प्रकाश मेहरा द्वारा निर्देशित ‘जंजीर’ (1973) ने अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बनाया था। उसी फिल्म का रिमेक 40 वर्ष बाद बनाया गया है, जिसमें लीड रोल दक्षिण भारतीय फिल्मों के स्टार राम चरण तेजा ने निभाया है।
विजय बेहद ईमानदार पुलिस ऑफिसर है और एक बार फिर उसका ट्रांसफर हो गया है। वह अंडरवर्ल्ड के गुंडों को सलाखों के पीछे डालना चाहता है। उसके पास एक ऐसा मामला आता है जिसमें तेजा के गुंडों द्वारा की गई हत्या की एक चश्मदीद गवाह पुलिस की मदद करने से इंकार करती है। रिया को विजय इस बात के लिए राजी कर लेता है कि वे तेजा के खिलाफ अपना बयान दे।
तेल माफिया तेजा किसी भी कीमत पर रिया की मौत चाहता है। उसकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विजय अपने घर में उसे जगह देता है। धीरे-धीरे विजय को महसूस होता है रिया उसकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गई है।
विजय की मुलाकात शेरखान से होती है। शेरखान अवैध तरीके से कारों को खरीदने और बेचने का काम करता है। विजय की ईमानदारी से शेरखान बेहद प्रभावित होता है और अपने आपको बदल लेता है। वह विजय को अपना दोस्त बना लेता है और उसके लिए वह कुछ भी करने के लिए तैयार है।
विजय अपनी खुद की लड़ाई भी लड़ रहा है। वह उस शख्स की तलाश कर रहा है जिसने उसके माता-पिता की हत्या की है। वह छोटा था तब उसकी आंखों के सामने उसके मां-बाप की हत्या कर दी गई थी।
‘जंजीर’ की कहानी विजय के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई, तेजा को पकड़ने की कोशिश और अपने माता-पिता के हत्यारों को ढूंढने के इर्दगिर्द घूमती है।