Vinod Bhanushali: भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड ने 3 फिल्मों की एक शानदार डील क्रैक की है। दरसअल इस स्टूडियो ने क्रिटिकली अक्लेम्ड निर्देशक सुपर्ण एस वर्मा को एक अपकमिंग फिल्म का निर्देशन करने और दो और फिल्मों का रचनात्मक निर्माण करने के लिए साइन किया है। हाल में भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड ने इसकी घोषणा की है।
यह रणनीतिक सहयोग स्टूडियो के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि इसके साथ यह अपने रचनात्मक क्षितिज का विस्तार करते हुए शानदार सिनेमाई अनुभव देना जारी रखेंगे। ऐसा अवॉर्ड विनिंग सिर्फ़ एक बंदा काफ़ी है के बाद हो रहा है जिसे सुपर्ण ने रचनात्मक रूप से निर्मित किया था। अपनी दूरदर्शी स्टोरीटेलिंग और इनोवेटिव फिल्ममेकिंग अपरोच के लिए जाने जाने वाले, सुपर्ण एस वर्मा अपना अनूठा दृष्टिकोण और रचनात्मक विशेषज्ञता भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड में लाएंगे।
इस सहयोग से स्टूडियो के पोर्टफोलियो में बढ़ावा होने की उम्मीद है, जिससे हाई क्वालिटी, विविध और आकर्षक कंटेंट प्रोड्यूस होगा। इसके तहत निर्देशक एक आगामी फिल्म की बागडोर संभालेंगे, जिसमें वे अपनी विशिष्ट शैली और रचनात्मकता का समावेश करने का वादा करेंगे। यह फिल्म अभी प्री-प्रोडक्शन फेज में है और अगले साल की शुरुआत में इसकी शूटिंग शुरू होने वाली है। वहीं कास्ट और क्रू के बारे में ज्यादा जानकारी जल्द ही घोषित की जाएगी।
निर्देशन के अलावा, वह दो और फिल्मों के लिए क्रिएटिव प्रोड्यूसर के रूप में भी काम करेंगे। इस क्षमता में, वह रचनात्मक निर्देशन की देखरेख करेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि हर परियोजना स्टूडियो के नजरिए के अनुरूप हो और साथ ही पारंपरिक फिल्म मेकिंग की सीमाओं को आगे बढ़ाए।
विनोद भानुशाली ने कहा, सिर्फ एक बंदा काफी है के बाद हम फिर से भानुशाली स्टूडियोज परिवार में ऐसे प्रतिभाशाली और दूरदर्शी निर्देशक को पाकर बहुत खुश हैं। सुपर्ण का शानदार काम और कहानी कहने का उनका इनोवेटिव अपरोच हमारे मिशन के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है, जिससे हम अकर्षक और विविधतापूर्ण फिल्में बना सकेंगें। हमें विश्वास है कि इस सहयोग से दुनिया भर के दर्शकों को असाधारण सिनेमाई अनुभव मिलेगा।
सुपर्ण ने सहयोग के बारे में अपना उत्साह जाहिर करते हुए कहा, मुझे भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड के साथ मिलकर काम करने की एक्साइटमेंट है, एक ऐसा स्टूडियो जो एक्सीलेंस और क्रिएटिविटी का प्रतीक है। साथ मिलकर हम ऐसी फिल्में बनाना चाहते है जो ऑडियंस को पसंद आएं और एक स्थायी प्रभाव छोड़ें, बिल्कुल वैसे ही जैसे 'सिर्फ एक बंदा काफी है' ने किया।