करनवीर डोगरा इंडियन आर्मी का कमांडो है और दुर्घटनावश वह चीन की सीमा में घुस जाता है। वह पकड़ा जाता है। चीनियों को वह विश्वास नहीं दिला पाता कि उसकी नीयत में कोई खोट नहीं है और यह सब अनजाने में हुआ है। चीनी सोचते हैं कि करनवीर को यदि वे भारतीय जासूस के रूप में पेश करें तो भारतीय सरकार को नीचा दिखाया जा सकता है। दूसरी ओर भारतीय सरकार समझ जाती है कि करन की बात नहीं सुनी जाएगी लिहाजा वह करन का आर्मी रिकॉर्ड मिटा देती है और उसके वजूद से ही इंकार करती है।
करन किसी तरह चीनियों को चकमा देने में सफल रहता है और लेपचा बॉर्डर से हिमाचल प्रदेश में घुसता है। किन्नौर होते हुए वह पठानकोट जाना चाहता है जहां उसका बेस है। हिमाचल-पंजाब बॉर्डर क्रॉस करते ही उसकी मुलाकात सिमरित से होती है। सिमरित अमृत कंवल सिंह के गुंडों से बच कर भाग रही है।
अमृत कंवल सिंह अपने राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी तरह सिमरित से शादी करना चाहता है। अमृत के गुंडे सिमरित का पीछा करते हुए वहां आ पहुंचते हैं। करन उन्हें चेतावनी देता है, लेकिन वे नहीं मानते। बदले में करन के हाथों उन्हें जम कर मार खाना पड़ती है। सिमरित का कहना है कि करन ने उसके लिए और मुश्किलें खड़ी कर दी हैं और जब तक वह अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं करेगी तब तक करन को उसके साथ रहना होगा।
सिमरित का पीछा करते हुए अमृत कंवल आ धमकता है और अंधेरिया ब्रिज पर सिमरित को करन के साथ देखता है। कोई चारा न देख सिमरित और करन पुल से नदी में छलांग लगा देते है। बहते हुऐ वे जंगल जा पहुंचते हैं। सिमरित की कहानी करन सुनता है और उसकी मदद करने का आश्वासन देता है। जंगल से वे तभी बाहर निकलने की सोचते हैं जब तक कि अमृत का गुस्सा ठंडा न पड़ जाए। दूसरी ओर अमृत उनका पीछा करना जारी रखता है। अब चूहे-बिल्ली का खेल अमृत और उसके आदमी तथा सिमरित-करन के बीच शुरू हो जाता है। क्या करन खतरनाक अमृत जो अपने आपको एके 74 कहता है से बचा पाएगा? जानने के लिए देखिए ‘कमांडो’।