संगीताकर और संगीत निर्माता भी थे। इतना ही नहीं वह एक्टर भी थे।
अब जाकिर हुसैन को 19 दिसंबर को सैन फ्रांसिस्को में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। जाकिर हुसैन के अंतिम दर्शन करने उनके सैकड़ों फैंस पहुंचे थे। जाकिर हुसैन की अंतिम विदाई में ड्रमर आनंदन शिवमणि भी पहुंचे और उन्होंने अपने बैंड के साथ जाकिर हुसैन को अलविदा कहा।
9 मार्च 1951 को मुंबई में जन्में ताकिर हुसैन संगीत परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा थे। जाकिर हुसैन के परिवार में उनकी पत्नी एंटोनिया मिनेकोला और बेटियां अनीशा कुरैशी और इजाबेला कुरैशी हैं।
जाकिर हुसैन ने अपने करियर में पांच ग्रैमी पुरस्कार जीते, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे। भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।