बॉलीवुड के जानेमाने फिल्म निर्माता-निर्देशक और स्क्रीन राइटर विधु विनोद चोपड़ा 73 वर्ष के हो गए हैं। विधु विनोद चोपड़ा का जन्म 5 सितंबर 1952 को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हुआ था। विधु विनोद चोपड़ा को हमेशा से ही फिल्मों से प्यार था। उन्होंने फिल्म निर्देशन अपने करियर के रूप में देखा और पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में एडमिशन ले लिया जहां उन्होंने फिल्म निर्देशन की पढ़ाई की। 
 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	
	 
	इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा में कदम रख दिया। विधु विनोद चोपड़ा बॉलीवुड के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, स्टोरी राइटर और एडिटर है, इसलिए उन्हें मल्टी टैलेंटेड भी कहा जाता है। उनकी फिल्मों की खास बात यह होती है कि उनकी फिल्में दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ साथ लोगों को संदेश भी देती हैं।
	 
	विधु विनोद चोपड़ा की वर्ष 1976 में प्रदर्शित पहली शार्ट फिल्म 'मर्डर एट मंकी हिल' ने बेस्ट शार्ट एक्सपेरिमेंटल फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता और बेस्ट स्टूडेंट फिल्म का गुरू दत्त मेमोरियल अवार्ड भी जीता। इसके बाद बच्चों पर आधारित उनकी एक अन्य शार्ट डॉक्युमेंट्री एन एंकाउंटर विद फेसेस को 1979 के एकेडमी अवार्ड के डॉक्युमेंट्री शार्ट सब्जेक्ट की श्रेणी में नामांकित किया गया। इसने 1980 में टैम्पर फिल्म फेस्टिवल में ग्रैंड पिक्स भी जीता।
	 
	वर्ष 1981 में प्रदर्शित सजा-ए-मौत का निर्माण और निर्देशन विधु विनोद चोपड़ा ने किया है ।यह फिल्म मर्डर एट मंकी हिल पर आधारित थी। उन्होंने इसे एक पूर्ण-लंबाई वाली फिल्म में रूपांतरित किया, जिसमें नसीरुद्दीन शाह और राधा सलूजा ने वही भूमिकाएं निभाईं जो उन्होंने, खुद और अंजलि पैगांकर ने लघु फ़िल्म में निभाई थीं।
								
								
								
										
			        							
								
																	
									
										
										
								
																	
	वर्ष 1985 में विधु विनोद चोपड़ा ने अपनी स्वयं की प्रोडक्शन कंपनी, विनोद चोपड़ा फिल्म्स की स्थापना की। वर्ष 1985 में प्रदर्शित उनकी फिल्म खामोश में शबाना आज़मी, अमोल पालेकर, नसीरुद्दीन शाह और पंकज कपूर जैसे कलाकार प्रमुख भूमिकाओं में नज़र आए। उनकी अगली निर्देशित फिल्म, क्राइम ड्रामा परिंदा (1989), हिंदी सिनेमा में एक मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म में जैकी श्राफ, नाना पाटेकर, अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित ने अहम भूमिका निभाई थी।
	 
	वर्ष 1994 में प्रदर्शित विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म 1942: ए लव स्टोरी ब्रिटिश राज के पतन के दौरान की देशभक्ति से भरी रोमांटिक ड्रामा थी। अनिल कपूर और मनीषा कोइराला की मुख्य भूमिकाओं वाली यह आखिरी फ़िल्म थी जिसका संगीत दिग्गज आर.डी. बर्मन ने दिया था। 
	 
	विधु विनोद चोपड़ा की अगली दो फ़िल्में, करीब और मिशन कश्मीर भी समीक्षकों और व्यावसायिक रूप से सफल रहीं। इसके बाद विधु विनोद चोपड़ा ने मुन्ना भाई एमबीबीएस, लगे रहो मुन्ना भाई, 3 इडियट्स, पीके और संजू जैसी कामयाब फिल्मों का निर्माण किया। वर्ष 2023 में विधु विनोद चोपड़ा ने 12वीं फेल का निर्माण और निर्देशन किया, जो दर्शकों को बेहद पसंद आई।